प्रदेश

आशा/आशा सुपरवाईजर कर्मचारी महासंघ ने प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री के नाम दिया 11 सूत्रीय मांगों ज्ञापन

महावीर अग्रवाल 

मन्दसौर १४ अक्टूबर ;अभी तक ;   आशा/आशा सुपरवाइजर कर्मचारी महासंघ (सम्बद्ध भारतीय मजदूर संघ) जिला इकाई मंदसौर द्वारा महासंघ के राष्ट्रव्यापी आव्हान के तहत 14 अक्टूबर को आशा/आशा सुपरवाईजर की समस्याओं के सम्बन्ध में महासंघ प्रदेश उपाध्यक्ष श्रीमती भारती सोलंकी के नेतृत्व में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी एवं मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नाम एक ज्ञापन जिलाधीश प्रतिनिधि संयुक्त कलेक्टर स्वाती तिवारी को ज्ञापन दिया गया।
                                            महासंघ प्रदेश उपाध्यक्ष श्रीमती भारती सोलंकी ने कहा कि भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अधीन देश में लगभग 11 लाख आशा वर्कर्स एवं लगभग 1 लाख आशा सुपरवाईजर कार्यरत हैं, इसमें से मध्यप्रदेश में लगभग 85 आशा वर्कर्स एवं आशा सुपरवाईजर ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में लोगों के स्वास्थ्य सम्बंधी जानकारी सर्वे टीकाकरण, स्वच्छता, जच्चा-बच्चा देखभाल संस्थागत प्रसव कराने के अलावा केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा संचालित 4 दर्जन से अधिक पदों में कार्य करती है जिसके लिए इन्हे कोई मानदेय अथवा वेतन नहीं दिया जाता बल्कि अल्प प्रोत्साहन राशि का भुगतान किया जाता है। आशा/आशा सुपरवाईजर के कार्यों से स्वास्थ्य क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन हुआ है। स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंच रहा है। इनके कार्यों की प्रसंशा करते हुए सरकार एवं समाज दोनों इन्हंे स्वास्थ्य विभाग के रीढ़ की हड्डी मानते है लेकिन यह भी सच है कि सरकारों ने इनकी जीविका एवं परिवार के भरण-पोषण पर उचित ध्यान नहीं दिया है। बावजूद इसके कोविंड के दौरान आशा/आशा सुपरवाईजर खुद को खतरे में डालकर पुरी ईमानदारी व लगन के साथ सरकार के आदेशों का पालन किया और समाज को कोविड से बचाने में अहम भूमिका अदा की।
                                               ज्ञापन में आशा/आशा सुपरवाईजर का जीवन स्तर सुदृढ़ करने हेतु मांग की कि आशा/आशा सुपरवाईजर को राज्य कर्मचारी घोषित करते हुए आशा कार्यकर्ता को न्यूनतम 18 हजार रू. तथा आशा सुपरवाईजर का न्यूनतम 24000 रू. प्रतिमाह वेतन भुगतान सुनिश्चित किया जाए । इस भुगतान के प्रभावी होने तक वर्तमान प्रोत्साहन राशि का 2 गुना करके भुगतान सुनिश्चित किया जाय। आशा सुपरवाईजर को 20 दिन के स्थान पर राज्य कर्मचारी की भांति 30 दिन का भुगतान किया जाए। आशा/आशा सुपरवाईजर का निःशुल्क बीमा किया जाय तथा दुर्घटना में मृत्यु होने पर 15 लाख रु का भुगतान मुआवजा के रूप में दिया जाय। रिटायरमेंट बेनिफिट के रूप में एकमुश्त रूपया 10 लाख का भुगतान किया जाए एवं पेंशन लागू की जाये। अनुभवी आशा/आशा सुपरवाईजर को टीकाकरण के प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाय। उम्र का बंधन हटाते हुए योग्यताधारी आशा सुपरवाईजर को ए.एन.एम. तथा आशा को आशा सुपरवाइजर के पद पर पदोन्नति प्रदान की जाय।  आशा सुपरवाईजर कर्मचारियों को विजिट हेतु इलेक्ट्रिक स्कूटी प्रदान किया जाय। आशा/आशा सुपरवाईजर बहनों को प्रधानमंत्री/मुख्यमंत्री आवास सुविधा प्रदान किया जाय। आशा/आशा सुपरवाईजर को सामाजिक सुरक्षा के दायरे में लेते हुए ई.पी.एफ. एवं ई.एस.आई. का लाभ प्रदान किया जाय। आशा कार्यकर्ता को सुपरवाइजर का दर्जा प्रदान किया जाय। आशा/आशा सुपरवाईजर को टैबलेट या लैपटॉप सरकार द्वारा मुहैया कराया जाय।
                                                      इस अवसर पर महासंघ प्रदेश उपाध्यक्ष भारती सौलंकी, जिला संयोजक संतोष साल्वी, जिलाध्यक्ष रेखा बैरागी, संगठन कोषाध्यक्ष निधि पारिख, अमोलक जोशी, ललिता वप्ता, अन्नपूर्णा धूलिया, अनु अहिरवार, मुनव्वर सुल्ताना खान, दर्शना चावड़ा, मोना कहार आदि अन्य आशा बहने उपस्थित रही।

 


Related Articles

Back to top button