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भाजपा की महापौर की 10वीं की मार्कशीट निकली फर्जी: मुरैना की कोर्ट ने दिए एफआईआर के आदेश

देवेश शर्मा
मुरैना  1 अक्टूबर ;अभी तक ;  मुरैना नगर निगम में भाजपा की महापौर शारदा सोलंकी की 10वीं की मार्कशीट फर्जी निकली।  मुरैना जेएमएफसी न्यायालय ने पुलिस को उनके खिलाफ केस दर्ज करने के आदेश दिए है। महापौर ने अपना चुनाव लड़ते समय दाखिल नामांकन पत्र के साथ अपनी शैक्षणिक योग्यता के सबूत के रूप में मार्कसीट पेश की थी।
                                   उल्लेखनीय है कि शारदा सोलंकी कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़कर महापौर बनी थी। बाद में वह भाजपा में शामिल हो गई थी। यहाँ यह भी उल्लेखनीय है कि उस समय उनके खिलाफ भाजपा प्रत्याशी रही मीना जाटव ने शारदा सोलंकी की 10वीं की मार्कशीट और जाति प्रमाण पत्र फर्जी होना बताया था। उन्होंने इस बाबत मुरैना कोर्ट में याचिका  लगाई थी। न्यायालय में सुनवाई में मीना जाटव कोर्ट में शारदा सोलंकी का जाति प्रमाण पत्र गलत होने की जानकारी साबित नहीं कर पाई। लेकिन, 10वीं की अंकसूची में गड़बड़ी साबित हो गई। जिसके बाद न्यायालय जे एम एफ सी मुरैना ने कल  दिए अपने निर्देश में उनके खिलाफ सिविल लाइन थाने में धारा 420, 467 तथा468  के तहत मामला दर्ज करने के आदेश पुलिस को दिए हैं।
                             वहीं, महापौर शारदा सोलंकी का कहना है कि उन्हें अभी फैसले की कोई जानकारी नहीं है।इसलिए अभी कुछ भी जबाब नहीं दूंगी। फरियादी मीना जाटव के वकील के एल गुप्ता ने बताया कि उन्होंने मुरैना जेएमएफसी न्यायालय में महापौर शारदा सोलंकी के विरुद्ध धारा 156( 3,) सी आर पी सी के तहत याचिका ,परिवाद पत्र, पेेश कर उनकी नामांकन पत्र मै सलग्न 10वीं पास मार्कसीट को फर्जी बताते हुए चेलेंज किया था।
                            उन्होंने बताया कि उनके फरियादी ने सूचना के अधिकार के  माध्यम से इस  फर्जीवाडे को पकड़ा। उन्होंने बताया कि महापौर शारदा सोलंकी ने जिस स्कूल से 1986 में 10वीं पास करने का दावा किया है, वहां के स्कूल प्रबंधन ने बताया कि उनके यहां उस साल इस नाम के किसी विद्यार्थी ने एडमिशन नहीं लिया था।वहीं, आईरटीआई के तहत मिली जानकारी में सामने आया कि शारदा सोलंकी की मार्कशीट में जो रोल नंबर दिया गया है, वह किसी अन्य शख्स के नाम पर है। उसने कोई परीक्षा दी ही नहीं थी। ऐसे में पाया गया कि इस छात्र के रोल नंबर पर शारदा सोलंकी को स्वाध्यायी छात्र बताकर उन्हें पास घोषित कर दिया गया।जिस युवक की अंकसूची है वह सभी विषय में फेल है।
                                 याचिकाकर्ता के वकील किशोरीलाल गुप्ता ने कहा, ‘जिस स्कूल से महापौर की अंकसूची बनी है, उसने भी इस अंकसूची को गलत बताया है। उप्र शिक्षा बोर्ड ने भी उक्त रोल नंबर की अंकसूची को किसी अन्य की बताया है।

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