प्रदेश

07 वर्षीय बालिका के साथ गलत काम करने वाले आरोपी को हुआ  तिहरा आजीवन कारावास

विधिक संवाददाता
इंदौर ४ सितम्बर ;अभी तक ;   जिला लोक अभियोजन अधिकारी श्री संजीव श्रीवास्तव ने बताया कि दिनांक 30.08.2024 को माननीय न्यायालय द्वितीय अपर सत्र न्‍यायाधीश एवं विशेष न्‍यायाधीश (पॉक्‍सो एक्‍ट) सुश्री सविता जड़ि‍या, इंदौर ने थाना लसुडिया के विशेष सत्र प्रकरण क्रमांक 183/2023 में निर्णय पारित करते हुए अभियुक्‍त राघवेन्‍द्र उर्फ रामू, उम्र 20 वर्ष, निवासी- ललितपुर, जिला झाँसी, (उत्तर प्रदेश) को धारा 376, 376-एबी भा.दं.सं. व धारा ¾,  5(M)/6 पॉक्‍सो एक्‍ट में आजीवन कारावास तथा धारा 450 भा.दं.सं. में 10 वर्ष का सश्रम कारावास एवं कुल 4500/- रुपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया। प्रकरण में जिला लोक अभियोजन अधिकारी के निर्देशन में अभियोजन की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक श्री संजय मीणा द्वारा की गई।
                                 घटना का संक्षिप्‍त विवरण इस प्रकार है कि दिनांक 16.06.2023 को पीड़ि‍ता की माता ने थाने पर उपस्थित होकर इस आशय की रिपोर्ट दर्ज करवायी कि वह चॉकलेट फैक्ट्री में काम करती है, उसके पति मिस्त्री का काम करते हैं। दिनांक 15.06.2023 को सुबह वह व उसके पति काम पर गए थे तथा उसकी लड़की उम्र 07 वर्ष व लड़का उम्र 04 वर्ष घर पर ही थे, रात्रि 08:30 बजे वह काम कर वापस घर लौटी तो उसके मकान मालिक ने उसे बताया कि दिन में अभियुक्‍त घर आया था और उनकी बच्ची पीड़ि‍ता व आरोपी कमरे के अंदर थे तथा दरवाजा अंदर से बंद था, दरवाजा बजाने पर भी नहीं खोल रहे थे, तब उसने अपनी बच्ची से पूछा तो उसने बताया कि वह दिन में कपडे धो रही थी, उसका भाई घर के बाहर रेती में खेल रहा था तभी आरोपी आया और अंदर से दरवाजे की कुंदी लगा ली और उसे पकड़ लिया और उसके साथ गलत काम किया, फिर वहाँ से चला गया। इस रिपोर्ट के आधार पर अपराध क्रमांक 812/2023, धारा 376, 376-एबी भा.दं.सं. एवं धारा 3/4, 5/6 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम, 2012 के अंतर्गत कायमी कर विवेचना आरंभ की गई।
                                 विवेचना के दौरान घटनास्थल का नक्शा मौका बनाया गया। पीड़िता के धारा 161 व 164 द.प्र.सं. के न्यायालय में कथन लेखबद्ध करवाए गए तथा उसका मेडिकल परीक्षण करवाया गया। अभियुक्त को गिरफ्तार किया गया। संपूर्ण विवेचना पश्चात् अभियोग-पत्र माननीय न्यायालय में प्रस्तुत किया गया, जिस पर से अभियुक्‍त को उक्‍त दण्‍ड से दण्डित किया गया।

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