प्रदेश

दो महिलाओं का हुवा पुनर्वास मिला परिवार*

महावीर अग्रवाल
मन्दसौर २८ नवंबर ;अभी तक ;   कौशल्या धाम में 2 माह से निवासरत महिलाओं को लेने पहुँचा परिवार उनका अपना परिवार।
                         एक गुजरात के वड़ोदरा से 28 फरवरी 2024 को घर से निकली थी और दूसरी राजस्थान के बड़ी सुन्हेल से 2 माह पहले घर से निकली थी। दोनों की मानसिक स्थिति ठीक नही थी। वहीं सुन्हेल निवासी महिला मूकबधिर थी।
                                   विक्षिप्त महिलाओं के इस आश्रम का शासन की बिना किसी मदद के संचालन कर रही अनामिका जैन ने बताया कि बिना बताए घर से निकली महिलाए भटकते हुवे मंदसौर पहुँची जहाँ मंदसौर पुलिस द्वारा महिलाओ को इस आश्रयग्रह भिजवाया गया।
                                        अनामिका जैन ने बताया कि यहाँ महिला से काफी दिन तक चली काउंसिल एवं श्योशल मीडिया के माध्यम से  महिलाओ के परिवार की जानकारी मिली। परिजनों से संपर्क होने के बाद दोनों महिलाओं के परिवार के सदस्य महिलाओं को लेने आश्रयग्रह पहुंचे।
                                      उन्होंने बताया कि  27 नवम्बर 2024 को एक कार्यक्रम का आयोजन कर इन दोनों महिलाओं को इनके परिवार के साथ इन्हें अपने घर जाने के लिए सौपा गया। इस अवसर पर कार्यक्रम के आमंत्रित अतिथि मंदसौर विधायक विपिन जैन, समाजसेवी नाहरू भाई मेव, सक्षम संस्था अध्यक्ष रविन्द्र पाण्डे, वरिष्ठ पत्रकार महावीर अग्रवाल , विश्वमोहन अग्रवाल, शगुन परमार, की उपस्थिति में  इन दोनों महिलाओं का पुनर्वास करवाया गया ।
                             इस अवसर पर बताया गया कि इस विक्षिप्त महिलाओं के आश्रम को अनामिका जैन शासन की किसी भी प्रकार की सहायता के बिना संचालन कर रही है । इसमें कई बार शासन के अधिकारी भी दिल खोल के सहयोग करते है।दान दाताओं के द्वारा इस आश्रम को सहयोग से चलाया जा रहा है।करीब 35-40 विक्षिप्त महिलाएं इस आश्रम में रहती है।इस अवसर पर अतिथियों ने भरपुर सहयोग का आश्वासन दिया।                                        अनामिका जैन ने इस अवसर पर एक नन्ही बालिका से मिलवाया जो एक विक्षिप्त महिला के साथ आश्रम में है जिससे मिलकर अतिथि भाव विभोर हो गए।जो भी व्यक्ति बालिका को देखता है वह खुशी से बालिका की मदद के लिए आगे आता है । कोई नगद राशि देना चाहता है तो ये नन्ही बालिका अपना एक छोटा सा गुल्लक लेकर आजाती है जिसमे उसे दी गई राशि वह खुद गुल्लक में डाल देती है। गुल्लक के बारे में बताया कि ये कोई 3-4 साल की नन्ही बालिका अपने छोटे छोटे पैरों में पायल पहनना चाहती है उसके लिए यह पैसे इकट्ठे कर रही है। अतिथिगण विक्षिप्त महिलाओं के आश्रम में उनके दैनंदिनी कार्य भोजन आदि की व्यवस्था का संचालन देख भी प्रसन्न हुए।
 अनामिका जनकल्याण सेवा समिति एवं जनसहयोग द्वारा संचालित निराश्रित विक्षिप्त महिला आश्रयग्रह एवं पुनर्वास केंद्र  रेवास देवडा रोड़ मंदसौर

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