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बच्चों को संस्कारित करने पर ध्यान दे, श्रावक श्राविकायें- संत श्री तत्व रुचि

महावीर अग्रवाल 

मंदसौर ४ दिसंबर ;अभी तक ;   जीवन में खूब धन कमाने के बावजूद यदि सुख नहीं है तो इसके कारणों पर विचार करना जरूरी है। जीवन में धन कमाने पर तो आप ध्यान देते हो लेकिन बच्चों को संस्कारित करने पर ध्यान नहीं देते, भाई-भाई का, देवरानी जेठानी का सहयोग नहीं करतीै। माता, पिता, सास, ससुर की सेवा संस्कार नहीं हो रहा है तो इस पर चिंतन करें।ज ब आप बच्चों को आदर सत्कार करना, गुरूजनों, माता पिता की सेवा करने की सीख नहीं देंगे तो वृद्धावस्था में पछताने के अलावा कुछ नहीं बचेगा।
                                      उक्त उद्गार परम पूज्य जैन आचार्य श्री जिन सुंदर सूरिश्वरजी म.सा. के शिष्य रत्न श्री तत्वरूचि म.सा. ने कहे। आपने बुधवार को आराधना भवन मंदिर हाल में आयोजित धर्मसभा में कहा कि बच्चों को कम उम्र में मोबाइल मत दो, उन्हें अच्छे संस्कार देने के लिये टाईम दो। बच्चों के साथ बात करो। उन्हें बड़ों का आदर करने की सीख दो। यदि ऐसा नहीं करेंगे तो बच्चे वृद्धावस्था में आपको आपके हाल पर छोड़ देंगे। यदि भाई भाई एक दूसरे को व्यापार व्यवसाय में मदद करें। देवरानी जेठानी घर के काम में एक दूसरे की सहायता करें तो इससे घर परिवार में बच्चों को भी एक दूसरे का सहयोग करने की प्रेरणा मिलेगी। बहु यदि सास की देखभाल करेगी तो उसे भी अपने बहु का सुख नसीब होगा। इसलिये जीवन में घर परिवार के सदस्यों के साथ सहयोग का भाव रखो।
                                         आपने कहा कि बच्चों को मंदिर, उपाश्रय या धार्मिक स्थान पर प्रतिदिन जाने हेतु प्रेरित करो। संतों का आगमन नगर में हुआ है तो बच्चों को कहो कि वे संतों की गौचरी  के लिये आमंत्रित करे ऐसा करने से उन्हें धर्म के संस्कार आयेंगे। यदि बच्चों को प्रोत्साहित करने के लिये आपको धन खर्च करना पड़े तो भी आप खर्च करे लेकिन बच्चों को संस्कारवान बनाने पर पुरा ध्यान लगाये। धर्मसभा में बड़ी संख्या में श्रावक श्राविकायें उपस्थित थे।

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