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वारासिवनी नगर की लगभग 60 प्रतिशत सरकारी नजूल भूमि पर अवैध कब्जाधारियों का कब्जा

आनंद ताम्रकार

बालाघाट १५ अक्टूबर ;अभी तक ;  जिले के अनुविभागीय मुख्यालय वारासिवनी में शासकीय नजूल भूमि की अफरा तफरी एवं अवैध कब्जा कर बहुमजली दुकाने बनाकर उसे लाखों रुपये में खरीद बिक्री करने का सिलसिला लम्बे अरसे नगर में चल रहा है। लेकिन लिखित शिकायत किये जाने और प्रशासन के संज्ञान में लाए जाने के बावजूद कोई कार्यवाही ना किया जाना जन चर्चा का विषय बना हुआ है।

                                  वारासिवनी नगर की लगभग 60 प्रतिशत सरकारी नजूल भूमि पर अवैध कब्जाधारियों ने कब्जा कर रखा है। नगर के गुजरी चौक, बैल बाजार, कटंगी मार्ग, बस स्टैंड तथा रामपायली मार्ग पर स्थित सरकारी नजूल भूमि अवैध कब्जे में शामिल है।

सूचना के अधिकार के तहत प्राप्त जानकारी के अनुसार नगर में शासकीय नजूल भूमि का निर्धारण किसी के भी पक्ष में नही किया गया है इसके बावजूद नगर पालिका परिषद एवं कृषि उपज मंडी वारासिवनी द्वारा शासकीय नजूल भूमि को शासन से अनुमति प्राप्त किये बिना लीज पर आवंटित कर दी गई।
अभी हाल ही में राजस्व विभाग द्वारा चलाये गये महाअभियान के अंतर्गत किये गये सर्वे में यह तथ्य प्रकाश में आया है की नगर पालिका एवं कृषि उपज मंडी द्वारा जिन लीजधारियों को भूमि आवंटित की गई थी उन लीजधारियों के अलावा किसी अन्य व्यक्तियों का कब्जा पाया गया है। इस प्रकार लीज में भूमि प्राप्त कर अवैध कब्जाधारी भवनों की मलबा बिक्री बताकर लाखों रुपये में खरीद बिक्री कर रहे है।

ताजा मामला वारासिवनी नगर के कटंगी मार्ग पर शासकीय नजूल भूमि पर जो जांच रजिस्टर नजूल विभाग में नंदकिशोर शर्मा आत्मज रामेश्वर शर्मा के नाम पर सन 1975 से दर्ज है वह अभी भी दर्ज है इसके बावजूद नगर पालिका द्वारा यह भूमि हरिराम किकोमल तनवानी लालबर्रा रोड वारासिवनी को नजूल भूमि प्लॉट नंगर 4/29, 1350 वर्ग फीट भूमि अस्थाई लीज पर 2021 में आवंटित कर दी गई। जिस भूमि पर लीज प्रदान की गई है वह राजस्व प्रलेखों में शासकीय नजूल भूमि के नाम पर दर्ज है जिसका सीट क्रमांक 9 डी प्लॉट नंबर 64 के नाम से उल्लेखित है उक्त भूमि का अंतरण,निर्धारण नगर पालिका के पक्ष में आज तक नहीं किया गया है।
अवैध निर्माण करने वाले हरिराम तनवानी ने निर्माण कार्य करने के लिये आवश्यक अनुमति भी प्राप्त नहीं की।
इतना ही नही नगर पालिका परिषद वारासिवनी द्वारा लीज आबटित करने के पूर्व शासन से कोई अनुमति भी नहीं ली गई और बहुमजली शापिंग माल बना लिया गया।

एक तरफ नगर पालिका द्वारा सूचना के अधिकार के तहत अवगत कराया की बहुमंजिला शापिंग माल बनाये जानें के संबंध में कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है। वहीं दूसरी तरफ अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को मुख्य नगर पालिका अधिकारी द्वारा भेजे गये पत्रों में यह अवगत कराया गया है अवैध निर्माणकर्ता को हरिराम तनवानी को 4 बार नोटिस भेजे गये निर्माण कार्य बंद करने के लिये लेकिन निर्माण निरंतर चलता रहा। इतना ही नही 13 अक्टुबर को उक्त शापिंग माल का उदघाटन कर कार्यक्रम का विडियों सोशल मिडिया पर अपलोड भी किया गया।

इस प्रकार शासकीय सरक्षण में अवैध निर्माण  कार्य को प्रश्रय दिया जा रहा है और लिखित शिकायतों पर कोई कार्यवाही नही की जा रही है। अवैध निर्माण की आड़ में लाखों रूपये की खरीदी बिक्री खुलेआम की जा रही है और प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है।

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