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श्री रिषियानन्द आश्रम पर भजन कीर्तन व भक्ति नृत्य के साथ धूमधाम से मनाया श्री राम विवाह पंचमी महोत्सव
महावीर अग्रवाल
मन्दसौर ७ दिसंबर ;अभी तक ; अगहन सुदी (शुक्ल पक्ष) पंचमी को भगवान श्री राम का मिथिला में जनक नंदिनी भगवती सीता के साथ भगवान श्री राम का विवाह हुआ था जो हजारों वर्षों बाद भी आज पर्यन्त सनातन धर्मावलम्बी मनाते आ रहे है।
तेलिया टेंक स्थित श्री रिषियानन्द आश्रम पर 6 दिसम्बर को बड़ी धूमधाम से यह पर्व मनाया गया। भगवान राम-सीता का एक दूसरे को वरमाला पहनाते हुए चित्र का पूजन अर्चन आरती की गई।
श्री महेश गेहलोद द्वारा गोस्वामी तुलसीदासजी रचित श्री रामचरित मानस में वर्णित विवाह प्रसंग का भजन कीर्तन के साथ व्याख्या सहित वर्णन किया।
आश्रम और सद्गुरू भगवान रिषियानन्द सरस्वती के अनुयायियों के अतिरिक्त बड़ी संख्या में मातृशक्ति अन्य श्रद्धालुओं ने जिस उत्साह-उल्लास से विवाहोत्सव मनाया ऐसा लग रहा था मानो मिथिला में ही उत्सव हो रहा हो। सबसे विशेष संयोग यह रहा कि श्री महेश गेहलोद ब्रह्मलीन सदगुरू देव श्री रिषियानंदजी के परम भक्त होने के साथ ही आप श्री रिषियानन्द सुंदरकाण्ड के संयोजक है आप के द्वारा प्रति रविवार दिन को दोप. 1 से 3 बजे तक रामायण कथा चान करते हे जिसमें 8 दिसम्बर रविवार को अगला प्रसंग राम विवाह का ही होने से भगवान राम और गुरू महाराज रिषियानन्दजी के प्रति श्रद्धा भक्ति विश्वास को और अधिक बल मिला। ऐसा शुभ प्रसंग अकस्मात होने से जो श्री राम चरित मानस का पाठ करते है और उपस्थित श्रद्धालुओं में बड़ा हर्ष छा गया।
विवाहोत्सव में रामायण प्रवक्ता डॉ. दिनेश तिवारी, योग गुरू बंशीलाल टांक, रिषियानन्द ट्रस्ट कोषाध्यक्ष कन्हैयालाल सोनी, कन्हैयालाल पण्ड्या, कन्हैयालाल गोठवाल, अशोक पाठक, भूपेष पाण्डे, नरेन्द्र पण्ड्या, रिषियानंद सुंदरकाण्ड सदस्यगण मनदीप राणा, कैलाश टांडी, घनश्याम सोनी, आरआई राजेश खरे, सरस नागर, रामनारायण गंधर्व, मनोज शर्मा, मातृशक्ति आदि बड़ी संख्या में रामभक्त सम्मिलित हुए।
विवाहोत्सव में रामायण प्रवक्ता डॉ. दिनेश तिवारी, योग गुरू बंशीलाल टांक, रिषियानन्द ट्रस्ट कोषाध्यक्ष कन्हैयालाल सोनी, कन्हैयालाल पण्ड्या, कन्हैयालाल गोठवाल, अशोक पाठक, भूपेष पाण्डे, नरेन्द्र पण्ड्या, रिषियानंद सुंदरकाण्ड सदस्यगण मनदीप राणा, कैलाश टांडी, घनश्याम सोनी, आरआई राजेश खरे, सरस नागर, रामनारायण गंधर्व, मनोज शर्मा, मातृशक्ति आदि बड़ी संख्या में रामभक्त सम्मिलित हुए।