महावीर अग्रवाल
मंदसौर ३ जून ;अभी तक ; राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी समिता बहन की चतुर्थ पुण्यतिथि के अवसर पर विश्व सद्भावना सरोवर परिसर में स्नेहांजलि कार्यक्रम का आयोजन हुआ।
ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की इंदौर झोन की मुख्य प्रशासिका हेमलता बहन आत्म कल्याण भवन मंदसौर केंद्र की संचालिका ब्रह्माकुमारी उषा बहन तथा नगर के वरिष्ठ समाजसेवी गुरु चरण बग्गा , बटवाल जोशी, सोमिल नाहटा, शिक्षा विद रमेश चंद्र चंद्रे राजाराम तंवर डॉ. रविंद्र पांडे
सत्येंद्र सिंह सोम आदि ने अपने विचार व्यक्त करते हुए समिता बहन जी की मंदसौर में 27 वर्षों की सेवा और साधना का उल्लेख
किया और श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
इंदौर झोन की मुख्य प्रशासिका हेमलता बहन ने कहा कि समिता बहन का व्यक्तित्व दिव्य गुणों से आलोकित था। उन्होंने अपनी श्रेष्ठ साधना से आध्यात्मिक उपलब्धि के साथ ही बेहतर प्रबंधन के क्षेत्र में भी सर्वोत्कृष्ठ भूमिका निभाई।
बीके उषा बहन ने कहा कि समिता बहन के योगदान को कभी कोई भूला नहीं सकता। मंदसौर में प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के परिवार को इतना वृहद रूप उन्होंने दिया है जो उन्हें हमेशा हमारे बीच में जीवंत रखेगा। वरिष्ठ समाजसेवी गुरुचरण बग्गा ने कहा कि समिता बहन ने धर्म और अध्यात्म में रुचि रखने वाले अनेकों महानुभावों को ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय से जोड़ा। कोई क्षेत्र ऐसा शेष नहीं जिनके प्रतिनिधि राजयोग साधना केंद्र से ना जुड़े हों। शिक्षा विद रमेश चंद्र चंद्रे ने कहा कि समिता बहन एक ऐसी अध्यात्मिक विभूति थी कि उनके संपर्क में जो भी आया उनके जीवन पर बड़ा ही सकारात्मक प्रभाव पड़ा।सोमिल नाहटा ने कहा कि उनका जीवन अत्यंत प्रेरणादायी रहा है।ब्रह्माकुमारी मिशन को इस क्षेत्र में जन-जन तक पहुंचने में उनकी भूमिका श्रेष्ठतम रही।
बीके हेमा बहन ने कहा कि मंदसौर में विश्व सद्भावना सरोवर का निर्माण समिता बहन का एक सपना था जो उन्होंने आरंभ किया इसे पूरा करना हम सबका कर्तव्य है। स्नेहांजलि कार्यक्रम में सर्व श्री राजाराम तंवर डॉ रविंद्र पांडे, सत्येंद्र सिंह सोम,श्यामा बहन तथा रतलाम इंदौर से आई ब्रह्मकुमारी बहनों रतलाम से सविता दीदी जावरा से सावित्री दीदी, सीतामऊ से कृष्णा दीदी ने भी संबोधित किया। संचालन हेमलता दीदी आभार श्यामा दीदी ने माना।
अंत में सभी ने उनकी तस्वीर के समक्ष माल्यार्पण और दीप प्रज्वलित कर श्रद्धांजलि समर्पित की।


