महावीर अग्रवाल
मन्दसौर ३ जुलाई ;अभी तक ; शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय क्रमांक 2, मंदसौर के एक पूर्व छात्र ने आज यह सिद्ध कर दिया कि शिक्षा केवल ज्ञान नहीं, बल्कि संवेदना और सामाजिक उत्तरदायित्व भी सिखाती है।
विद्यालय की जीवविज्ञान शिक्षिका श्रीमती कीर्ति सक्सेना द्वारा सोशल मीडिया के माध्यम से की गई अपील पर त्वरित प्रतिक्रिया देते हुए तेजू सिंह सिसोदिया, जो वर्तमान में भारतीय थल सेना की चिकित्सा कोर (गुवाहाटी, असम) में डेंटल हाइजीनिस्ट (नर्सिंग असिस्टेंट) के पद पर कार्यरत हैं, ने तीन आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों की शैक्षणिक फीस का दायित्व स्वयं उठाया।
ग्राम थड़ौद, तहसील मल्हारगढ़ निवासी तेजू सिंह सिसोदिया ने सत्र 2014-15 में विज्ञान संकाय से 77 प्रतिशत अंकों के साथ 12वीं की परीक्षा उत्तीर्ण की थी। वे लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल हायर सेकेण्डरी स्कूल, मंदसौर के छात्र रहे हैं। उन्होंने बताया कि उन्हें अपने माता-पिता और शिक्षकों से प्रेरणा मिली, जिन्होंने शिक्षा के महत्व को समझाया और अपने सपनों को साकार करने की दिशा में आगे बढ़ने का संबल दिया।
तेजू सिंह ने कहा, ‘‘मैं चाहता हूँ कि मेरे जैसे अन्य बच्चे भी अपने सपनों को पूरा कर सकें। स्कूल के दिनों में जिस प्रकार का सहयोग और मार्गदर्शन मुझे मिला, उसी भाव से आज इन बच्चों की सहायता करना मेरा कर्तव्य है।’’
श्रीमती सक्सेना ने भावविभोर होते हुए बताया कि हमारे छात्रों ने न केवल अपने जीवन में सफलता प्राप्त की है, बल्कि वे समाज के लिए प्रेरणा स्रोत बन रहे हैं। तेजू का यह योगदान विद्यालय परिवार के लिए गौरव की बात है। यह दिखाता है कि शिक्षा का वास्तविक प्रभाव तब पड़ता है जब विद्यार्थी समाज के प्रति अपने दायित्व को निभाते हैं।
तेजू सिंह की इस पहल से प्रेरित होकर अन्य पूर्व छात्र भी मदद के लिए आगे आने की इच्छा जता रहे हैं और एक पूर्व छात्र ने भी एक छात्र की फीस भरने का जिम्मा उठाया है। यह घटना एक मिसाल है कि शिक्षक और शिष्य का रिश्ता जब मूल्यों और संवेदनाओं से जुड़ा हो, तो समाज में सकारात्मक बदलाव निश्चित है।
विद्यालय के प्रभारी प्राचार्य श्रीमान विजय सिंह पुरावत और स्टाफ सदस्यों ने छात्र को आशीर्वाद देते हुए उसके उज्जवल भविष्य की कामना की।


