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नरसिंहपुरा में आयोजित श्री हनुमंत कथा का हुआ समापन, कथा आयोजकों के द्वारा पं.पू. दिलीपजी व्यास का किया गया सम्मान
महावीर अग्रवाल
मन्दसौर ४ जनवरी ;अभी तक ; 29 दिसम्बर से नरसिंहपुरा स्थित कुमावत धर्मशाला में आयोजित हो रही श्री हनुमंत कथा का कल शनिवार को समापन हुआ। कथा समापन अवसर पर श्री हनुमंत कथा के आयोजकों द्वारा सात दिवस तक व्यासपीठ पर विराजित होकर कथा का रसपान कराने वाले पं. दिलीपजी व्यास का सम्मान किया गया। पूर्व विधायक यशपालसिंह सिसौदिया, कैलाश पालीवाल, प्रकाश पालीवाल, वरदीचंद कुमावत, अंकुश पालीवाल, नीतेश पालीवाल, धर्मेन्द्र रामावत ने पं. दिलीपजी व्यास का साफा बांधकर एवं शाल ओड़ाकर सम्मान किया। श्री हनुमंत भक्त मण्डल, विहीप सामाजिक समरसता मंच, जिला धार्मिक उत्सव समिति एवं नरसिंहपुरा क्षेत्र के निवासियों के द्वारा संयुक्त यप से पं. दिलीपजी व्यास का शाल श्रीफल भेंटकर सम्मान किया गया। कथा के समापन अवसर पर बड़ी संख्या में धर्मालुजन उपस्थित थे।
कथा के अंतिम दिवस शनिवार को पं. श्री दिलीपजी व्यास ने भगवान हनुमान की लीलाओं का विस्तार से वर्णन किया। आपने राम जानकी विवाह के बाद की कथा श्रवण कराते हुए राम वन गमन, सीता हरण, राम रावण युद्ध व राम राज्याभिषेक की कथा श्रवण करायी। आपने कथा के अंतिम दिवस श्री हनुमानजी की लीलाओं का वर्णन करते हुये कहा कि सीता हरण के बाद राम-लक्ष्मण को जानकी की खोज के लिये वन-वन भटकना पड़ा। इसी दौरान उनकी हनुमानजी से भेंट हुई और राम सुग्रीव ने माता पिता की खोज के लिये श्री हनुमानजी को लंका भेजा। लंका में श्री हनुमानजी ने अद्भुत विरता प्रदर्शित की और रावण के द्वारा बंदी बनाये जाने के बाद लंका नगरी में आग लगा दी। हनुमानजी ने लंका में आग लगाकर उसके अहंकार को चूर चूर कर दिया। राम रावण युद्ध के पूर्व लक्ष्मण मेघनाद के युद्ध में जब लक्ष्मणजी मूर्छित हो गए तब श्री हनुमानजी ने हिमालय से संजीवनी बूटी लाकर लक्ष्मण के प्राणों की रक्षा की। श्री हनुमानजी ने लंका में माता सीता की खोज में भी योगदान दिया और माता सीता को रामजी का संदेश दिया। आपने कहा कि रामचरित मानस में जो सुंदरकाण्ड की कथा है वह श्री हनुमानजी की अद्भुत वीरता को प्रदर्शित करती है जीवन में हमें सुंदरकांड का पाठ करना चाहिये। इससे हमारे जीवन में हनुमान जैसी वीरता तथा प्रभु के प्रति समर्पण की भावना आती है।
उन्होंने किया पोथी पूजन व आरती- श्री हनुमंत कथा के षष्ठम दिवस शुक्रवार की शाम को जिला पुलिस अधीक्षक अभिषेक आनंद, युवा नेता सोमिल नाहटा, समाजसेवी कमल कोठारी, प्रदीप गुप्ता शहर, अरविन्द मेहता, डॉ. गिरीश शर्मा, राजू भाई वाथरा, मनोहर नाहटा, पं. योगेश भट्ट, बाबूलाल कुमावत (नटखट भवन), बंशी राठौर, उत्सव जैन, कन्हैयालाल कुमावत, रमेश कुमावत, मुकेश सेठिया, प्रीतम जैन, विष्णु परिहार, विवेक खाबिरया ने पोथी की आरती की। शनिवार की शाम को कथा समापन अवसर पर पूर्व विधायक यशपालसिंह सिसौदिया, समाजसेवी नरेन्द्र बंधवार, कमलेश जैन जीवागंज, राकेश भाटी पंछी बचाओ, दिनेश जोशी, हेमन्त नामदेव, वरिष्ठ पत्रकार नरेन्द्र धनोतिया, सुरेश भाटी, शंभुसेन राठौर, ब्रजेश मारोठिया, संजय भाटी, समाजसेवी दीपक माहेश्वरी, कुमावत महासभा के वरदीचंद कुमावत, गोवर्धन कुमावत, पार्षद राजूभाई मुण्डेल, राजेश अडानिया, ललित माचीवार, बंटी मुंडेल, बाबूभाई डूंगरवाल, गोपाल छापोला, सत्यनारायण मंडलिया, माणकलाल अडानिया, राजूभाई नागदा, दिलीप मरावण्डिया, चांदमल मण्डलिया, गोपाल पुछेरिया, मोहनलाल माण्डेला, सत्यनारायण रावरिया, राजूभाई रावरिया, अनिल रावरिया ने पोथी की आरती की।