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समयपालनता में रतलाम मंडल दूसरे स्‍थान पर

महावीर अग्रवाल
मन्दसौर  १४ सितम्बर ;अभी तक ;   पश्चिम रेलवे रतलाम मंडल पर यात्री सुविधा, अधोसंरचनात्‍मक विकास के साथ ही साथ संरक्षा एवं सुरक्षा के प्रति सजग और सतर्क तो है ही ट्रेनों के परिचालन में भी मंडल काफी सजग है। इसी का प्रतिफल है कि वर्ष 2024-25 में अभी तक के आंकड़ो की बात करें तो रतलाम मंडल पूरे भारतीय रेलवे के 17 जोन के 68 मंडलों मेंदूसरे स्‍थान पर है।
रतलाम रेल मंडल के जनसंपर्क अधिकारी श्री खेमराज मीणा ने बताया कि अप्रैल, 2024 से 12 सितम्‍बर, 2024 तक जारी आंकड़ो के अनुसार पश्चिम रेलवे का रतलाम मंडल 97.5 प्रतिशत समपयपालनता के साथ दूसरा स्‍थान प्राप्‍त किया है। दक्षिण रेलवे का मदुरई मंडल समयपालना में पहले स्‍थान पर है। इस अवधि के लिए जारी समयपालनता में प्रथम 10स्‍थान में पश्चिम रेलवे का एक मात्र मंडल रतलाम मंडल है जो दूसरा स्‍थान पाने में सफल रहा है।
उन्होंने बताया कि मंडल रेल प्रबंधक श्री रजनीश कुमार के कुशल मार्गदर्शन के साथ ही परिचालन, इंजीनियरिंग, सिगनल, बिजली सहितअन्‍य संबंधित विभागों के मध्‍य कुशल समन्‍वय के कारण ही हम इस उपलब्धि को प्राप्‍त किये हैं। ट्रैक एवं अन्‍य मरम्‍मत कार्य के लिए ब्‍लॉक जारी करना, समय पर ब्‍लॉक समाप्‍त करना, ट्रेन मैनेजरों एवं लोको पायलटों का समुचित उपयोग एवं उचित मॉनिटरिंग समयपालनता को बनाये रखने में सहायक होता है।
 रतलाम मंडल पश्चिम रेलवे का एक महत्‍वपूर्ण मंडल है जो गुजरात, मध्‍य प्रदेशएवं राजस्‍थान में फैला है । मंडल के विभिन्‍न स्‍टेशनों से होकर प्रतिदिन औसतन लगभग150 से अधिक यात्री ट्रेने एवं 70 से अधिक मालगाडियों का परिचालन किया जाता है । मंडलके अंतर्गत गोधरा, नागदा, भोपाल, चित्‍तौड़गढ़, चंदेरिया ये पांच ट्रेनों के हैंडिंग ओवर एवं टेकिंग ओवर पाईंट हैं।यह मंडल ट्रेन परिचालन की दृष्टि से देखें तो काफी विविधताओं से भरा है। इतनी चुनौतियों के बावजुद मंडल के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के सतत प्रयास के कारण ही हम इस उपलब्धिको प्राप्‍त कर सके हैं।
  रतलाम मंडल इस उपलब्धि को बनाये रखने एवं और अधिक सुधार करने केलिए प्रयासरत है

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