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ईंट भट्टे पर कुल्हाड़ी से शरीर के टुकड़े-टुकड़े कर हत्या करने वाले आरोपी को आजीवन कारावास
विधिक संवाददाता
सीहोर ७ दिसंबर ;अभी तक ; प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीष श्री सतीष चन्द्र शर्मा जिला सीहोर ने ईंट भट्टे पर कुल्हाड़ी से शरीर के टुकड़े-टुकड़े कर हत्या करने वाले आरोपी को आजीवन कारावास एवं 10000/- रूपये अर्थदण्ड से किया दण्डित।
मीडियो सेल प्रभारी श्री केदार कौरव द्वारा बताया गया कि:- दिनांक 26.05.2023 को करीब दोपहर 03ः30 बजे मृतक सूरज कुषवाह मकान निर्माण में लगने वाले ईंट खरीदने के लिए गणेष मंदिर सीहोर के पीछेे करबला नदी पुल के पास स्थित ईट भट्टों पर मोटर साइकल से गया था और वह भट्टे वालों को ढंूढ रहा था तभी बने सिंह के भट्टे पर काम करने वाला श्रमिक आरोपी सुरेन्द्र कुषवाहा पिता गोविंद कुषवाह निवासी ग्राम सिराडी दोराहा ने अचानक कुल्हाड़ी से उस पर हमला कर दिया और उसके शरीर के टुकड़े-टुकड़े कर दिए। इस घटना को ईट भटटों के मालिकों एवं उस पर काम करने वाले कई मजदूरों ने देखा था। इस घटना की कई लोगों ने वीडियोग्राफी भी की थी।
घटना की सूचना पुलिस थाना कोतवाली के निरीक्षक नलिन बुधौलिया को फोन पर प्राप्त होने पर वे हमराह बल के साथ वहां पहुंचे उन्होंने वहां देखा कि घटना स्थल पर मृतक का शव के टुकड़े कई हिस्सों में पड़े हुए थे और वहां भीड ने आरोपी सुरेन्द्र को घेरकर बैठाकर रखा है। उस समय आरोपी के पास एक कुल्हाड़ी थी जिसमंे खून लगा हुआ था। उनि. भंवर सिंह भूरिया द्वारा सूचनाकर्ता दिनेष प्रजापति द्वारा दी गई सूचना पर आरोपी सुरेन्द्र के विरूद्ध देहाती नालसी 0/23 अंतर्गत धारा 302 भादवि एवं देहाती मर्ग सूचना 0/23 अंतर्गत धारा 174 दं.प्र.सं. पंजीबद्ध की गई थी एवं थाना कोतवाली में उनि. राकेष शर्मा द्वारा असल अपराध क्रमांक 382/2023 अंतर्गत धारा 302 भादवि कायम किया गया था।
अनुसंधान के दौरान निरीक्षक नलिन बुधौलिया द्वारा घटना स्थल पर उपस्थित आरोपी से पूछताछ कर आरोपी को गिरफ्तार किया गया और एक कुल्हाड़ी, आरोपी के पहने हुए कपड़े एवं जूत, घटना घटित होते समय बनाए गए वीडियो क्लिप जप्त की थी एवं साक्षियों के कथन लेखबद्ध किए थे। अपराध प्रमाणित पाए जाने पर आरोपी सुरेन्द्र कुषवाह पिता गोविंद कुषवाह निवासी ग्राम सिराड़ी थाना दोराहा के विरूद्ध धारा 302 भादवि के अंतर्गत अभियोग पत्र किया गया था।
प्रकरण का संचालन श्री अनिल कुमार बादल, जिला अभियोजन अधिकारी सीहोर द्वारा किया गया और अभियोजन के समर्थन में 14 साक्षियों की साक्ष्य संपादित कराई गई जिसमें घटना का अपने मोबाइल से वीडियो बनाने वाले साक्षी भी सम्मिलित हैं। उक्त वीडियो को न्यायालय के समक्ष साक्षी द्वारा उसका दृष्यांकन भी कराया गया था। विषेष लोक अभियोजक द्वारा लिखित तर्क प्रस्तुत कर प्रकरण विरल से विरलतम श्रेणी का होने के कारण आरोपी को फांसी की सजा दिए जाने का निवेदन किया गया ।
न्यायालय द्वारा दिनांक 06/12/2024 को निर्णय पारित करते हुए आरोपी को आजीवन कारावास एवं 10,000/-रुपए अर्थदंड से दंडित किया गया। निर्णय पारित करते हुए न्यायालय द्वारा मृतक के आश्रित उसकी पत्नी एवं 02 नाबालिक बच्चों के पुनर्वास के लिए उचित प्रतिकर प्रदाय किए जाने हेतु राज्य शासन को सिफारिश की गई है।
श्री बादल द्वारा बताया गया कि माननीय न्यायालय द्वारा प्रकरण को विरल से विरलतम श्रेणी का नहीं माना गया। फलतः सजा के प्रष्न पर म.प्र. उच्च न्यायालय में अपील प्रस्तावित की जाएगी।