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जिंदगी एक सफर है सुहाना यहां कल क्या हो किसने जाना, दशपुर रंगमंच ने आयोजित की संगीत संध्या

महावीर अग्रवाल 

मन्दसौर ९ मई ;अभी तक;  नगर की सांस्कृतिक व सामाजिक संस्था दशपुर रंगमंच ने संगीत संध्या का आयोजन किया।
कार्यक्रम की शुरुआत आबिद भाई के गीत ‘‘कहीं दूर जब दिन ढल जाए, सांझ की दुल्हन बदन चुराए’’ से हुई उसके बाद सतीश सोनी ने ‘‘माना तुम हो बेहद हंसी’’ सुनाया। हिमांशु वर्मा ने  गीत ‘‘वह शाम कुछ अजीब थी’’ की प्रस्तुति दी।
राजकुमार अग्रवाल ने गीत ‘‘बार-बार दिल यह गाए बार-बार दिन यह आए तू दिये हजारों साल यह है मेरी आरजू’’ को बखुबी प्रस्तुत किया। डॉ. निलेश नगायच ने गाया ‘‘जिंदगी एक सफर है सुहाना यहां कल क्या हो किसने जाना’’ को सुंदर रूप गाया।
ललिता मेहता ने गीत ‘‘दुनिया बनाने वाले क्या में तेरे मन में समाय काहे को दुनिया बनाई’’ को गाया। दीपक मंडलोई ने पंकज उदास की गजल  ‘‘चिट्ठी आई है बड़े दिनों के बाद बेवतनों को याद’’ को सुनाया।
अभय मेहता ने प्रसिद्ध गीत ‘‘छोड़ो कल की बातें कल की बात पुरानी’’ को गाया। इस अवसर पर डा. निलेश नगायच का जन्मदिन भी मनाया गया।  डॉ. निलेश नगायच एक चिकित्सक होने के साथ ही अच्छे गायक व कवि भी है। सभी उपस्थिततजनों ने उन्हें जन्मदिन पर बधाई प्रेषित की। कार्यक्रम का संचालन अभय मेहता ने किया आभार ललिता मेहता ने माना।

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