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विलियम शेक्सपियर ने एक बार कहा था –

महावीर अग्रवाल
मंदसौर २४ नवंबर ;अभी तक ;   “चाहे मुझे प्यार करो या नफरत, दोनों मेरे पक्ष में हैं… अगर आप मुझसे प्यार करते हैं, तो आप हमेशा दिल में रहेंगे, और अगर आप मुझसे नफरत करते हैं, तो आप हमेशा दिमाग में रहेंगे।”
                                   इसी विचार के साथ सुन्दरलाल पटवा शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय के सर्जरी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ ईशांत कुमार चौरसिया ने भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए साउथ एशियन सर्जिकल सोसाइटी समिट में भाग लिया। उन्होंने बताया कि लैप्रोस्कोपिक सर्जरी के क्षेत्र में दिग्गजों और मार्गदर्शकों के साथ खड़ा होना मेरे जीवन का एक महत्वपूर्ण क्षण रहा।
  इस यात्रा में डॉ चौरसिया ने:
1. दक्षिण एशिया के विभिन्न देशों से आए युवा सर्जनों और स्नातकोत्तर छात्रों को लैप्रोस्कोपिक तकनीकों पर प्रशिक्षित किया।
2. मणिपाल मेडिकल कॉलेज, नेपाल में “स्टेपल्ड हेमोरॉयडोपेक्सी” पर एक व्याख्यान दिया। इस दौरान  इंटरनेशनल सोसाइटी ऑफ कोलो-प्रोक्टोलॉजी का भी प्रतिनिधित्व किया, जहाँ वे मध्य भारत से कार्यकारी सदस्य के रूप में जुड़ा है।
3.उन्हें  सर्जिकल सोसाइटी ऑफ नेपाल (SSN) का प्रतिष्ठित की-नोट व्याख्यान देने के लिए आमंत्रित किया गया। विषय था – “लैप्रोस्कोपिक सर्जरी में एर्गोनॉमिक्स”, और यह सम्मान पाने वाले डॉ ईशांत कुमार चौरसिया इतिहास के सबसे युवा व्यक्ति बनने का गौरव प्राप्त किया।
डॉ ईशांत कुमार चौरसिया ने बताया कि भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए, मैंने गर्व महसूस किया। यह यात्रा जारी रहेगी और मेरे प्रयास SPGMC मंदसौर को और गौरवान्वित करेंगे।

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