प्रदेश

कड़ी मशक्कत के बाद पांचवें दिन मिला गले में फंदा डला हुआ बाघ

मोहम्मद सईद
शहडोल 30 नवंबर ; अभी तक ;  मध्य प्रदेश के जाने-माने बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व उमरिया में एक बाघ गले में फंदा डाले घायल अवस्था में पिछले चार दिनों से घूम रहा था। पार्क के अधिकारियों को गले में फंदा डले हुए बाघ की जानकारी मिली तो वहां हड़कंप मच गया। इस बाघ के बारे में जब पार्क के अधिकारियों ने तफ़्सीस की तो उसकी पहचान छोटा भीम के रूप में हुई। हाथियों के साथ ही बड़ी संख्या में बांधवगढ़ नेशनल पार्क के कर्मचारियों की टीम जंगल की खाक छान रही थी। लेकिन बाघ था कि कहीं नजर ही नहीं आ रहा था। आखिरकार चार दिन की कड़ी मशक्कत के बाद पांचवे दिन शुक्रवार की दोपहर इस छोटा भीम को रेस्क्यू कर लिया गया। रेस्क्यू के बाद उसे डॉक्टरों की निगरानी में वन विहार भोपाल भेज दिया गया है। यह पूरा ऑपरेशन बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व उमरिया के क्षेत्र संचालक डॉ. अनुपम सहाय और उप संचालक पीके वर्मा के नेतृत्व में चला।
                                    बांधवगढ टाइगर रिजर्व उमरिया के उप संचालक पी के वर्मा ने अभीतक को बताया कि छोटा भीम बाघ को कक्ष कमॉक 502, बीट जगुवा, परिक्षेत्र-पनपथा (बफर) से रेस्क्यू किया गया है। उन्होंने बताया कि रेस्क्यू किए गए इस नर बाघ की उम्र लगभग 7-8 वर्ष है। रेस्क्यू करने के बाद सर्वप्रथम बाघ के गले में फॅसे तार के फंदे को काट कर अलग किया गया और इसके पश्चात् बाघ के घावों का प्राथमिक उपचार कर उसे पिंजरे में सुरक्षित बंद किया गया। रेस्क्यू के दौरान संजय गांधी टाइगर रिजर्व के डॉक्टर अभय, डब्ल्यू सी टी संस्था के डॉक्टर हिमांशु जोशी और भोपाल के डॉक्टर वैभव की टीम भी मौजूद रही।
                                  उप संचालक श्री वर्मा ने बताया कि चूंकि बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में अस्पताल की सुविधा उपलब्ध नहीं है, इसलिए इलाज के लिए इस बाघ को वन विहार भोपाल भेज दिया गया है।
                                        यह पूछे जाने पर की बाघ के गले में फंदा कैसे आया होगा, इस पर उप संचालक श्री वर्मा का कहना है, कि पार्क क्षेत्र से लगे गांव में अक्सर लोग छोटे-मोटे मवेशी का शिकार करने के लिए फंदा लगाते हैं और संभव है कि इसी तरह के किसी फंदे में यह बाघ आ गया हो। उन्होंने कहा की गश्ती दल लगातार क्षेत्र में मौजूद रहता है। लेकिन अब इस बात की जांच की जा रही है कि आखिर इस बाघ के गले में फंदा कैसे लगा। उन्होंने कहा कि कुछ दिन पूर्व इसी तरह के कुछ शिकारियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है।
इस तरह सामने आया था यह बाघ
                                          गले में फंदा डले हुए इस बाघ को सर्वप्रथम सोमवार को पर्यटकों ने खेतौली जोन में देखा था और इसके बाद उन्होंने इसका वीडियो बनाकर वायरल कर दिया था। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व प्रबंधन को जब इस बात की सूचना मिली तो पांच हाथी और 80 से ज्यादा कर्मचारियों को रेस्क्यू के काम में लगा दिया गया। बाघ की ट्रैकिंग के लिए दर्जनों कैमरे भी लगाए गए थे।

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