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औद्योगिक क्षेत्र की छोटी-छोटी समस्याओं का त्वरित समाधान करें : कलेक्टर श्रीमती गर्ग
महावीर अग्रवाल
मंदसौर 24 दिसंबर ;अभी तक ; कलेक्टर श्रीमती अदिती गर्ग की अध्यक्षता में उद्योग एवं व्यापारी संघ के साथ बैठक सुशासन भवन स्थित सभागृह में आयोजित की गई। बैठक के दौरान कलेक्टर ने उद्योग विभाग एवं एमपीआईडीसी को निर्देश देते हुए कहा कि औद्योगिक क्षेत्र की जितनी भी छोटी-छोटी समस्याएं हैं उनका त्वरित समाधान करें। बैठक के दौरान एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर एमपीआईडीसी श्री राजेश राठौर सहित सभी उद्योगपति मौजूद थे।
कलेक्टर ने कहा कि, औद्योगिक क्षेत्र में उद्योगपतियों से सकारात्मक सुझाव, उनकी समस्या सुनना, उन समस्या का समाधान करना और उद्योगों को और बेहतर करना एमपीआईडीसी की प्राथमिकताएं है। जग्गाखेड़ी औद्योगिक क्षेत्र में पानी की समस्याओं का निराकरण करने के साथ ही ड्रेनेज सिस्टम बनाने के लिए कार्यवाही करें। औद्योगिक भूखंड के अंदर लाइट के पॉल को बाहर करने के लिए एमपीईबी के साथ मिलकर समन्वय के साथ कार्य करें। गरोठ औद्योगिक क्षेत्र में विद्युत आपूर्ति के लिए औद्योगिक विभाग एमपीईबी विभाग को वर्क ऑर्डर प्रदान करें। इंडस्ट्री के लिए जमीन की आवश्यकता अगर है तो एमपीआईडीसी को बताएं। जिससे आगामी कार्यवाही शुरू हो सके। औद्योगिक क्षेत्र में चोरियों को रोकने के लिए चौकी निर्माण की मांग उद्योगपति द्वारा की गई।
एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर श्री राठौर द्वारा कहा गया कि सभी उद्योगपति उद्योग में उत्पादन होने वाले प्रोडक्ट की गुणवत्ता पर ध्यान दें, कैसे प्रोडक्ट की गुणवत्ता सुधार सकती है उसे पर विशेष तौर पर कम करें। मंदसौर का उत्पादन भारत तक कैसे जाए, इस पर कार्य करें। अलग-अलग उद्योगों के लिए अलग-अलग पॉलिसी बनाई गई है उनका अध्ययन करें। इसके साथ ही भारत सरकार एवं मध्य प्रदेश सरकार के द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी का लाभ प्लान करें। इन्वेस्ट एमपी अप पर भी सारी जानकारियां उपलब्ध है वहां से भी उद्योग संबंधित सारी जानकारियां मिल सकती हैं।
बैठक के पश्चात कलेक्टर ने सभी उद्योगपतियों से निक्षय मित्र बनकर टीबी मरीजों को फूड बास्केट प्रदान करने की अपील की। सभी उद्योगपति निक्षय मित्र बनकर टीबी मरीज को 6 माह तक फूड बास्केट प्रदान करें। जिसमें प्रत्येक महीने एक फूड बास्केट देना होता है। इस तरह एक मरीज को 6 माह में 6 फुट बास्केट देने होते हैं। स्वास्थ्य विभाग इसके लिए औद्योगिक क्षेत्र में शिविर भी आयोजित करें तथा टीबी मरीजों की स्कैनिंग करें।