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मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने खोले मंदसौर में औद्योगिक विकास के नए द्वार

महावीर अग्रवाल
मंदसौर, 10 दिसंबर ;अभी तक ;  मालवा-निमाड़ अंचल में औद्योगिक विकास को गति देते हुए, आज मंदसौर जिले में 2 महत्वपूर्ण औद्योगिक इकाइयों का शिलान्यास किया गया। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में यह कदम क्षेत्र में औद्योगिक संभावनाओं के नए द्वार खोलने के साथ-साथ रतलाम, मंदसौर और नीमच को जोड़ते हुए एक मजबूत औद्योगिक क्लस्टर के निर्माण की दिशा में बड़ा प्रयास है। उन्होंने ऐलान किया कि मंदसौर का यह औद्योगिक विकास क्षेत्र की समृद्धि और युवाओं के रोजगार के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। हमारी सरकार प्रदेश को औद्योगिक और आर्थिक दृष्टि से अग्रणी बनाने के लिए पूरी तरह प्रयासरत है।
                                       मंदसौर में औद्योगिक विकास का नया दौर शुरू हो गया है। यह पहल मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में प्रदेश में निवेश लाने और मालवा-निमाड़ अंचल को औद्योगिक केंद्र बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मंदसौर में दो महत्वपूर्ण औद्योगिक इकाइयों का शिलान्यास किया। इसमें हरिओम रिफाइनरी की खाद्य प्रसंस्करण इकाई है, जिससे स्थानीय किसानों को उनके कृषि उत्पादों का बेहतर मूल्य मिलेगा और उनकी आय में बढ़ोतरी होगी। दूसरी मेक्सिकन एग्रो केमिकल्स लिमिटेड की सुपर फॉस्फेट उर्वरक इकाई है। इससे किसानों को सस्ती और आसानी से उपलब्ध उर्वरक मिलेगा। इन दोनों इकाइयों में 140 करोड़ रुपये का निवेश प्रस्तावित है, जिससे मंदसौर और आसपास के किसानों को सीधा लाभ होगा। इसके अलावा मंदसौर, रतलाम और नीमच क्लस्टर में तीन हजार करोड़ के निवेश के प्रस्ताव भी मिले हैं।
                                       मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मालवा के सिंह द्वार मंदसौर में विराजे विश्व प्रसिद्ध पशुपतिनाथ के चरणों में नमन करने के साथ भादवा माता और नाछला माता से क्षेत्र के विकास और समृद्धि के लिए आशीर्वाद की कामना करते हुए कहा कि मंदसौर अब अपनी ऐतिहासिक धरोहर और समृद्ध कृषि संस्कृति से आगे बढ़कर औद्योगिक और आर्थिक विकास की नई राह पर अग्रसर है। मंदसौर और मालवा-निमाड़ अंचल को औद्योगिक केंद्र बनाने की हमारी कोशिशों का यह परिणाम है। हमारी सरकार उद्योगपतियों और निवेशकों को हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। इन योजनाओं से न केवल क्षेत्र का विकास होगा, बल्कि लाखों लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे। यह न केवल मालवा-निमाड़ अंचल के औद्योगिक और आर्थिक विकास में मील का पत्थर साबित होगा, बल्कि इस क्षेत्र को एक नई पहचान देने और इसे विकास की नई ऊंचाइयों पर ले जाने का मार्ग प्रशस्त करेगा। अब खाद्य प्रसंस्करण, उर्वरक, कृषि आधारित उद्योग, और एमएसएमई क्षेत्र में निवेश की संभावनाओं का पूरा लाभ उठाने के लिए यह क्षेत्र तैयार है। मुख्यमंत्री ने सभी उद्यमियों और निवेशकों को धन्यवाद देते हुए कहा, “आपने मंदसौर को अपना औद्योगिक गंतव्य चुना है। आपके इस योगदान से न केवल मंदसौर बल्कि पूरा प्रदेश औद्योगिक विकास की नई ऊंचाइयों को छू सकेगा।”
निवेश प्रोत्साहन केंद्र का भी उद्घाटन
                                      जिले में निवेशकों की सहायता के लिए एक जिला निवेश प्रोत्साहन केंद्र का वर्चुअल उद्घाटन किया गया। यह केंद्र निवेशकों के लिए एक सशक्त मंच होगा, जहां वे अपनी समस्याओं का समाधान प्राप्त कर सकते हैं और निवेश की संभावनाओं के बारे में विस्तृत जानकारी ले सकते हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मंदसौर क्षेत्र में कृषि, औषधीय उद्योग, पर्यटन, एमएसएमई, फूड प्रोसेसिंग और स्टार्टअप में निवेश की अपार संभावनाएं हैं। इस क्षेत्र को औद्योगिक और आर्थिक समृद्धि के नए शिखर पर ले जाने के लिए राज्य सरकार हर संभव सहायता प्रदान करेगी।
प्रदेश में नई निवेश क्रांति
                                           मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार ने वर्ष 2025 को उद्योग एवं रोजगार वर्ष के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। इसके तहत रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव और इन्वेस्ट इन एमपी कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। हाल ही में 24-29 नवंबर को यूके और जर्मनी की यात्रा के दौरान 3.84 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए। इन प्रस्तावों से 3.70 लाख रोजगार के अवसर सृजित होंगे।
पिछले एक वर्ष में 250 से अधिक औद्योगिक इकाइयों का लोकापर्ण और भूमिपूजन। लगभग 950 औद्योगिक इकाइयों को भूमि आवंटन, जिससे नए उद्योगों की स्थापना में तेजी आई है। एमएसएमई इकाइयों को प्रोत्साहन देने के लिए 350 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता दी गई। इन प्रयासों से छोटे और मध्यम उद्योगों को विकास का अवसर मिला है।
नए औद्योगिक पार्कों की स्थापना
                                          मंदसौर जिले में दो नए औद्योगिक पार्कों की घोषणा की गई, जिनमें कुल मिलाकर साढ़े छह हजार करोड़ का निवेश आने की संभावना है और कम से कम 13 हजार रोजगार के नए अवसर खुलेंगे। सेमली कांकड़ औद्योगिक क्षेत्र, जो 80.26 हेक्टेयर भूमि पर 61.26 करोड़ रुपये की लागत से विकसित होगा। इसमें 100 इकाइयों से 2500 करोड़ रुपये का निवेश आएगा और 5000 रोजगार के अवसर मिलेंगे।  बसई औद्योगिक क्षेत्र- 178.83 हेक्टेयर भूमि पर 89 करोड़ रुपये की लागत से विकसित होगा। 180 इकाइयों से 4000 करोड़ रुपये का निवेश आएगा और रोजगार के 8000 अवसरों का सृजन होगा।
जग्गाखेड़ी फेस 2 का विकास जारी
                                      72.38 हेक्टेयर भूमि पर 75.50 करोड़ रुपये की लागत से विकसित हो रहे जग्गाखेड़ी फेस-II में 235 इकाइयों से 3500 करोड़ रुपये का निवेश आने की संभावना है। इसमें नौ हजार से अधिक रोजगार के अवसर पैदा होंगे। इस औद्योगिक केंद्र की जल आपूर्ति के लिए गांधी सागर बांध से 4 एमएलडी जल की व्यवस्था की गई है।
इन दो कंपनियों ने मंदसौर में रखा कदम
हरिओम रिफाइनरी
वर्ष 2002 में स्थापित तेल रिफाइनरी कंपनी ने 2007 में जिले का पहला सॉल्वेंट एक्सट्रैक्शन प्लांट स्थापित किया गया, जो आज भी तेल उद्योग में अपनी पहचान बनाए हुए है। कंपनी सोया उत्पादों के क्षेत्र में अग्रणी मानी जाती है। इसके उत्पादों में परिष्कृत सोयाबीन तेल, सोयाबीन सॉल्वेंट तेल, सोया डी-ऑयल्ड केक, और सोया हाई-प्रो डीओसी शामिल हैं। इन उत्पादों की गुणवत्ता और ग्राहक संतुष्टि को प्राथमिकता देने की वजह से कंपनी को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया है। कंपनी के पास प्रतिदिन 1500 टन बीज पेराई की क्षमता है।
मेक्सिकन एग्रो केमिकल लिमिटेड
कंपनी की स्थापना 2002 को हुई। यह रसायनिक उत्पादों के निर्माण की अग्रणी कंपनियों में से एक है। कंपनी अपनी गुणवत्ता और विश्वसनीयता के कारण औद्योगिक क्षेत्र में एक प्रमुख नाम बन चुकी है। यह फसल सुरक्षा के लिए उच्च गुणवत्ता वाले कीटनाशकों, कृषि उत्पादकता बढ़ाने के लिए विभिन्न प्रकार के उर्वरकों और कृषि में उपयोग होने वाले अन्य आवश्यक रसायनों का निर्माण करती है।
वर्सन
मंदसौर में दो नई इकाईयों के शिलान्यास के साथ निमाड़ अंचल का यह क्षेत्र औद्योगिक विकास की नई इबारत लिखने के लिए तैयार है। इससे न केवल मंदसौर, बल्कि रतलाम-नीमच क्षेत्र के आर्थिक विकास को भी नई गति मिलेगी। हमारी कोशिश है कि जग्गाखेड़ी का काम भी जल्द से जल्द पूरा हो।
राजेश राठौड़, कार्यकारी निदेशक, एमपीआईडीसी उज्जैन रीजन

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