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राजस्व महाअभियान-3.0 ; राजस्व अधिकारी कर रहे हैं राजस्व संबंधी समस्याओं का निराकरण
आशुतोष पुरोहित
खरगोन 3 दिसम्बर ;अभी तक ; – राज्य शासन द्वारा चलाया जा रहा राजस्व महाअभियान 3.0 किसानों एवं नागरिकों के लिए मददगार बन रहा है। राजस्व विभाग का अमला गांव-गांव जाकर इस अभियान के माध्यम से किसानों एवं नागरिकों की समस्याओं का समाधान कर रहा है। खरगोन जिले में भी 15 नवम्बर से राजस्व महाअभियान- 3.0 प्रारंभ किया गया है, जो आगामी 15 दिसम्बर तक चलेगा। इस अभियान के माध्यम से राजस्व प्रकरणों के त्वरित निराकरण एवं राजस्व अभिलेखों की त्रुटियों को ठीक करने का काम प्रमुखता से किया जा रहा है।
कलेक्टर श्री कर्मवीर शर्मा द्वारा इस अभियान की प्रगति पर निगरानी रखी जा रही है और प्रतिदिन की प्रगति की समीक्षा की जा रही है।
कलेक्टर श्री शर्मा ने जिले के सभी अनुविभागीय राजस्व अधिकारियों एवं सभी तहसीलदारों, नायब तहसीलदारों व आरआई-पटवारियों को अभियान के दौरान गुणवत्ता के साथ राजस्व संबंधी समस्याओं का निराकरण करने के निर्देश दिए हैं। यह भी निर्देश दिये गये हैं कि राजस्व महाअभियान के दौरान परंपरागत रास्तों के विवादों का निराकरण प्रमुखता से किया जाए।
राजस्व महाअभियान के तहत एसडीएम, तहसीलदार नायब तहसीलदार स्वयं विभिन्न ग्रामों में अभियान के तहत प्रकरणों का निराकरण करा रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में पहुँचकर खासकर जमीन का सीमांकन संबंधी कार्य सर्वाेच्च प्राथमिकता से कराया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर राजस्व महाअभियान के दौरान शेष किसानों की फॉर्मर रजिस्ट्री और ई-केवायसी व डीबीटी का कार्य भी प्रमुखता से किया जा रहा है।
किसानों को बताया जा रहा है कि दिसम्बर माह से उन्हीं किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि का लाभ मिलेगा, जिनकी फॉर्मर रजिस्ट्री होगी। इसलिए वे अपनी फॉर्मर आईडी अवश्य बनवा लें। साथ ही पीएम किसान पोर्टल पर ई-केवायसी, भू-लेख रिकॉर्ड की आधार से लिंकिंग एवं बैंक खाते से आधार लिंक कराकर डीबीटी (डायरेक्ट बेनीफिट ट्रांसफर) का काम भी अभियान के दौरान प्रमुखता से हो रहा है।
फार्मर रजिस्ट्री एक वेब-आधारित ऐप्लिकेशन है जिसमें खेतों और किसानों से जुड़ी जानकारी होती है। कृषक स्वयं भी भारत सरकार के पीएम किसान पोर्टल mpfr.agristack.gov.in के माध्यम से अपनी फॉर्मर आईडी बनवा सकते हैं।
राजस्व महाअभियान 3.0 के तहत नामांतरण, बटवारा व सीमांकन प्रकरणों को आरसीएमएस में दर्ज किया जा रहा है। इन प्रकरणों का समय-सीमा के भीतर निराकरण किया जा रहा है। अभियान के दौरान अभिलेख दुरुस्ती, स्वामित्व योजना एवं शतप्रतिशत पात्र किसानों को किसान सम्मान निधि से जोड़ने का काम भी प्रमुखता से किया जा रहा है।