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मुमुक्षु नमनकुमार कोचर का भव्य वर्षीदान वरघोड़ा (जुलुस) निकला
महावीर अग्रवाल
मंदसौर १३ दिसंबर ;अभी तक ; 11 से 15 दिसम्बर तक संजय गांधी उद्यान नईआबादी में आचार्य श्री जिनसुंदरसूरिश्वरजी म.सा. व आचार्य श्री धर्मबोधिसूरिश्वरजी म.सा. आदि ठाणा 13 की पावन प्रेरणा व निश्रा में 5 दिवसीय भागवती दीक्षा महोत्सव का आयोजन हो रहा है। दीक्षा महोत्सव के तृतीय दिवस शुक्रवार को प्रातःकाल मुमुक्षु श्री नमनकुमार कोचर का भव्य वर्षीदान वरघोड़ा निकाला गया। आचार्यद्वय व कई जैन संतों व सानिध्यों का पावन उपस्थिति में मुमुक्षु श्री नमनकुमार कोचर का वर्षीदान वरघोड़ा संजय गांधी उद्यान से प्रारंभ हुआ। बैण्ड बाजे, घोड़े, ऊट, ढोल एवं 8 बग्गियों के इस वर्षीदान वरघोड़ा में मंदसौर जैन श्वेताम्बर मंदिरों की महिला मण्डलों की बहनों ने हाथों में जैन प्रतीकों व कलश लेकर पूर्ण अनुशासन भाव से कतारबद्ध होकर सहभगिता की। यह वर्षीदान वरघोड़ा (चल समारोह) संजय उद्यान से प्रारंभ होकर नवरत्नसागर सूरिश्वरजी मार्ग, गुरूद्वारा रोड़, महू-नीमच रोड़, बीपीएल चौराहा, गोल चौराहा, पुरानी कृषि उपज मण्डी रोड़, महाराणा प्रताप तिराहा होते हुए पुनः संजय गांधी उद्यान पहुंचा। मार्ग में कई जैन श्रीसंघों एवं परिवारजनों ने मुमुक्षु नमनकुमार कोचर व उनके परिवारजनों (माता पिता) का शाल श्रीफल भेंटकर व माला पहनाकर बहुमान (स्वागत) किया। मार्ग में बेण्ड बाजे के साथ चल समारोह में शामिल वाद्ययंत्रों के कलाकारों के द्वारा सुमधुर ध्वनि में शहनाई भी बजाई गई। भगवान महावीर व आचार्यश्री के जयकारों के साथ निकले चल समारोह में बड़ी संख्या में श्रावक श्राविकाये शामिल हुए और उन्होनंे मलकापुर (महाराष्ट्र) के 18 वर्षीय युवक (मुमुक्षु) के आगामी संयम जीवन सफल हो यह कामना की। संजय उद्यान में आयोजित नवकारसी के लाभार्थी धींग परिवार लदूनावाला व स्वामी वात्सल्य के लाभार्थी पोखरना परिवार रहे।
मुमुक्षु ने लुटाई सामग्री (वर्षीदान किया)- जैन भागवती दीक्षा में वर्षीदान अर्थात अपने हाथों से सांसारिक कार्य में उपयोग में आने वाली वस्तुओं के त्याग की परम्परा है इसी परम्परा के अनुरूप कल मुमुक्षु नमनकुमार ने अपने हाथों से कई प्रकार के रंग बिरंगे फेशनेबल कपड़े, स्टेशनरी सामान श्रृंगार करने की वस्तुये लुटाई। इन वस्तुओं को मुमुक्षु के हाथों से लेने के लिये श्रावक श्राविकाओं में होड़ मची रही। पूरे चल समारोह के मार्ग में मुमुक्षु के द्वारा लाखों रू. मूल्य की वस्तुएं लुटाई गई।
बग्गियों में बैठे जैन संतो के चित्र लेकर श्रावक श्राविकाये- वर्षीदान वरघोड़ा जुलूस में 8 बग्गियां शामिल रही। इन बग्गियों मेें भगवान आदिनाथजी की प्रतिमा लेकर बैठने का धर्मलाभ त्रिलोक गौतम बाफना (जैन) परिवार ने लिया। शेष बग्गियों पर श्रावक श्राविकायें प्रेमसूरिजी म.सा., भुवनभानुसूरिजी म.सा. जयघोष सूरिजी म.सा. राजेन्द्रसूरिजी म.सा., चन्द्रशेखर विजयजी म.सा. के चित्र लेकर विराजित हुये। वरघोड़ा वर्षीदान जुलुस में नगर सेठ बनने का धर्मलाभ अनिलकुमार मुकेश कुमार धींग परिवार व जुलूस को जैन ध्वज दिखाकर खाना करने का धर्मलाभ शांतिलालजी विजय मेडिकल परिवार ने लिया।
कई जैन श्रीसंघों ने मुमुक्षु का बहुमान किया- वर्षीदान वरघोड़ा चल समारोह का नईआबादी क्षेत्र में भव्य स्वागत सत्कार किया गया। जगह-जगह श्रावक श्राविकाओं के समूह ने मुमुक्षु के वर्षीदान वरघोड़े की अगवानी की तथा उसका स्वागत किया। संजय उद्यान के बाहर सागरमल जैन गरोठ वाला परिवार, पालीवालजी की होटल के पास डूंगरवाला परिवार भारत प्लाजा के सामने श्री केशरिया आदिनाथ श्रीसंघ (रूपचांद आराधना भवन) के द्वारा माला पहनाकर मुमुक्षु का स्वागत किया गया। यही पर मालवा जैन महासंघ के द्वारा भी स्वागत किया गया। बंटी चौराहा पर जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक संघ ने बहुमान किया। आराधना भवन मंदिर के सामने श्री सहस्त्रफणा पार्श्वनाथ जैन श्वेताम्बर ट्रस्ट व श्रीसंघ के द्वारा बहुमान किया गया। श्री श्रेयांसनाथ मदिर के बाहर त्रिस्तुतिक श्रीसंघ व मंदिर ट्रस्ट के द्वारा बहुमान किया गया। नईआबादी गणेश मंदिर के पास नगरपालिका परिषद एवं श्री नाकोड़ा पार्श्वनाथ जैन महिला मण्डल पद्मावति नगर के द्वारा बहुमान किया गया। बीपीएल चौराहा व गोल चौराहा पर भी अनेक संस्थाओं ने मुमुक्षु का बहुमान किया तथा उनके सफल संयम जीवन की कामना की। महू-नीमच रोड़ पर भी कई संस्थाओं ने स्वागत किया।
चल समारोह के मार्ग में हुई गहुलिया तथा आचार्यश्री का लिया आशीर्वाद- वर्षीदान वरघोड़ा चल समारोह के मार्ग में भगवान आदिनाथजी की चलित प्रतीमा की कई जैन परिवारों ने अपने घरों के बाहर आकर गहुलिया की तथा आचार्यद्वय का आशीर्वाद लिया।
कुमार पाल राजा बनकर मुमुक्षु ने की पार्श्वनाथजी की आरती- दीक्षा महोत्सव के द्वितीय दिवस गुरूवार की शाम को मुमुक्षु नमनकुमार कोचर के द्वारा भगवान श्री पार्श्वनाथजी की आरती की गई। जैन धर्म के इतिहास में कुमारपाल राजा का विशिष्ठ स्थान है। कुमार पाल राजा ढोल बेण्ड बाजे के साथ प्रतिदिन प्रभुजी की आरती करते थे। इसी वृतान्त को पुनः जीवंत करने हेतु मुमुक्षु से आराधना भवन श्रीसंघ ने कुमार पाल राजा के रूप में आरती कराई। आरती के पूर्व मुमुक्षु बैण्ड बाजे, घोड़े, ऊट के लाव लश्कर के साथ संजय उद्यान से निकले और उन्होंने आराधना भवन मंदिर पहुंचकर आरती की। इस मौके पर लगभग 1 हजार से अधिक श्राविकाओं के द्वारा भी आरती का धर्मलाभ लिया गया।
ये धर्मालुजन शामिल हुये चल समारोह में- वर्षीदान वरघोड़ा चल समारोह में विधायक विपिन जैन, नपाध्यक्ष श्रीमती रमादेवी बंशीलाल गुर्जर, आराधना भवन श्रीसंघ अध्यक्ष दिलीप रांका, ट्रस्ट अध्यक्ष डॉ. सरदारमल धाकड़, दीक्षा महोत्सव के लाभार्थी परिवारजन महेश जैन, अमित छिंगावत, शांतिलाल ओस्तवाल विजय मेडिकल, प्रेमेन्द्र चौरड़िया, पिंकेश चौरड़िया संदीप धींग, दिलीप संघवी, विनोद धींग, विशाल ओस्तवाल, अशोक कुमार एलआईसी, त्रिलोक जैन, विमलकुमार, डॉ. गुंजन मेहता, सुशीलकुमार कोठारी, मनोज शरद ओस्तवाल लदूनावाला, यशवंत, हेमंत, सुरेन्द्र, सचिन निम्बोद परिवार, रविन्द्रकुमार अशोक कुमार दाबउ़ा, पारसमल संजय धींग लदूनावाला, प्रवीण विकास धींग लदूनावाला, सकल जैन समाज संयोजक सुरेन्द्र लोढ़ा, पूर्व अध्यक्ष राजमल गर्ग अंकित, समाजसेवी दिलीप डांगी, छोटेलाल जैन, राकेश जैन एमपीएग्रो, हस्तीमल नाहर, गुणवानसिंह कोठारी सहित कई धर्मालुजन शामिल हुए।