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*नृत्य एवं संगीत के विद्यार्थी भारतीय ज्ञान परम्परा के सच्चे संरक्षक और वाहक है *

महावीर अग्रवाल
मन्दसौर २ दिसंबर ;अभी तक ;   लता मंगेशकर संगीत महाविद्यालय, मंदसौर द्वारा तीन दिवसीय कथक प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। प्राचार्य डॉ. उषा अग्रवाल ने बताया कि आज  वैष्वीकरण के युग में जब युवा पीढ़ी कम्प्यूटर और साइंस की ओर आकर्षित है ऐसे में संगीत और नृत्य की साधना करने वाले विद्यार्थी भारतीय कला के ज्ञान को जीवित रखने में अहम् भूमिका निभा रहे है।
जनभागीदारी अध्यक्ष श्री नरेन्द्र त्रिवेदी ने बताया कि हमारे विद्यार्थी की कला और परिष्कृत हो इसलिए प्रशिक्षण का आयोजन किया गया है। संगीत महाविद्यालय के 36 विद्यार्थियों को डॉ. सम्राट चौधरी एवं श्रीमती सन्नाली शर्मा द्वारा प्रशिक्षण दिया गया। डॉ. सम्राट चौधरी ने खेरागढ़ से कथक में पीएचडी शोध की उपाधि प्राप्त की है। वर्तमान में आप दंतेवाड़ा महाविद्यालय में कथक का अध्यापन कार्य कर रहे है। प्रशिक्षण उपरांत विद्यार्थियों ने कथक डांस प्रस्तुती दी और डॉ. सम्राट चौधरी ने भी मंत्र मुग्ध कर देने वाला नृत्य प्रस्तुत किया जिसे जनभागीदारी अध्यक्ष, संगीत कॉलेज के स्टाफ एवं विद्यार्थियों के अभिभावकों ने खूब सराहा।
उद्घाटन अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार श्री महावीर अग्रवाल, श्री ब्रजेष जोषी एवं श्री घनश्याम बटवाल एवं केन्द्रीय विद्यालय की प्राचार्य सुश्री निलांजनी प्रसाद ने श्री सम्राट चौधरी से विस्तृत चर्चा की और महाविद्यालय के इस प्रयास की सराहना की। कार्यक्रम का संचालन श्री आशीष जैन ने किया और आभार श्री दीपक राव ने व्यक्त किया।

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