समुद्र के नीचे फर्राटा भरेगी बुलेट ट्रेन, प्रोजेक्ट का काम शुरू; 350 मीटर सुरंग का काम 10 माह में होगा काम पूरा
परियोजना कार्यान्वयन प्राधिकरण नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन (एनएचएसआरसीएल) ने बुधवार को बताया कि 10 महीनों में 350 मीटर तक की पहाड़ी सुरंग का पूरा होना बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए मील के पत्थर में से एक था। हाई स्पीड ट्रेन कारिडोर में मुंबई के बांद्रा- कुर्ला काम्प्लेक्स और ठाणे जिले के शिलफाटा के बीच 21 किलोमीटर लंबी सुरंग भी होगी।
मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल (एमएएचएसआर) यानी बुलेट ट्रेन के लिए निर्माण कार्य तेजी से जारी है। इसके लिए समुद्र के अंदर सात किलोमीटर रेल मार्ग के लिए काम की शुरुआत हो गई है।
समुद्र के नीचे बनेगी सुरंग
परियोजना कार्यान्वयन प्राधिकरण नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन (एनएचएसआरसीएल) ने बुधवार को बताया कि 10 महीनों में 350 मीटर तक की पहाड़ी सुरंग का पूरा होना बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए मील के पत्थर में से एक था। हाई स्पीड ट्रेन कारिडोर में मुंबई के बांद्रा- कुर्ला काम्प्लेक्स और ठाणे जिले के शिलफाटा के बीच 21 किलोमीटर लंबी सुरंग भी होगी और इस सुरंग का सात किलोमीटर हिस्सा ठाणे क्रीक के नीचे होगा, जो इसे देश की पहली समुद्र के नीचे सुरंग बनाएगा।
14 सितंबर 2017 को हुई थी प्रोजेक्ट की शुरुआत
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनके जापानी समकक्ष शिजो आबे ने 14 सितंबर 2017 को अहमदाबाद में इस परियोजना की शुरुआत की थी। एक बार चालू होने के बाद बुलेट ट्रेन 508 किलोमीटर का मार्ग 3-3.5 घंटे में तय करेगी। एनएचएसआरसीएल ने एक विज्ञप्ति में कहा कि गुजरात में वलसाड जिले के जारोली गांव के पास 350 मीटर लंबी और 12.6 मीटर व्यास वाली एक पहाड़ी सुरंग का पूरा होना 2023 में परियोजना के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। अहमदाबाद और मुंबई के बीच प्रस्तावित पहली बुलेट ट्रेन 2027 में पटरी पर दौड़ सकती है। पहले हिस्से में इसके गुजरात में अहमदाबाद से वापी तक चलने की संभावना है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव कह चुके हैं कि वर्ष 2026 तक सूरत और बिलिमोरा के बीच बुलेट ट्रेन का ट्रायल करने की योजना है। वहीं 2027 में साबरमती से वापी तक गुजरात के हिस्से में बुलेट ट्रेन चलने की संभावना है।