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जन-जन के गुरु के रूप में आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज प्रख्यात थे

 

महावीर अग्रवाल
मन्दसौर १७ नवंबर ;अभी तक ;   रविवार को जनकूपुरा स्थित महावीर-जिनालय, नया मन्दिर में श्रावकों ने अपने आराध्य दिगम्बरचार्य सन्त शिरोमणि आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज का “53वां आचार्य पदारोहण दिवस” अभिषेक, शान्तिधारा, पूजन एवं आरती करके मनाया।
                                                प्रातः जिनेन्द्र भगवान की मङ्गलमयी शान्तिधारा श्रेष्ठी श्री संजय जी गोधा, संवेग पाटनी एवं भूपेंद्र कोठारी ने की ।
                                               यह जानकारी देते हुए महावीर जिनालय ट्रस्ट के प्रवक्ता भरत कुमार कोठारी ने बताया कि आज से लगभग 52 वर्ष पूर्व महाकवि आचार्य श्रेष्ठ ज्ञानसागर जी महामुनिराज ने अपने शिष्य मुनि विद्यासागर जी को अजमेर जिले के  नसीराबाद नगर में मगसिर कृष्ण दूज वर्ष 1972 को आचार्य पद प्रदान कर स्वयं लघुता वृत्ति से “शिष्य को गुरु बनाकर अरु स्वयं शिष्य बनकर” समाधि के अभ्यास में लीन हो गए। इस प्रकार मुनि विद्यासागर आचार्य शिरोमणि बनकर अनगिनत भव्य जीवों को मोक्षमार्ग पर चलाया और स्वयं भी उस मार्ग पर चलते हुए 17 फरवरी 2024 छत्तीसगढ़ के डोंगरगढ़ स्थित अतिशय क्षेत्र पर अपनी देह को त्याग कर चिर काल के लिए प्रयाण कर गए।
                                              कार्यक्रम के प्रारम्भ में  प्रारम्भ में दीप-प्रज्ज्वलन एड. पवन कुमार अजमेरा एवं मङ्गल आरती श्री शान्तिलाल  बड़जात्या द्वारा की गई ।
                                            कार्यक्रम का संयोजन पं. आनंद शास्त्री, कौशाम्बी ने किया उन्होंने बताया कि धरती के देवता के नाम से प्रसिद्ध एवं मात्र जैनों के ही नही अपितु जन-जन के गुरु के रूप में आचार्य श्री प्रख्यात थे, उनके उपकार स्वरूप सहस्राधिक भव्य जीवों ने मोक्ष का मार्ग प्रशस्त किया ऐसे उपकारी गुरुवर का आज समूचा भारत 53वां आचार्य पदारोहण दिवस मना रहा है।
                                           कार्यक्रम में डॉ संजय गांधी, निर्मल झांझरी, राजकुमार पाटनी, अभय अजमेरा, कांतिलाल मिंडा एवं एड. नरेंद्र छाजेड़ उपस्थित रहें।

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