सरपंच का बडा कारनामा निजी भवन को शासकीय बताकर हडपनें की कर रहे कार्यवाही
दीपक शर्मा
पन्ना १७ सितम्बर ;अभी तक ; जिले की गुनौर जनपद पंचायत अन्तर्गत ग्राम पंचायत महेवा के सरपंच राजेश व्यास द्वारा मनमाने ढंग से झूठे दस्तावेजो को लगाकर स्थानीय व्यक्ति के निजी भवन को सरकारी बताकर झूठे दस्तावेजो के आधार पर वरिष्ट अधिकारीयों को गुमराह किया जा रहा है तथा उक्त पुराने पंचायत भवन को हडपने की तैयारी कर रहा है। जबकी संबंधित भवन स्वामी अरविन्द पचौरी के पास सन् 1958 से लेकर सभी प्रकार के दस्तावेज उपलब्ध है। जो उन्होने खरीदी गई जमीन पर भवन का निर्माण कराकर ग्राम पंचायत संचालन के लिए भवन दिया गया था।
भवन स्वामी अरविन्द पचौरी द्वारा जिला कलेक्टर सहित वरिष्ट अधिकारीयों के नाम किये गये पत्रचार में उल्लेख किया गया कि, जिस पुराने भवन में ग्राम पंचायत संचालित हो रही थी तथा उसी में बाद मे पुलिस चौकी का भी संचालन किया गया। वह हमारी पैत्रिक जमीन है, तथा हमारे पिता जी द्वारा क्रय की गई थी। जिसके सभी दस्तावेज उपलब्ध है। उक्त जमीन सन् 1963 में बहोरे पिता रूकमणि बानिया निवासी महेवा से मदन मोहन पचौरी पिता छोटेलाल पचौरी द्वारा दो सौ रूपये मे खंडहर रूपी मकान खरीदा गया था। उक्त खंडहर मकान को दुरूस्थ कराकर मेरे पिता मदन मोहन पचोरी द्वारा 16 मार्च 1964 को ग्राम पंचायत संचालन के लिए तत्कालीन सरपंच जगमोहन व्यास को ग्राम पंचायत कार्यालय संचालन के लिए दिया गया था। जिसमें अनेक शर्तो का भी हलपनामा मे उल्लेख किया गया था। जिसमें लेख किया गया था, कि मकान मालिक को किराया देना होगा, मकान मालिक ने दिये हुए मकान में कार्यालय ग्राम पंचायत भवन लिखे जाने की अनुमति दी गई थी तथा उसमें यह भी उल्लेख किया गया था कि कोई बाद विवाद हुआ तो उसकी जिम्मेवारी ग्राम पंचायत की होगी। मरम्मत भी गाम पंचायत को कराना होगा, तथा जब भी भवन की आवश्यकता होगी मकान खाली करना पडे़गा।
उक्त तमाम शर्तो का भी शपथ पत्र मे उल्लेख किया गया है। उसी भवन में ग्राम पंचायत कार्यालय महेवा लगातार संचालित होता रहा, सन् 1981 में पुलिस चौकी भी स्वीकृत हुई थी, जिसके संचालन के लिए ग्राम पंचायत संबंधित मकान में वैकल्पिक तौर पर आधे हिस्से में पुलिस चोकी का भी संचालन होता रहा। इसके बाद 1998 में पंचायत भवन का नवीन शासकीय भवन बन कर तैयार हो गया था। जिसमें ग्राम पंचायत कार्यालय संचालित होने लगा तथा उक्त पुराने निजी मकान में पुलिस चौकी का संचालन होता रहा है। जिसके संबंध में भवन स्वामी अरविन्द पचौरी द्वारा समय समय पर भवन खाली कराने के संबध में ग्राम पंचायत कार्यालय तथा पुलिस अधीक्षक कार्यालय एवं पुलिस चौकी को पत्रचार के माध्यम से भवन खाली कराने के संबध में अवगत कराया गया। इसी वर्ष पुलिस चौकी का भी नवीन भवन बनकर तैयार हो गया, जिसमें पुलिस चोकी संचालित होने लगी तथा उक्त पुराने भवन को खाली कर दिया गया। लेकिन सरपंच राजेश व्यास द्वारा फर्जी रूप से दस्तावेज लगाकर वरिष्ट अधिकारीयों को पत्रचार करना प्रारंभ कर दिया गया कि उक्त पुराना जो भवन था वह निजी नही शासकीय ग्राम पंचायत का है। जबकी कोई भी दस्तोवेज शासकीय भवन के नाम के नही है। जबकी भूमि स्वामी अरविन्द पचौरी द्वारा अपने भवन को खाली कराने के संबंध मे मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत कलेक्टर कार्यालय सहित अन्य वरिष्ट अधिकारीयो को दस्तावेज लगाकर पत्राचार किये गये।
उसके तारतम्य में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत द्वारा जनपद पंचायत गुनौर को पत्र लिखकर संबंधित निजी भवन भवन स्वामी को सौपने के निर्देश भी सचिव एवं सरपंच को दिये गये। लेकिन सरपंच द्वारा उक्त भवन संबंधित को हस्तानान्तरित न करके झूठी शिकायत करके बाधा उत्पन्न की गई है। जबकी ग्राम पंचायत द्वारा पूर्व में ही पत्र के माध्मय से अवगत कराया गया था कि यह निजी भवन है, शासकीय होने के कोई भी दस्तावेज ग्राम पंचायत कार्यालय के पास उपलब्ध नही है। लेकिन उसके बावजूद सरपंच द्वारा मनमाने ढंग से संबंधित भवन खाली नही किया जा रहा है तथा बाधा उत्पन्न की जा रही है। जबकी भवन स्वामी अरविन्द पचौरी द्वारा उक्त भवन में विद्युत कनेक्शन करा लिया गया है तथा भवन को गिराकर पुनः बनाने के लिए मंजूरी भी प्राप्त कर ली गई है। लेकिन संबंधित सरपंच द्वारा राजनैतिक द्वेष के चलते अनावश्यक परेशान किया जा रहा है। संबंधित भवन स्वामी ने वरिष्ट अधिकारीयों से भवन खाली कराने एवं सरपंच के खिलाफ कार्यवाही करने की मांग की है।