प्रदेश

बालाघाट जिले में सिकलसेल्स की बीमारी तेजी से फैल रही

आनंद ताम्रकार
बालाघाट 21 november ;abhi tak ; एड्स एवं कुपोषण की बीमारी से पहले से ही ग्रस्त बालाघाट जिले में सिकलसेल्स की बीमारी तेजी से फैल रही है। सिकल सेल्स से पीड़ितों की संख्या के आधार पर बालाघाट जिला प्रदेश में दुसरे नंबर पर आ गया है।
स्वास्थ्य विभाग के द्वारा पीड़ितों की बढ़ती संख्या से चिंतित है और बीमारी के उन्मूलन हेतु विशेष जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है।
विगत वर्ष 2023 से प्रारंभ किये गये इस अभियान के माध्यम से 2 लाख 38 हजार व्यक्तियों की जांच की जा चुकी है जिसमें 3541 रोगी इस रोग से प्रभावित पाये गये है। वहीं 1200 रोगी सिकलसेल्स से ग्रस्त पॉजीटिव पाये गए है।
जिला स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर मनोज पाण्डे ने अवगत कराया की वंशानुगत होने वाली इस बीमारी से पीड़ित 1048 रोगियों को हाईड्रोक्सीयुनिया प्रक्रिया में रखा गया है और उनका निरंतर उपचार किया जा रहा है। उन्होंने ने स्वीकार किया की मरीजों के आंकड़ों के कारण यह जिला प्रदेश में दूसरे नंबर पर है।
     डॉक्टर पाण्डे के अनुसार सिकलसेल रोग के लक्षण जन्म के समय नियमित नवजात स्क्रीनिंग परीक्षण के दौरान रक्त परीक्षण की जांच से पता चलता है। उन्होने यह भी अवगत कराया की दुसरा रक्त परीक्षण हीमोग्लोबिन इलेक्ट्रोफोरेसिस कहा जाता है जिसके माध्यम से इलाज की पुष्टि होती है।
इस रोग से पीड़ित व्यक्ति में लाल रक्त कणिकाएं अर्ध चन्द्राकार आकार की हो जाती है समय पर जांच की जाए तो इस रोग का पता चल जाता है और इलाज करने पर रोग पर काबू भी पाया जा सकता है।
उन्होने स्पष्ट किया की इस वशांनुगत रोग की जांच में पता चला है कि यह रोग माता पिता से आता है।उन्होने आगाह किया है की विवाह के लिये कुंडली  मिलान करने अथवा अन्य तरीके अपनाये जाने के बजाय दोनों, वर एवं वधु की रक्त की जांच कराली जाये तो इस रोग का पता चल जाता है और भविष्य में होने वाली स्वास्थ्य गत परेशानियों से बचा जा सकता है।

Related Articles

Back to top button