प्रदेश

मध्यप्रदेश जनअभियान परिषद द्वारा आयोजित नवांकुर संस्थाओं का दो दिवसीय प्रशिक्षण संपन्न

महावीर अग्रवाल

मंदसौर २४ दिसंबर ;अभी तक ;   मध्यप्रदेश जनअभियान परिषद समाज के साथ कार्य करने में अग्रणी भुमीका निभा रहा है । मध्यप्रदेश जनअभियान परिषद के कार्यकर्ता निःस्वार्थ भाव से गांव-गांव में शासन की योजनाओं का प्रचार प्रसार कर रहे हैं। जिसमें नवांकुर संस्थाओं की भुमीका भी महत्वपूर्ण रही है। उक्त विचार राज्यसभा सांसद बंशीलाल गुर्जर ने मध्यप्रदेश जनअभियान परिषद द्वारा नवांकुर योजना अंतर्गत चयनित नवांकुर संस्थाओ के दो दिवसीय प्रशिक्षण के समापन अवसर पर व्यक्त किए।

                                  श्री गुर्जर ने कहा कि शासकीय संस्थाएं तो काम करती हैं, लेकिन समाज के बीच नवांकुर संस्थाएं काम करती है । उनसे आशा है कि समाज हित में वह निरंतर ऐसे ही जनजागरूकता ओर जरूरतमंद को लाभ दिलाते काम करती रहै।
पंचायती राज की मजबूत कड़ी है ग्राम सभा

*पंचायती राज एवं वाटरशेड के जिला अधिकारी मनोज मकवाना ने बताया कि ग्राम पंचायत की मजबूत कड़ी ग्राम सभा होती है ग्राम सभा में गांव की सभी समस्याओं को रखना चाहिए साथी उसे पर चिंतन भी होना चाहिए जिससे समस्याओं को समाधान हो पाए ग्राम पंचायत की कार्य योजना में प्रमुख रूप से ग्राम सभा की सभी आवश्यकताओं को लिया जाता है जिसमें बजट अनुसार उन कामों को हम प्राथमिकता क्रम में जीपीडीपी के माध्यम से निर्धारित कर सकते हैं ग्राम सभा में जितने लोगों की सहभागिता होगी उतनी सार्थक उसे गांव की कार्य योजना बनेगी आप सभी को ग्रामसभा में सभा गीता करना चाहिए साथ ही पंचायत के समय समस्त टैक्स समय पर देना चाहिए जिससे गांव के विकास में आपकी अहम भागीदारी की जा सके ।

जॉब कार्ड की संख्या से निर्धारित होता है मनरेगा का बजट

मनरेगा परियोजना अधिकारी प्रदीप चौहान ने बताया की महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम अंतर्गत संचालित समस्त कार्यों का बजट उपरोक्त ग्राम पंचायत के जॉब कार्ड के आधार पर तय किया जाता है, जिसमें एक परिवार को 100 दिन का रोजगार देना अनिवार्य है । उपरोक्त कार्य मांग के आधार पर दिया जाता है। वर्तमान में मंदसौर जिला अति दोहन क्षेत्र में आता है । जिसमें 65 प्रतिशत कार्य पानी से संबंधित किया जाता है। मनरेगा में योजना का  लाभ लेने के लिए अपने ग्राम पंचायत में आवेदन देना होता है।

सामाजिक अंकेक्षण से कार्य की  वास्तविक स्थिति पता चलती है

सामाजिक अंकेक्षण के बारे में जानकारी देते हुए जिला अधिकारी सीएल ओनकर ने बताया कि ग्रामीण समाज द्वारा जो अंकेक्षण किया जाता है उसे हम सामाजिक अंकेक्षण कहा जाता है। सामाजिक अंकेक्षण में भौतिक सत्यापन, वित्तीय सत्यापन एवं मौखिक सत्यापन भी किया जाता है। जिससे कार्य की गुणवत्ता के साथ ही वास्तविक स्थिति से ग्राम सभा को  अवगत कराया जा सके। ग्राम सभा अगर उस कार्य पर आपत्ति लेती है तो उसका निराकरण जनसुनवाई में किया जाता है ।अगर कार्य पर निष्फल व्यय हुआ तो उनसे वसूली भी की जा सकती है। जिले में वर्तमान में हो रहे हैं ऑडिट में पंचायत द्वारा किए गए कार्यों में से 10 लाख से अधिक की वसूली की जा रही है। ग्राम सभा में कार्यों की कमी भी निकलती है तो अच्छे कामों को प्रशंसा भी मिलती है। इस अवसर पर जिला समन्वयक तृप्ती वैरागी ने नवांकुर संस्थाओं के दो दिवसीय प्रशिक्षण का प्रस्तुतीकरण के बारे में विस्तृत जानकारी दी। कार्यक्रम का सफल संचालन ब्लॉक समन्वयक अर्चना भट्ट ने किया । अंत में आभार विकासखंड समन्वयक नारायणसिंह निनामा ने माना। कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण कर किया गया। सभी प्रतिभागियों को राज्यसभा सांसद बंशीलाल गुर्जर द्वारा प्रमाण पत्र वितरित किया गया।

Related Articles

Back to top button