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बजट मंदसौर नगर के साथ छलावा है- नेता प्रतिपक्ष रफत पयामी
महावीर अग्रवाल
मन्दसौर ३१ मार्च ;अभी तक; नगरपालिका परिषद् मंदसौर द्वारा 483 करोड़ 32 लाख 87 हजार का अनुमानित बजट पेश किया गया। बजट शुरू होने पर सर्वप्रथम राजस्व समिति की सभापति श्रीमती कौशल्या बंधवार का पूर्व में वितरित बुकलेट में नाम नहीं होने से पार्षदों ने अपनी आपत्ति दर्ज की और कहा कि यह पूर्व नपाध्यक्ष श्री प्रहलाद बंधवार का अपमान भाजपा की परिषद् ने किया।
नेता प्रतिपक्ष रफत पयामी एवं समस्त कांग्रेस पार्षदों ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से बताया कि आज का बजट मंदसौर नगर के साथ छलावा है।
जब लेखा अधिकारी ने बजट पढ़ना शुरू किया तब कांग्रेसी पार्षद ने सवाल पूछा की बजट जल प्रदाय उपकरणों की मरम्मत एवं सामग्री क्रय व विस्तार के लिये 1 करोड़ 9 लाख रू. का व्यय बताया है तो यह व्यय कब हुआ, कौन सा जल संकट था, किस तरह से इस पैसे का उपयोग किया। पहले फाईल का अध्ययन करवा दे। तो उस पर सी.एम.ओ., लेखा अधिकारी, नपाध्यक्ष कोई जवाब नहीं दे पाए।
जब पार्षद ने कहा बीज खाद पौधे, तगारिया, फावड़े, गेती आदि पर 15 लाख का खर्चा बता रहे है जिसका विवरण दे ।
परन्तु इन दो ही सवालों का जवाब कांग्रेसी पार्षदों को नहीं दे पाए और अंत में बहुमत के आधार पर पास-पास कहकर वार्तालाप के बीच राष्ट्रगान शुरू कर दिया और सदन का अपमान किया गया।
कांग्रेसी पार्षद संगीता शैलेन्द्रगिरी गोस्वामी, पिंकी कमलेश सोनी, तरूण शर्मा, कमरून्नीसा अंसारी, प्रीतम पंचोली, नगमा न्याज एहमद आदि ने खड़े होकर चर्चा करना चाही तो बहुमत का दुरूपयोग करके बैठक समाप्त कर दी।
नेता प्रतिपक्ष रफत पयामी ने बताया कि इस बजट में बहुत कमियां है और मात्र आंकड़ों का मायाजाल है। उदाहरण स्वरूप विज्ञापन कर एडव्हारटाईजिंग किराया अनुमानित 25 लाख रू. बता रहे है जबकि वास्तविक आय 2022 में 93 हजार 494 ही आ रही है।
पशु पंजीयन पशु हाट ठेका- 6 लाख अनुमानित बता रहे है वास्तविक 3 लाख 31 हजार 341 रू. है जबकि यह ऑनलाईन टेंडर अजय भाटी को 12 लाख 55 हजार में दे रखा है तो 31 हजार आय कैसे दर्शा रहे है ?
सब्जी बाजार पहरी सड़क पर 15 लाख अनुमानित बता रहे है। वास्तविकता में 15 लाख 26 हजार 358 पहले से आ रहे है और उस पहरी वसूली के लिये 6 कर्मचारी रख रखे है जिन्हें कुल 36 लाख तो तनख्वाह ही दे रहे तो यह क्या है ?
नेता प्रतिपक्ष रफत पयामी ने बताया कि यह बजट भ्रामक है। सभी कांग्रेसी पार्षद इसका विरोध नगर हित में करते है।
नगरपालिका के बजट को लेकर मेरे सवाल
संपत्ति कर से 3 करोड रुपए आय मान रहे हैं जबकि वास्तविक आय 37 लाख बता रहे हैं यह सही नहीं है क्योंकि साल में हम चार बार लोक अदालत लगाकर नगरपालिका पैसे उसूल करती है जो तकरीबन 80 लाख से ऊपर है जिसके लिए मंदसौर नगर पालिका को अवार्ड भी मिला है
सब्जी बाजार और पटरी सड़क वसूली को लेकर 1500000 का अनुमानित बताया गया है जबकि वास्तविक आय 15 लाख 26 हजार 358 रुपए हुई है तो जब ज्यादा पैसा आ रहा है तो अनुमान कम क्यों बता रहे हैं मेरा प्रश्न यह है दूसरा प्रश्न इस संबंध में यह है कि कम से कम पटरी वसूली के लिए छह कर्मचारी रख रखे हैं जिनकी तन्हाखा ही 36 लाख रुपए के करीब दी जाती है पटरी वसूली का पैसा कहां जाता है यह बताया जाए
पशु पंजीयन शुल्क या पशु हाट ठेका ₹600000 चालू वर्ष के लिए बताए हैं वास्तविक आय 341306 हुई है जबकि इसका ऑनलाइन ठेका हो चुका है 12लाख 50 हजार मे अजय भाटी नाम के शख्स को तो फिर इतनी कम कमाई कैसे हुई यह बताया जाए