प्रदेश
बाघों का मूवमेंट बढने से बालाघाट और सिवनी जिले की सीमा सहित महाराष्ट्र से लगे इलाकों में ग्रामीण किसी बड़ी घटना की आंशका से भयभीत
आनंद ताम्रकार
बालाघाट २३ दिसंबर ;अभी तक ; बालाघाट और सिवनी जिले की सीमा सहित महाराष्ट्र से लगे इलाकों में बाघों का मुवमेंट बढ गया है लगभग 6 बाघ इस इलाके में चहल कदमी कर रहे है जिसके कारण ग्रामीणों में किसी बड़ी घटना की आंशका से भयभीत दिखाई दे रहे है।
कल घटित एक हादसे में एक खेतिहर किसान की बाघिन के हमले से मौत हो जाने के कारण वन विभाग का अमला सक्रिय हो गया है और इस इलाके में बाघों की तलाश में ड्रोन के जरिये सर्चिंग कर रहा है। जिन गांव में 5 से 6 बाघ जिसमें बाघिन और शावक शामिल है चहल कदमी कर रहे है वे गोरेघाट तथा कन्हडगांव सर्किल से जुड़ा है। इसकी पुष्टि वन विभाग के अमले ने की है।
यह उल्लेखनीय है की वन्य प्राणी सिवनी जिले के पेंच रिजर्व से बालाघाट जिले में राजीव गांधी सागर परियोजना जो 2013 में महाराष्ट्र तथा मध्य प्रदेश सरकार के संयुक्त प्रयासों से बनाई गई थी के रास्ते से आवाजाही कर रहे है यह परियोजना कुडवा गांव में बावनथडी नदी पर बनाई गई है नदी का जलस्तर कम होने पर अक्टूबर दिसंबर माह के दरम्यान आसानी से कटंगी और तिरोड़ी के जंगलों को पार करके पहुंच रहे है। अनुकूल भौगोलिक परिस्थितियों के चलते वन्य प्राणियों के कुनबे में 11 वर्ष के अंतराल में तीव्रता से बढ़ोतरी हुई किसान और इस इलाके के लोग बताते है नदी पर जलाशय बन जाने से वन्य प्राणियों की संख्या में इजाफा हुआ है बाघों को खेतों में विचरण करते हुये देखा जा सकता है और अब गांव में घुसने लगे है।
यह उल्लेखनीय है की पिछले 2 माह से बाघों की चहलकदमी दिखाई दे रही है वे इन गांव में किसानों के खेत जंगल में लगे होने से खेत और धान की फसल को खाने की लिये चीतल और जगली शुअर पहुंचते है और उन्ही के शिकार के लिये बाघों द्वारा उनका पिछा किया जाता है।
ओमप्रकाश धुर्वे वनपाल गोरेघाट और कन्हडगांव सर्किल के अनुसार गोरेघाट और खैरलांजी के जंगल बावनथडी नदी के किनारे है इन्ही जंगल से सिवनी पेंच रिजर्व के जंगल लगे है जिससे बाघ तेंदुए समेत अन्य प्राणियों की अधिकता बनी हुई है अभी हाल ही में 5 से 6 बाघ को विचरण करते हुये देखा गया है खवासा वन अमले के जरिये ड्रोन से गहन सर्चिंग की जा रही है। जहां बाघ का मूवमेंट दिखाई देता है वहां के लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी जा रही है।
ओमप्रकाश धुर्वे वनपाल गोरेघाट और कन्हडगांव सर्किल के अनुसार गोरेघाट और खैरलांजी के जंगल बावनथडी नदी के किनारे है इन्ही जंगल से सिवनी पेंच रिजर्व के जंगल लगे है जिससे बाघ तेंदुए समेत अन्य प्राणियों की अधिकता बनी हुई है अभी हाल ही में 5 से 6 बाघ को विचरण करते हुये देखा गया है खवासा वन अमले के जरिये ड्रोन से गहन सर्चिंग की जा रही है। जहां बाघ का मूवमेंट दिखाई देता है वहां के लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी जा रही है।