भ्रष्टाचार के आरोपी पटवारी मुन्नालाल अहिरवार को चारा वर्ष का कठोर कारावास
दीपक शर्मा
पन्ना १० जनवरी ;अभी तक ; भ्रष्टाचार के आरोप में पटवारी मुन्ना लाल को चार वर्ष के कठोर कारावास की सजा से दण्डित किया गया है।
उक्त मामले में सहयाक जिला लोक अभियोजन अधिकारी पन्ना रोहित गुप्ता के द्वारा बताया गया कि अभियोजन का प्रकरण संक्षेप में इस प्रकार है कि दिनांक 03.12.2020 को आवेदक कौशल कुमार गुप्ता पिता एस0एल0 गुप्ता निवासी आदर्श कालोनी कटनी ने अनावेदक के विरूद्ध एक शिकायत पत्र मय सहमति पत्र के रिश्वत मांग संबंधी इस आशय का पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त सागर के समक्ष प्रस्तुत किया था कि ग्राम विसानी के पटवारी मुन्नालाल अहिरवार द्वारा उसके मित्र राजेन्द्र सिंह चौबे के नाम की जमीन का नामांतरण करने के एवज में उससे 90 हजार रूपये की रिश्वत की मांग की गई। आवेदक, पटवारी मुन्नालाल को रिश्वत देना नहीं चाहता था बल्कि उसे रंगे हाथों पकड़वाना चाहता था। आवेदक द्वारा प्रस्तुत शिकायत पत्र के सत्यापन हेतु आवेदक को एक डिजीटल वॉयस रिकार्डर प्रदाय किया जाकर अनावेदक की रिश्वत माँग संबंधी वार्ता को रिकार्ड करने के लिए निर्देशित किया गया आवेदक ने दिनांक 04.12.2020 को अनावेदक से उसके तहसील प्रांगण स्थित आवास में संपर्क कर रिश्वत मांग संबंधी बातचीत कार्यालय से प्रदाय किये गये वाइस रिकार्डर में रिकार्ड कर ली थी। बाचतीत के दौरान अनावेदक आवेदक से 90 हजार रूपये की मांग की और 20 हजार रूपये तत्काल मौके पर ले लिये। ट्रांसक्रिप्ट तथा आवेदक के शिकायत पत्रों से अनावेदक द्वारा रिश्वत मांग किया जाना प्रथम दृष्टया पाये जाने पर अनावेदक पटवारी मुन्नालाल अहिरवार के विरूद्ध अपराध धारा-7 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, संशोधित अधिनियम-2018 में अपराध पंजीबद्ध किया गया। सम्पूर्ण अनुसंधान उपरांत अभियुक्त के विरूद्ध अभियोग पत्र न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। माननीय श्रीमान इंद्रजीत रघुवंशी विशेष न्यायाधीश के न्यायालय मे शासन की ओर से पैरवी करते हुए संदीप कुमार पांडेय, जिला लोक अभियोजन अधिकारी द्वारा दौरान विचारण अभियोजन के साक्ष्य को क्रमबद्ध तरीके से लिपिबद्ध कराकर न्यायालय के समक्ष आरोपी के विरूद्ध आरोप को संदेह से परे प्रमाणित किया तथा आरोपी का कृत्य गंभीरतम होने के कारण उन्हे कठोर से कठोरतम सजा दिये जाने का अनुरोध किया। अभिलेख पर आई साक्ष्य और अभियोजन के तर्को एवं न्यायिक दृष्टांतो से संतुष्ट होते हुए न्यायालय द्वारा आरोपी- मुन्नालाल अहिरवार को क्रमशः धारा-7 भ्रष्टचार निवारण अधिनियम के आरोप में 04 वर्ष का कठोर कारावास एवं 5 हजार रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।