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उद्यानिकी महाविद्यालय, मंदसौर ने  बड़े उत्साह के साथ मनाया “विश्व मृदा दिवस”

महावीर अग्रवाल

मंदसौर ५ दिसंबर ;अभी तक ;    उद्यानिकी महाविद्यालय, मंदसौर ने मृदा संरक्षण और टिकाऊ कृषि पद्धतियों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए विश्व मृदा दिवस बड़े उत्साह और प्रतिबद्धता के साथ मनाया। 5 दिसंबर 2024 को आयोजित इस कार्यक्रम को विभिन्न ज्ञानवर्धक गतिविधियों और विशिष्ट अतिथि संबोधनों द्वारा किया गया।
                                        इस अवसर पर  मुख्य अतिथि बीएईआरसी, नई दिल्ली के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. एस.के. दुबे थे। डॉ. एस.के. दुबे ने मृदा संरक्षण, जैविक खेती और टिकाऊ कृषि उत्पादन प्रथाओं के महत्व के बारे में विस्तार से बात की। उनका भाषण विश्व मृदा दिवस की थीम पर आधारित था, जो खाद्य सुरक्षा और पर्यावरणीय स्थिरता सुनिश्चित करने में मिट्टी के स्वास्थ्य को एक महत्वपूर्ण कारक के रूप में बढ़ावा देता है। विशिष्ट अतिथि  श्रीमती रमादेवी गुजर अध्यक्ष, नगर पालिका, मंदसौर   ने बागवानी फसलों के महत्व और स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ाने में उनकी भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने विस्तार से बताया कि कैसे इन फसलों का मूल्यवर्धन किसानों के लिए नए रास्ते खोल सकता है और मालवा क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक उत्थान में योगदान दे सकता है।
                                  डॉ. आई.एस. तोमर, अधिष्ठाता, उद्यानिकी महाविद्यालय, मंदसौर  ने एकीकृत पोषक तत्व प्रबंधन को अपनाने पर जोर दिया। उन्होंने मृदा स्वास्थ्य में सुधार और उत्पादकता में सतत वृद्धि के लिए जैविक और संतुलित उर्वरकों के उपयोग की आवश्यकता को रेखांकित किया।
                                    कार्यक्रम की शुरुआत कॉलेज के छात्रों और स्टाफ द्वारा  मृदा संरक्षण के प्रति एकता और सामूहिक प्रतिबद्धता का प्रदर्शन करते हुए एक प्रेरक मार्च पास्ट के साथ हुई। कॉलेज के विद्यार्थियों  द्वारा विभिन्न सांस्कृतिक गतिविधियाँ जैसे रंगोली बनाना, क्ले मॉडलिंग, पोस्टर मेकिंग, नारा लेखन और प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता की गई। कार्यक्रम का संचालन डॉ. रोशन गलानी  ने किया। धन्यवाद ज्ञापन डॉ. रूपेश चतुर्वेदी ने किया, जिन्होंने कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए सभी विशिष्ट अतिथियों और प्रतिभागियों के प्रति आभार व्यक्त किया।

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