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पुलिस प्रशासन और सोशल मीडिया के माध्यम से कौशल्या धाम आश्रमग्रह में रह रही दो महिलाओं को कराई घर वापसी
महावीर अग्रवाल
मंदसौर २९ नवंबर ;अभी तक ; मंदसौर के निराश्रित विक्षिप्त महिला आश्रयग्रह एवं पुनर्वास केंद्र मानसिक रूप से अस्वस्थ और परिवार से वंचित व्यक्तियों को सहारा देते हैं, ताकि उन्हें मानसिक और शारीरिक रूप से पुनः स्वस्थ बनाया जा सके।
इन महिलाओं के लिए यह आश्रयग्रह एक सहायक स्थान था, जहां उन्हें सुरक्षा और देखभाल मिल रही थी। अब, जब परिवार के साथ उनका पुनर्मिलन हुआ, तो उन्हें घर वापसी कराई गई, जिससे उनका जीवन फिर से सुकून और स्थिरता की ओर बढ़ सके। यह पहल न केवल इन महिलाओं के लिए, बल्कि समाज के लिए भी एक महत्वपूर्ण उदाहरण है कि कैसे सही देखभाल और सहायता से परिवारों को पुनः एकजुट किया जा सकता है।
विधायक विपिन जैन ने इस संदर्भ में बताया कि उन्हें जब इन दो महिलाओं के बारे में सूचना मिली, तो वह तुरंत मौके पर पहुंचे और उनका घर वापसी कराने की प्रक्रिया शुरू की।उन्होंने कहा कि महिलाओं के परिवार से बिछड़ने के बाद वे कई समय तक कौशल्या धाम आश्रयग्रह में रह रही थीं पुलिस प्रशासन के प्रयासों से महिलाओं को उनके परिवार से मिलवाया गया और उन्हें सुरक्षित रूप से परिवार के हवाले किया गया। यह कदम समाज के प्रति उनकी जिम्मेदारी और मानवीय संवेदनशीलता को दर्शाता है, जो इस प्रकार के मामलों में अत्यंत महत्वपूर्ण होता है।
अनामिका जनकल्याण सेवा समिति की संचालिका अनामिका ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि पुष्पा, जो पिछले तीन महीनों से आश्रयग्रह में रह रही थीं, उनका परिवार लगातार उनकी तलाश कर रहा था। पुष्पा के परिवार को उनकी खोज के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ी थी। सोशल मीडिया और पुलिस की मदद से अंततः पुष्पा की घर वापसी कराई गई।
संचालिका अनामिका ने बताया कि इस प्रयास में मीडिया, सोशल मीडिया और पुलिस की भूमिका अहम रही, जिन्होंने पुष्पा के परिवार तक सही जानकारी पहुंचाई और उनकी घर वापसी सुनिश्चित की। यह प्रयास उन लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण उदाहरण है जो समाज में परिवार से बिछड़ गए या कहीं खो गए होते हैं, और उनके लिए पुनः एकजुट होने की राह तैयार की जाती है।
इस अवसर पर वरिष्ठ समाज सेवी विमलचंद जी जैन मच्चिरक्षक , वरिष्ठ पत्रकार महावीरजी अग्रवाल , वरिष्ठ समाज सेवी नारू खान जी , वरिष्ठ समाज सेवी डॉक्टर रविन्द्रजी पाण्डे , विकास जी दशोरा अदि उपस्तिथ थे।