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अवैध रेत उत्खनन पर कार्यवाही करने का आश्वासन देने वाले नायाब तहसीलदार रातोरात हटाये गयें,सरकार तथा प्रशासन पर भारीं है रेत माफिया

दीपक शर्मा

पन्ना ३ सितम्बर ;अभी तक ;  पन्ना जिले की अजयगढ़ तहसील अन्तर्गत विभिन्न स्थानो पर वर्षो से अवैध रूप से रेत का काला कारोबार चल रहा है, लेकिन मजाल है उसें बंद किया जाये, क्योकि उक्त अवैध रेत के कारोबार से करोड़ो रूपये की राशि का बंदर बाट प्रतिदिन हो रहा है। जिसमें राजनैतिक दल, के जन प्रतिनिधी, जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन शामिल है। अनेको बार विपक्षी दलों के द्वारा उक्त रेत के कारोबार के विरोध में प्रदर्शन एवं ज्ञापन दिये गये, तथा स्थानीय लोगो द्वारा भी आवेदन देकर कार्यवाही करने की मांग की गई। लेकिन उक्त अवैध कारोबार बंद नही हुआ। उसके उलट बड़ता ही गया तथा नदी घाटो से लेकर क्षेत्र के लोगो के निजी खेतो से भी रेत का कारोबार लगातार जारी है।

उक्त कार्य युफोरिया माईन्स मिनरल मल्होत्रा कंपनी द्वारा किया जा रहा है। पन्ना जिलें में अभी तक कोई भी रेत खदान स्वीकृत नही है। बिना शासकीय वैध दस्तावेज के सैकड़ो ट्रक रेत निकाली जा रही है। अधिकांश वाहनों में रायल्टी पर्ची की जरूरत ही नहीं पडती है। जिसमे पड़ती है तो छतरपुर की रायल्टी दिखाकर वाहनो को आंगे कर दिया जाता है। बीते दिवस इसी अवैध रेत के कारोबार को लेकर दिनांक 2 सितम्बर को अजयगढ ग्राम अन्तर्गत रामनई ग्राम मे पन्ना ब्लाक कांग्रेस अध्यक्ष तथा कार्यकर्ताओं एवं स्थानीय लोगो द्वारा धरना प्रदर्शन किया गया था तथा मुख्यमंत्री के नाम तहसीलदार को ज्ञापन दिया गया था।

उक्त ज्ञापन धरमपुर वृत्त के नायाब तहसीलदार खेमचन्द्र यादव को सौपा गया था। ज्ञापन के बाद नायाब तहसीलदार श्री यादव ने संबंधित कांग्रेस कार्यकर्ताओं को तीन दिन के अन्दर अवैध रेत कारोबार बंद कराने का आश्वासन दिया था तथा कार्यवाही करने की भी बात कही थी। लेकिन चंन्द घंटो बाद उनके आश्वासन देने के उसी रात नौ बजें उनका स्थानान्तरण आदेश कलेक्टर द्वारा थमा दिया गया था तथा उल्लेखित आदेश में उन्हें भू अभीलेख कलेक्टर कार्यालय में अटैच कर दिया गया, तथा संपूर्ण तहसील का प्रभार सुरेन्द्र अहिरवार तहसीलदार को सौप दिया गया।

इसी प्रकार का मामला पूर्व में भी हो चुका है। जिसमें तत्कालीन एसडीमे कुशल सिंह गौतम के द्वारा अवैध रेत माफिया पर कार्यवाही करते हुए दो दर्जन डम्फर तथा आधा दर्जन एलएनटी मशीने अवैध रूप से रेत उत्खनन करते हुए उनके द्वारा पकड़ी गई थी। जिसमें पकडी हुई मशीने तथा डम्फर रेत माफिया छीन कर ले गये थें। उसके बाद एसडीएम द्वारा 111 करोड़ का जुर्माना किया था। लेकिन इसकी जसा भी एसडीएम कुशल सिंह गौतम को भोगनी पड़ी थी तथा उन्हे अजयगढ एसडीएम के पद से हटाकर पन्ना कलेक्टर कार्यालय मे अटैच कर दिया गया था।

इस प्रकार देखा जा रहा है कि खनिज माफिया के खिलाफ कार्यवाही करने वाले अधिकारीयों पर भी ही गाज गिरती है। इससे लगता है कि यह अवैध कारोबार किसी भी स्थिती में बंद नही होगा। जबकी अवेध रूप से चल रही रेत खदानो के कारण सरकार को प्रतिमाह कई करोड के राजस्व का नुकसान हो रहा है। लेकिन नेता एवं अधिकारीयों को इससे बड़ा फायदा हो रहा है।

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