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जलवायु सम्मेलन में आज भारत की अगुवाई करेंगे PM मोदी, तीन अलग-अलग सेशन में रखेंगे BHARAT का पक्ष

प्रधानमंत्री मोदी वहां आठ वैश्विक नेताओं से भी द्विपक्षीय मुलाकात करेंगे। दुबई जाने से पहले जारी बयान में पीएम मोदी ने कहा है कि भारत विकासशील देशों को पर्यावरण सुरक्षा करने और तकनीक हस्तांतरण के लिए पूरा सहयोग देने का पक्षधर है। उम्मीद जताई गई है कि भारत की अगुआई में जी-20 बैठक में पर्यावरण संरक्षण को लेकर जो घोषणा की गई है।

 पर्यावरण संरक्षण पर संयुक्त राष्ट्र की तरफ से आयोजित कान्फ्रेंस आफ द पार्टीज (कॉप)-28 की बैठक में हिस्सा लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गुरुवार देर रात दुबई पहुंच गए। मोदी वहां सिर्फ शुक्रवार देर शाम तक ही रहेंगे, लेकिन इस दौरान वह काप-28 की शीर्षस्तरीय आरंभिक सत्र में हिस्सा लेंगे और इससे जुड़े तीन अलग-अलग सत्रों में भारत का पक्ष रखेंगे।

इसके अलावा प्रधानमंत्री वहां आठ वैश्विक नेताओं से भी द्विपक्षीय मुलाकात करेंगे। दुबई जाने से पहले जारी बयान में पीएम मोदी ने कहा है कि भारत विकासशील देशों को पर्यावरण सुरक्षा करने और तकनीक हस्तांतरण के लिए पूरा सहयोग देने का पक्षधर है।

भारत ने पर्यावरण संरक्षण को लेकर कही ये बात

भारत ने हमेशा पर्यावरण संरक्षण को लेकर जो कहा है, उसे करके दिखाया है। उन्होंने उम्मीद जताई कि भारत की अगुआई में जी-20 बैठक में पर्यावरण संरक्षण को लेकर जो घोषणा की गई है और इस बारे में जो सहमति बनी है उसे कॉप-28 में आगे बढ़ाया जाएगा।

दुबई में कॉप-28 की शीर्षस्तरीय बैठक के अलावा मोदी पर्यावरण संरक्षण के लिए आवश्यक राशि जुटाने, पर्यावरण अनुकूल काम करने के लिए फंड उपलब्ध कराने और उद्योगों को पर्यावरण अनुकूल बनाने के लिए गठित देशों की अलग-अलग बैठकों में हिस्सा लेंगे। पीएम मोदी तीसरी बार इस महत्वपूर्ण वैश्विक बैठक में हिस्सा लेने जा रहे हैं।

विकासशील देशों की होगी फंडिग

इसके पहले वर्ष 2015 में उन्होंने पेरिस में और वर्ष 2021 में ग्लासगो (ब्रिटेन) में हिस्सा लिया था। उक्त दोनों बैठकों में मोदी ने भारत की तरफ से बहुत ही उपयोगी प्रस्ताव रखे थे। ग्लासगो में पीएम मोदी ने भारत को वर्ष 2070 तक कार्बन न्यूट्रल बनाने की घोषणा की थी। मोदी ने कहा है कि काप-28 की बैठक में पेरिस सम्मेलन में लिए गए फैसलों के अनुपालन पर विचार होना चाहिए। यह जरूरी है कि विकासशील देशों के लिए जरूरी पर्यावरण संरक्षण के लिए फंडिंग में मदद की जाए। विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने भी बताया कि हम चाहेंगे कि पर्यावरण संरक्षण के लिए जरूरी वित्तीय सुविधा देने को लेकर एक साफ रोडमैप बनाया जाए।


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