महावीर अग्रवाल
मन्दसौर, 19 जून ;अभी तक ; पूर्व विधायक यशपालसिंह सिसोदिया ने मन्दसौर मास्टर प्लान 2041 को लेकर नगर एवं ग्राम निवेश विभाग (टीएनसीपी) की कार्यशैली पर कड़ा ऐतराज जताया है। उन्होंने कहा कि मास्टर प्लान प्रभावशाली लोगों के हित में नहीं, बल्कि आम मन्दसौरवासी के हितों के अनुरूप तैयार होना चाहिए, तभी उसका वास्तविक लाभ शहर को मिल सकेगा। उन्होंने आरोप लगाया कि टीएनसीपी द्वारा पूर्व में आयोजित बैठकों की कार्यवाही तक जिला प्रशासन को नहीं सौंपी जा रही, जिससे विभाग की मंशा पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
पूर्व विधायक ने कहा कि मास्टर प्लान का उद्देश्य समग्र शहर के विकास को केंद्र में रखते हुए योजनाएँ बनाना होना चाहिए, न कि चुनिंदा कॉलोनियों को लाभ पहुँचाना या पहले से बसे लोगों को विस्थापन की चिंता में डालना। उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि केशवकुंज, यशनगर, मेघदूत एवं कलेक्ट्रेट रोड जैसी कॉलोनियों में अब 100 फीट चौड़ी सड़क प्रस्तावित कर दी गई है, जबकि ये कॉलोनियाँ विभागीय अनुमति से वर्षों पूर्व विकसित की जा चुकी हैं। इससे इन क्षेत्रों में बसे लोगों के मकान खतरे में आ गए हैं।
श्री सिसोदिया ने रिंग रोड योजना में हुए बदलावों पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि पहले जो रिंग रोड साबाखेड़ा फंटा, इंडस्ट्रियल एरिया, जग्गाखेड़ी और कुमकुम गार्डन होते हुए हाईवे से जुड़ती थी, अब उसे महज़ लाभमुनि मार्ग तक सीमित कर दिया गया है, जो रिंग रोड के मूल उद्देश्य के साथ अन्याय है।
शहर के संतुलित विकास के लिए उन्होंने सुझाव दिया कि नयापुरा से डिगांव तक एक नया मार्ग विकसित किया जाए, जिससे मन्दसौर का विस्तार सभी दिशाओं में समान रूप से हो। यह मॉडल इंदौर की तरह संतुलित और व्यावहारिक होगा।
श्री सिसोदिया ने स्पष्ट किया कि मास्टर प्लान मन्दसौर के भविष्य की आधारशिला है, और इसमें हर नागरिक की आवाज़ और जरूरतों का समावेश अनिवार्य है, न कि केवल कुछ प्रभावशाली वर्गों की प्राथमिकताओं का।


