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दशपुर रंगमंच ने कवि रामधारीसिंह का जन्मदिन काव्य गोष्ठी के रूप में मनाया

महावीर अग्रवाल 

मन्दसौर २४ सितम्बर ;अभी तक ;   दशपुर रंगमंच ने प्रसिद्ध कवि रामधारीसिंह का जन्मदिन काव्य गोष्ठी के रूप में मनाया।
कार्यक्रम की शुरूआत साहित्यकार व कवि गोपाल बैरागी के काव्यपाठ ‘‘अब तो करनी है हमें खुद ही हिफाजत अपनी, अब पड़ोसी भी नहीं हमको बचाने वाला’’ से हुई। कवि हरिश दवे ने कविता के रूप में कहा ‘‘कवि किसी झण्डे का गुलाम नहीं होता’’ स्वाति रिछावरा ने कविता ‘‘ख्वाहिश नहीं मुझे मशहूर होने की।
आबिद भाई ने दिनकरजी की कविता ‘‘नीत जीवन के संघर्षों से जब टूट चुका हो अन्तर्मन’’ सुनाई। ललित बटवान ने कविता ‘‘तुम ही शक्ति हमारी जननी जननी‘‘ सुनाया। यशीता दवे ने संजा पर व्यंग गीत पढ़ा। हिमांशु वर्मा ने ‘‘जय-जय भारत माता’’ सुनाई। अभय मेहता ने ‘‘रंगी नजारे कहते है सारे’’ कविता सुनाई। आशीष मराठा ने गीत ‘‘बचपन चला गया, जवानी चली गई’’ सुनाया। कवि धु्रव जैन ने बेटी के ऊपर कविता सुनाई।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रदीप शर्मा ने कहा कि दिनकरजी दो बार राज्यसभा के सदस्य रहे है। उनको पद्म विभूषण की उपाधि से नवाजा गया है।
संचालन अभय मेहता ने किया व आभार ललिता मेहता ने माना।

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