मयंक शर्मा
खंडवा ४ मई ;अभी तक; खंडवा वन वृत के नेपानगर क्षेत्र के साईखेड़ा, पानखेड़ा, सीवल के जंगलों में हुए अतिक्रमण एवं हजारों पेड़ों की कटाई का जिम्मेदार आदिवासी संगठन को बताकर संगठन की माधुरी बेन के खिलाफ वन अधिनियम की धाराओं में केस दर्ज किया है। संगठन के नाम पर लाखों रुपयों की वसूली का कथित आरोप है।
डीएफओ विजय सिह ने बताया कि जंगलों में अतिक्रमण एवं हजारों पेड़ों की कटाई के लिए आदिवासी संगठन के पदाधिकारियों ने ही आदिवासियों को प्रेरित किया था। जांच में सामने आया कि जंगलों में छोटी-छोटी मीटिग लेकर आदिवासियों को अतिक्रमण करने के बाद पट्टे दिलाने का लालच दिया जाता था। यह बात पुलिस और वन विभाग द्वारा पकड़े गए आरोपियों ने कबूल की है। एसपी राहुल कुमार ने बताया कि साक्ष्य के आधार पर संगठन की माधुरी बेन पर वन अधिनियम की धारा 66 ए के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है। लगभग 500 हेक्टेयर से अधिक जंगल में हजारों पेड़ों को काटा गया है।
द्वय अतिणकारियो ने बताया कि जंगलों में कटाई एवं पट्टों की मांग के लिए होने वाले आंदोलन से पहले संगठन के पदाधिकारी जंगलों में मीटिंग करते थे। लेकिन मीटिंग से पहले सभी के मोबाइल बंद करवाए जाते थे ताकि प्लान लीक न हो। किसी प्रकार की तस्वीर बाहर नहीं आए। इसी तरह की मीटिंग का पुलिस ने ड्रोन कैमरे के माध्यम से भी फोटोग्राफ लिए हैं। जंगल कटाई के मुख्य आरोपी फूलसिह, हेमा, लीला, सहित अन्य आरोपियों से संगठन के पदाधिकरियों के चेहरे सामने आये है।
डीएफओ ने बताया कि आदिवासियों से संगठन सदस्यता शुल्क के नाम पर 200-1000 रुपए तक लिए जाते थे। इस राशि का उपयोग धरना, आंदोलन में गांव-गांव से आदिवासियों के लिए वाहन भेजकर एकत्रित करने के लिए होता था। पट्टों का सत्यापन होने के बाद आदिवासियों से 15 हजार रुपए तक वसूले जाते थे। राशि की पर्चियां भी मिलने के साथ लोगों ने वन विभाग में लिखित शिकायतें की है। एसपी ने कहा कि संगठन को रुपए देने के बाद भी पट्टा नहीं मिलने की शिकायतें मिली है।
वन विभाग, पुलिस एवं प्रशासनिक टीमों पर जंगलों में कार्रवाई के दौरान हमले करने वाले 9 आरोपियों को बुधपार करे गिरफ्तार किया है। मुख्य आरोपी अंतराम अवास्या शामिल है। एसपी ने बताया कि 8 आरोपी वर्ष 2019 के प्रकरणों में शामिल है। जुलाई 2019 में अतिक्रमणकारी आरोपियों द्वारा बदनापुर में वन विभाग की टीम पर तीर, गोफन, पत्थरों से हमला किया गया था। पुलिस ने शिवलाल दिनेश तड़वी, रामदास पिता रेमला, भूरालाल पिता मत्था, अनिल पिता रेमला, जगदीश पिता हेमा, राकेश पिता रामा, देवीलाल पिता जसवंत सभी निवासी सीवल को गिरफ्तार किया है।
डीएफओ ने कहा कि घने जंगल की कटाई एवं अतिक्रमण करने के लिए संगठन के लोग आसपास गांव के लोगों को पट्टे दिलाने का लालच देते थे। उन्हें पहले छोटे, छोटे पेड़ों की कटाई कर 5 साल तक कब्जा बरकरार रखने के लिए कहा जाता था। फिर बड़े पैमाने पर कटाई होती थी। पुराना कब्जा बताकर वन अधिकार अधिनियम के तहत आवेदन लगाए जाते थे। इसमें संगठन भी सहयोग करता था। माधुरी बेन आदिवासियों के सामने वन अधिकार अधिनियम को तोड़ मरोड़ कर पेश करती थी।