प्रदेश
धर्मधाम गीता भवन में पंचदिवसीय गीता जयंती महोत्सव का हुआ समापन
महावीर अग्रवाल
मन्दसौर २४ दिसंबर ;अभी तक ; धर्मधाम गीता भवन में पंचदिवसीय गीता जयंती महोत्सव के अंतिम समापन दिवस पर प्रमुख विद्वान संत स्वामी अमृतरामजी महाराज ने क्रोध के संबंध में कहा कि मन में जब हम किसी के प्रति क्रोध करते है तो जिस प्रकार माचीस की काड़ी दूसरों को जलाने से पहले खुद जल जाती है उसी प्रकार दूसरों पर क्रोध करने पर क्रोधाग्नि पहले हमें स्वयं को भस्म होना पड़ता है इसलिये हमें क्रोध पर नियंत्रण करना चाहिये।
जिस प्रकार बहुमंजिली इमारत पर चढ़ने के लिये सीढ़िया लिफ्ट होना चाहिये परन्तु उपर से एकदम नीचे गिरने में किसी की आवश्यकता नहीं होती उसी प्रकार जीवन के उत्कर्ष के लिये सत्संग, सद्गुरू, महापुरूषों का सानिध्य गीताशास्त्र कीआवश्यकता होती है परन्तु एक क्षण का कुसंग हमें पतन में गिरा देता है।
अंत समय में हमारा जिस वस्तु अथवा व्यक्ति का चिंतन होता है दूसरे जन्म में फिर वहीे धारण करना पड़ता हैं उदाहरण के तौर पर आपने कहा कि एक साधु जीवन भर भगवान का भजन पूजन करता रहा परन्तु अंत समय में आश्रम में एक बैर के पेड़ पर लगे हुए पके बैर के फल में मन रहने से अगले जन्म में उसे बैर के फल में किड़ा (कीट) बनना पड़ा।
शरीर जब तक स्वस्थ है शरीर में जब तक उर्जा है तभी तक हम उसके द्वारा भगवान का भजन स्मरण सत्संग कर सकते है।
भगवान के नाम के जप का हर सम्प्रदाय, हर धर्म में विशेष रूप से राम जप पर जोर दिया गया है।
विधायक के हाथों गीता भवन के सेवाभावी हुए सम्मानित
राजाराम द्वारा संतों को ओढ़ाई शाल
52वें गीता जयंती समारोह व 49वें गीता जयंती समारोह के समापन अवसर पर विशेष अतिथि क्षेत्र के विधायक श्री विपिन जैन ने गीता भवन ट्रस्ट की ओर से गीता भवन के सेवाभावी महानुभाव भोजन व्यवस्था समिति के श्री सुभाष अग्रवाल, गोपाल माली, रजनीश पुरोहित, संत सेवा में लगे पुजारी प. अभिषेक शर्मा, महिला सत्संग सेवा प्रमुख विद्या उपाध्याय, अंजू तिवारी, पुष्पा पाटीदार, पूजा बैरागी, रानू विजयवर्गीय, निर्मला माली, लाइट साउण्ड व्यवस्था प्रमुख, श्याम बैरागी को गीता भवन ट्रस्ट की ओर से शाल, पुष्पमाला से सम्मानित किया। इसके पूर्व विधायक श्री विपिन जैन ने संतों का अभिवादन किया।
उधर वाल्मीकि समाज के प्रमुख श्री राजाराम तंवर ने अपनी ओर से शाल श्रीफल पुष्पमाला से सभी दस संतों का अभिनंदन किया। गीता भवन ट्रस्ट की और से उपाध्यक्ष जगदीश चौधरी, सचिव पं. अशोक त्रिपाठी ने विधायक श्री जैन ने स्वागत किया।
धर्मधाम गीता भवन निर्माण में दिवंगत आत्माओं का स्मरण किया-
मंदसौर के सर्वधर्म समभाव का केन्द्र धर्मधाम गीता भवन के निर्माण में अपना महत्वपूर्ण योगदान देने गीता भवन के सचिव अशोक त्रिपाठी ने दिवंगत महानुभाव का स्मरण करते हुए ब्रह्मलीन स्वामी श्री धर्मेन्द्रजी महाराज, वैष्णव सेनाचार्य स्वामी श्री रामकुमाराचार्य अनुरागी, सेठ नारायण मंगल, दानवीर सेठ गीता भवन हेतु भूमिदानदाता अमरचंदजी कोठारी, श्री वरदीचंद बसेर, पन्नालाल ठेकेदार, मन्नालाल नागदा, श्री छगनलाल चौबे, जगदीश चौबे, विनोद डोसी, पवन केवड़ा, मोहनलाल मरच्या, सेठ रामेश्वर काबला, सुरेश डगवार के समर्पण भाव से योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। ये वे दिवंगत महानुभाव के जिन्होंने ट्रस्ट में रहकर तन, मन व धन के साथ समय का दान करके गीता भवन में योगदान दिया। इनके अलावा गीता भवन के संस्थापक व वर्तमान अध्यक्ष अंतर्राष्ट्रीय संत स्वामी रामनिवासजी महाराज के अनुपम योगदान अतुलनीय है। जिन्होनंे भूमि प्राप्त करने से लेकर आज दिनांक के अनवरत गीता भवन के उत्थान के लिये समर्पित भाव से कार्य करते रहे है।
युवा पुलिस कप्तान अभिषेक आनन्द ने संतों का आशीर्वाद लिया-
जिले के युवा पुलिस कप्तान अभिषेक आनन्द ने गीता भवन के समापन दिवस पर संत महात्माओं के दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त किया। गीता भवन के संस्थापक अध्यक्ष स्वामी श्री रामनिवासजी ने जिले की सेवा करने का आशीर्वाद दिया। पुलिस कप्तान ने भगवान हनुमान जी के मंदिर में श्री गीतेश्वर बालाजी एवं भगवान श्रीकृष्ण के दिव्य मंदिर में दर्शन किये तथा दर्शन से अभिभूत हुए।
धर्मधाम गीता भवन द्वारा हृदय से आभार-
धर्मधाम गीता भवन के 52वें गीता जयंती समारोह, 49वें गीता जयंती नेत्र शिविर में योगदान देने वाले चौधरी परिवार शामगढ़, नेत्ररोगियों को दवाई की निःशुल्क व्यवस्था करने वाले राजेन्द्र मेडिकल स्टोर्स के संचालक श्री वीरेन्द्र जैन, सर्वरोग निदान शिविर के लिये अनुयोग हॉस्पिटल, नईआबादी के सेवाभावी डॉ. योगेन्द्र कोठारी एवं उनकी टीम के हम हृदय से आभारी है। जिन्होनंे 65 से अधिक रोगियों की विभिन्न जांचे एवं दवाईयां वितरित की। संत सेवा एवं भोजन प्रसादी में शुद्ध पेयजल की निःशुल्क व्यवस्था करने वाले शंकर बर्फ डिपो के मुख्य संचालक श्री सुरेश बाबानी एवं इनके सेवाभावी भतीजे रवि बाबानी ने पानी की टंकियां नियमित निःशुल्क व्यवस्था की। इसके अलावा प्रतिवर्ष विगत 48 वर्षों से नेत्र शिविर में योगदान देने वाले जिला चिकित्सालय प्रशासन डॉक्टरों व उनकी सेवाभावी टीम के धर्मधाम गीता भवन ट्रस्ट के अध्यक्ष स्वामी श्री रामनिवासजी महाराज ने आभार व्यक्त किया है। इनके अलावा ज्योतिषज्ञ लाडकुंवरजी की प्रेरणा से संत सेवा, भोजन प्रसादी आदि के लिये नगद एवं वस्तु का दान देने वाले समस्त महानुभाव का गीता भवन ट्रस्ट परिवार हृदय से आभार व्यक्त करता है।
अंत समय में हमारा जिस वस्तु अथवा व्यक्ति का चिंतन होता है दूसरे जन्म में फिर वहीे धारण करना पड़ता हैं उदाहरण के तौर पर आपने कहा कि एक साधु जीवन भर भगवान का भजन पूजन करता रहा परन्तु अंत समय में आश्रम में एक बैर के पेड़ पर लगे हुए पके बैर के फल में मन रहने से अगले जन्म में उसे बैर के फल में किड़ा (कीट) बनना पड़ा।
शरीर जब तक स्वस्थ है शरीर में जब तक उर्जा है तभी तक हम उसके द्वारा भगवान का भजन स्मरण सत्संग कर सकते है।
भगवान के नाम के जप का हर सम्प्रदाय, हर धर्म में विशेष रूप से राम जप पर जोर दिया गया है।
विधायक के हाथों गीता भवन के सेवाभावी हुए सम्मानित
राजाराम द्वारा संतों को ओढ़ाई शाल
52वें गीता जयंती समारोह व 49वें गीता जयंती समारोह के समापन अवसर पर विशेष अतिथि क्षेत्र के विधायक श्री विपिन जैन ने गीता भवन ट्रस्ट की ओर से गीता भवन के सेवाभावी महानुभाव भोजन व्यवस्था समिति के श्री सुभाष अग्रवाल, गोपाल माली, रजनीश पुरोहित, संत सेवा में लगे पुजारी प. अभिषेक शर्मा, महिला सत्संग सेवा प्रमुख विद्या उपाध्याय, अंजू तिवारी, पुष्पा पाटीदार, पूजा बैरागी, रानू विजयवर्गीय, निर्मला माली, लाइट साउण्ड व्यवस्था प्रमुख, श्याम बैरागी को गीता भवन ट्रस्ट की ओर से शाल, पुष्पमाला से सम्मानित किया। इसके पूर्व विधायक श्री विपिन जैन ने संतों का अभिवादन किया।
उधर वाल्मीकि समाज के प्रमुख श्री राजाराम तंवर ने अपनी ओर से शाल श्रीफल पुष्पमाला से सभी दस संतों का अभिनंदन किया। गीता भवन ट्रस्ट की और से उपाध्यक्ष जगदीश चौधरी, सचिव पं. अशोक त्रिपाठी ने विधायक श्री जैन ने स्वागत किया।
धर्मधाम गीता भवन निर्माण में दिवंगत आत्माओं का स्मरण किया-
मंदसौर के सर्वधर्म समभाव का केन्द्र धर्मधाम गीता भवन के निर्माण में अपना महत्वपूर्ण योगदान देने गीता भवन के सचिव अशोक त्रिपाठी ने दिवंगत महानुभाव का स्मरण करते हुए ब्रह्मलीन स्वामी श्री धर्मेन्द्रजी महाराज, वैष्णव सेनाचार्य स्वामी श्री रामकुमाराचार्य अनुरागी, सेठ नारायण मंगल, दानवीर सेठ गीता भवन हेतु भूमिदानदाता अमरचंदजी कोठारी, श्री वरदीचंद बसेर, पन्नालाल ठेकेदार, मन्नालाल नागदा, श्री छगनलाल चौबे, जगदीश चौबे, विनोद डोसी, पवन केवड़ा, मोहनलाल मरच्या, सेठ रामेश्वर काबला, सुरेश डगवार के समर्पण भाव से योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। ये वे दिवंगत महानुभाव के जिन्होंने ट्रस्ट में रहकर तन, मन व धन के साथ समय का दान करके गीता भवन में योगदान दिया। इनके अलावा गीता भवन के संस्थापक व वर्तमान अध्यक्ष अंतर्राष्ट्रीय संत स्वामी रामनिवासजी महाराज के अनुपम योगदान अतुलनीय है। जिन्होनंे भूमि प्राप्त करने से लेकर आज दिनांक के अनवरत गीता भवन के उत्थान के लिये समर्पित भाव से कार्य करते रहे है।
युवा पुलिस कप्तान अभिषेक आनन्द ने संतों का आशीर्वाद लिया-
जिले के युवा पुलिस कप्तान अभिषेक आनन्द ने गीता भवन के समापन दिवस पर संत महात्माओं के दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त किया। गीता भवन के संस्थापक अध्यक्ष स्वामी श्री रामनिवासजी ने जिले की सेवा करने का आशीर्वाद दिया। पुलिस कप्तान ने भगवान हनुमान जी के मंदिर में श्री गीतेश्वर बालाजी एवं भगवान श्रीकृष्ण के दिव्य मंदिर में दर्शन किये तथा दर्शन से अभिभूत हुए।
धर्मधाम गीता भवन द्वारा हृदय से आभार-
धर्मधाम गीता भवन के 52वें गीता जयंती समारोह, 49वें गीता जयंती नेत्र शिविर में योगदान देने वाले चौधरी परिवार शामगढ़, नेत्ररोगियों को दवाई की निःशुल्क व्यवस्था करने वाले राजेन्द्र मेडिकल स्टोर्स के संचालक श्री वीरेन्द्र जैन, सर्वरोग निदान शिविर के लिये अनुयोग हॉस्पिटल, नईआबादी के सेवाभावी डॉ. योगेन्द्र कोठारी एवं उनकी टीम के हम हृदय से आभारी है। जिन्होनंे 65 से अधिक रोगियों की विभिन्न जांचे एवं दवाईयां वितरित की। संत सेवा एवं भोजन प्रसादी में शुद्ध पेयजल की निःशुल्क व्यवस्था करने वाले शंकर बर्फ डिपो के मुख्य संचालक श्री सुरेश बाबानी एवं इनके सेवाभावी भतीजे रवि बाबानी ने पानी की टंकियां नियमित निःशुल्क व्यवस्था की। इसके अलावा प्रतिवर्ष विगत 48 वर्षों से नेत्र शिविर में योगदान देने वाले जिला चिकित्सालय प्रशासन डॉक्टरों व उनकी सेवाभावी टीम के धर्मधाम गीता भवन ट्रस्ट के अध्यक्ष स्वामी श्री रामनिवासजी महाराज ने आभार व्यक्त किया है। इनके अलावा ज्योतिषज्ञ लाडकुंवरजी की प्रेरणा से संत सेवा, भोजन प्रसादी आदि के लिये नगद एवं वस्तु का दान देने वाले समस्त महानुभाव का गीता भवन ट्रस्ट परिवार हृदय से आभार व्यक्त करता है।