प्रदेश

न्यूनतम वेतन पर दिया स्टे खारिज, 25 लाख मजदूरों को होगा फायदा

महावीर अग्रवाल 

मंदसौर ३ दिसंबर ;अभी तक ;   दिनांक 3 दिसंबर 2024 को जारी  प्रेस नोट में सीटू के राज्य कार्यकारी अध्यक्ष कामरेड शैलेंद्र सिंह ठाकुर, जिला महासचिव बालू सिंह, कार्यकारी अध्यक्ष मुनव्वर अली, जिला महासचिव कामरेड गोपालकृष्ण मोड ने बताया कि तमाम जद्दो जहद और सैकड़ो धरने और प्रदर्शनों के बाद सरकार ने 10 वर्ष के बाद वेतन पुनरीक्षण समिति की सिफारिश के आधार पर अप्रैल 2019 के बजाय अप्रैल 2024 से न्यूनतम वेतन की घोषणा की थी। उस पर भी कुछ कारखाने मालिकों के पेट में दर्द हुआ और उन्होंने मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ से न्यूनतम वेतन न दिया जाए इसके लिए स्टेट लिया था।
                                               सीटू के प्रदेश अध्यक्ष रामविलास गोस्वामी और प्रदेश महासचिव प्रमोद प्रधान द्वारा उक्त स्टेट के खिलाफ सीटू की ओर से पूरे प्रदेश भर में सरकार पर दबाव पैदा करने के लिए लगातार प्रदेश के जिलाधीश और श्रम विभाग के ऑफिसों पर धरने दिए और इसके साथ-साथ इंदौर हाई कोर्ट में सीटू इंटरवीन बनी सीटू के प्रबुद्ध अधिवक्ता बाबूलाल नागर ने हाई कोर्ट में न्यूनतम वेतन के सवाल पर मजदूरों का पक्ष बखूबी रखा। आज हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ के माननीय न्यायाधीश श्री विवेक रुसिया और माननीय न्यायाधीश श्री गजेंद्र सिंह की खंडपीठ ने स्टे को खारिज कर दिया। यह मजदूरों की एक ऐतिहासिक जीत है।
                                            सीटू नेता रामविलास गोस्वामी और प्रमोद प्रधान ने मध्य प्रदेश की सरकार और मध्य प्रदेश के श्रम आयुक्त से मांग करते हुए कहा कि यह स्थगन एक अप्रैल से हो रहे भुगतान के खिलाफ था जो खारिज हो गया है। अब 1 अप्रैल 2024 से श्रमिकों का एरियर सहित भुगतान सुनिश्चित करायें ।
                                      मंदसौर सीटू के महासचिव बालू सिंह, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी जिला सचिव गोपालकृष्ण मोड, दैनिक वेतन भोगियों के नेता अजय ऊंटवाल, सीटू अध्यक्ष कंचन बाई, राजाराम स्टार्च फैक्ट्री के अशोक सोलंकी, इकबाल हुसैन, रमेश कुमार एडवोकेट, कैलाश पाटीदार, जनवादी महिला समिति की सोनू यादव ,माधुरी सोलंकी, हुरबानो सैफी, संगीता जैन ग्रिड ऑपरेटर मोहन  शर्मा ,आउटसोर्सिंग के विष्णु प्रसाद, दिनेश बसैर, आउटसोर्स कर्मचारी के नेता वीरेंद्र सिंह, प्रगतिशील लेखक संघ के असद अंसार आदि ने खुशी जाहिर करते हुए इसे मजदूर की ऐतिहासिक जीत बताया है। 1800 से लेकर 2400 रु तक विभिन्न कारखानों में काम करने वाले मजदूर और शासकीय क्षेत्र में काम करने वाले आउटसोर्सिंग ठेका मजदूर वह अन्य संगठित व संगठित क्षेत्र के मजदूर  कर्मचारियों को हर महीने वेतन वृद्धि देय होगी।
सीटू ने आम मजदूर और कर्मचारियों से एकता बनाए रखने की अपील की है।

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