प्रदेश

पूर्व प्रान्ताध्यक्ष एवं सरंक्षक पर हाईकोर्ट नें ठोका जुर्माना

दीपक शर्मा

पन्ना २६ सितम्बर ;अभी तक ;  मध्य प्रदेश कर्मचारी कांग्रेस संगठन के प्रान्ताध्यक्ष मुनेन्द्र सिंह परिहार प्रेस विज्ञप्ती जारी करते हुए बताया है कि पूर्व प्रान्ताध्यक्ष सुनील ठाकरे एवं पूर्व संरक्षक वीरेन्द्र खोंगल निवासी विन्ध्यांचल भवन भोपाल के द्वारा म.प्र. कर्मचारी कांग्रेस संगठन के निहित संविधान के विरूद्ध फर्जी रूप से संगठन संचालित किये जाने के परिणामस्वरूप म.प्र. कर्मचारी कांग्रेस के पूर्व कार्यकारी प्रान्ताध्यक्ष एवं वर्तमान प्रान्ताध्यक्ष मुनेन्द्र सिंह परिहार के द्वारा माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में डब्ल्यू.पी. 858/2023 याचिका दायर की गई थी।

उच्च न्यायालय द्वारा अनावेदकगणों को जवाब प्रस्तुत किये जाने हेतु नोटिस जारी की गई थी। जारी नोटिस पर राज्य शासन एवं रजिस्ट्रार फर्म्स एवं संस्थाएं भोपाल द्वारा शासन पक्ष से जवाब प्रस्तुत कर दिया गया था किन्तु पूर्व प्रान्ताध्यक्ष सुनील ठाकरे एवं पूर्व संरक्षक वीरेन्द्र खोंगल के द्वारा लगभग 19 माह से जवाब दाखिल न कर माननीय उच्च न्यायालय से बार-बार समय की मांग कर गुमराह किया जाता था। माननीय न्यायालय द्वारा दिनांक 02.09.2024 को सुनवाई कर इन्हें अंतिम मौका देते हुये अवसर प्रदान किया गया था। लेकिन इसके बावजूद भी इनके द्वारा जवाब दाखिल न किये जाने के कारण माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में दिनांक 20.09. 2024 को सुनवाई हुई। माननीय न्यायालय में पूर्व प्रान्ताध्यक्ष सुनील ठाकरे एवं उनके पूर्व संरक्षक वीरेन्द्र खोंगल के द्वारा जवाब दाखिल नहीं किये जाने के कारण माननीय उच्च न्यायालय द्वारा अंतिम रियायत के रूप में दो हजार रू. का जुर्माना लगाया है। तथा जवाब दाखिल करने करने हेतु आदेश पारित किया गया है। प्रान्ताध्यक्ष मुनेन्द्र सिंह परिहार ने आगे कहा है कि पूर्व प्रान्ताध्यक्ष सुनील ठाकरे एवं पूर्व संरक्षक वीरेन्द्र खोंगल द्वारा संगठन फर्जी रूप से चलाये जाने के फलस्वरूप उनके पास माननीय न्यायालय के समक्ष जवाब देने के लिये कोई ठोस तथ्य नहीं हैं जिस कारण वह जवाब दाखिल नहीं कर पा रहे हैं इसलिये माननीय उच्च न्यायालय द्वारा पूर्व प्रान्ताध्यक्ष को दो हजार रूपये राशि का जुर्माना लगाये जाने का आदेश पारित किया गया है।

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