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पन्ना जिले में आवारा पशुओं का जमघट, शासन प्रशासन के आदेश सिर्फ कागजो में, मारे-मारे फिर रहें मवेशी

दीपक शर्मा

पन्ना एक दिसंबर ;अभी तक ;  जिले में गौ माता की हालत अत्यंत चिंताजनक बनी हुई है। जहां एक ओर सरकार द्वारा गौशालाओं के लिए लाखों रुपए का बजट आवंटित किया जाता है, वहीं दूसरी ओर आवारा गायें और अन्य पशु सड़क पर घूमते हुए कचरा खाकर अपना पेट भरने को मजबूर हैं।

पर्यटन नगरी के रूप में पहचाने जाने वाले इस जिले में गौशालाओं के बावजूद यह स्थिति बेहद शर्मनाक है, जो शासन-प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाती है। हालात यह हैं कि आवारा पशु गांवों, शहरों, स्कूलों और मंदिरों के पास, यहां तक कि प्रमुख चौराहों पर भी घूमते दिखाई दे रहे हैं। यह दृश्य न केवल स्थानीय निवासियों के लिए परेशानी का कारण बन रहे हैं, बल्कि सड़क दुर्घटनाओं की संख्या भी बढ़ा रहे हैं। कई बार मीडिया में इस मुद्दे को उठाया गया है, लेकिन प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं।

उक्त मामले को लेकर प्रदेश सचिव, यादव महासभा, रविंद्र सिंह यादव ने भी इस मुद्दे पर गहरी चिंता जताई है। उन्होंने कहा, “हम पन्ना जिले में रोज़ देख रहे हैं कि किस तरह से आवारा पशु सड़कों पर बैठकर सड़क दुर्घटनाओं का कारण बन रहे हैं। इसके बावजूद सरकार द्वारा आवंटित भारी बजट के बावजूद कोई सुधार नहीं हो रहा है। हम प्रशासन से अपील करते हैं कि इस समस्या को शीघ्र सुलझाया जाए, अन्यथा यादव महासभा इस मुद्दे पर आंदोलन करेगी।

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