प्लांटेशन लगाने के नाम पर दौ सैकड सें अधिक हरे-भरे वृक्षों का वन विभाग के ही कर्मचारीयों ने जेसीबी मशीन से किया कत्ले आम, वनपाल तथा बीट गार्ड निलंबित
दीपक शर्मा
पन्ना १२ दिसंबर ;अभी तक ; जिले के उत्तर वन मंडल अंतर्गत वन परिक्षेत्र धरमपुर के पिस्टा बीट में 2 स्थानों पर प्लांटेशन लगाने के नाम पर सागौन, सेज, धवा, तेंदू आदि के सैकड़ों हरे-भरे वृक्षों को कुल्हाड़ी से कटवाने व जेसीबी से उखाड़ने का मामला उजागर होने से वन विभाग में हड़कंप मच गया है। जैसे ही उक्त मामले की जानकारी उत्तर वन मंडल के वनमंडलाधिकारी गर्वित गंगवार को लगी तो उन्होने घटना स्थल पर पंहुचकर निरीक्षण किया तथा देखा की विभाग के कर्मचारीयों की लापरवाही से प्लांटेशन लगाने के नाम पर पूर्व से लगें हुए हरें भरे बड़े वृक्षो का कत्ले आम किया गया है।
मामले को गंभीरता से लेते हुए वनमंडलाधिकारी श्री गंगवार नें सहायक वनक्षेत्रपाल अनुपमा चुटेले तथा बीटगार्ड नीरज गुप्ता को निलंबित कर दिया है। तथा मामले के संबंध में जांच के निर्देश दिए हैं। इस प्रकार से अवैधानिक रूप से हरे भरे वृक्षो को काटने एवं प्लांटेशन लगाने की जिम्मेवारी संबंधित वन परिक्षेत्राधिकारी की होती है लेकिन अभी संबंधित वन परिक्षेत्राधिकारी वैभव सिंह चंदेल पर कोई कार्रवाई नही हुई है। प्रथम दृष्टया जिम्मेवार वन परिक्षेत्राधिकारी पर ही कार्यवाही होनी चाहीए। उक्त मामले मे लोगो द्वारा सवाल भी खड़े किये जा रहें है। आखिर रेन्जर को क्यो बक्शा जा रहा है।
धरमपुर और अजयगढ़ क्षेत्र में सागौन की अंधाधुंध कटाई ;
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार विगत कुछ समय से उत्तर वन मंडल अंतर्गत वन परिक्षेत्र अजयगढ़ और वन परिक्षेत्र धरमपुर के जंगलों में सागौन की अंधाधुंध कटाई चल रही है इस क्षेत्र के जंगल पूरी तरह से वन समिति के सुरक्षा श्रमिकों के भरोसे चल रहा है वनकर्मी कभी कभार ही भ्रमण के लिए पहुंचते हैं। अंतर्राज्यीय स्तर पर हो रही सागौन की तस्करी बताया गया है कि अजयगढ़ व धरमपुर क्षेत्र के जंगलों में सागौन की कटाई तेजी से चल रही है यहां से सागौन काटने के बाद कुछ लोग ग्रामीण क्षेत्रों में ही फर्नीचर निर्माण के बाद उन्हें पन्ना, सतना, छतरपुर एवं उत्तर प्रदेश के बांदा जिले की ओर भेज देते हैं और कुछ लोग सागौन की सिल्ली बनाकर सप्लाई करते हैं। इसके अलावा अजयगढ़ में आधा दर्जन से अधिक अवैध आरा मशीनें संचालित होने की जानकारी भी मिली है जहां से रात के अंधेरे में सागौन की सिल्लियां आरा मशीन में पहुंचा दी जाती है, भोर सवेरे लगभग 4 से 5 बजे लकड़ी की चिराई करवा कर यहां से बाहर निकाल दिया जाता है।
इस प्रकार उत्तर वन मंडल के अजयगढ़ और धरमपुर परिक्षेत्र के जंगल सागौन तस्करों और वन कर्मियों की सांठ-गांठ से दिन दोगुनी और रात चौगुनी गति से उजाड़े जा रहे हैं। इस प्रकार का मामला पूर्व में भी धरमपुर रेन्ज में कुडरा के जंगलो का सामने आया था, जहां पर हजारों वृक्षो की कटाई वन माफियाओं द्वारा कराई गई थी।
इनका कहना हैः-
मामले की शिकायत प्राप्त होते ही मेरे द्वारा स्वयं मौके पर पहुंचकर निरीक्षण किया गया जहां 2 स्थानों पर लगभग दो सेकड़ा से अधिक पेड़ कटने की पुष्टि हुई है दूसरे स्थान की गणना अभी जारी है। मामले में कार्यवाहक वनपाल और डिप्टी रेंजर को निलंबित कर दिया गया है जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा उस पर कार्यवाही की जायेगी।
गर्वित गंगवार डीएफओ उत्तर वन मण्डल पन्ना