बुन्देलखंड सहित प्रदेश देश दुनिया में बड़े बदलाव वाला वर्ष २०२५
रवीन्द्र व्यास
क्या वाकई में एक नई व्यवस्था का सूत्रपात होगा २०२५ में , कुछ ऐसा ही अनुमान देश दुनिया के ज्योतिषाचार्य अपनी भविष्यवाणी में आगाह कर रहे हैं | देश दुनिया के हालातों पर और सामाजिक ताने बाने पर अगर नजर डालें तो ऐसा ही कुछ कुछ घटित होता नजर आ रहा है | युद्ध की विभीषिका हो अथवा सियासत के दांव पेंच, समाज में बढ़ता अशंतोष हो अथवा बिगड़ता भू असुंतलन |
ज्योतिष गढ़ना कहती है कि 29 मार्च 2025 में शनि मीन राशि में प्रवेश गोचर देश-दुनिया के लिए कई बदलाव ,और नकारात्मक परिणाम वाला होगा ।ज्योतिषयों की भविष्यवाणी माने तो इस दौरान शनि मीन राशि में 2027 तक रहेंगे यह काल विश्व युद्ध वाला होगा , परमाणु विस्फोट , तीव्र गर्मी का प्रकोप , प्राकृतिक आपदाएं बढ़ेंगी , लोगों की मानसिक स्थिति में भी असर दिखेगा और किसी नई महामारी का प्रकोप बढ़ेगा, दुनिया में सत्ता परिवर्तन का दौर भी देखने को मिलेगा | जहाँ तक भारत की बात है भारत में अव्यवस्था , गृह युद्द जैसी स्थिती बनेगी ,आगजनी ,साम्प्रदायिक उपद्रव , और आंदोलनों का दौर देखने को मिलेगा |
ये तो बात हुई ज्योतिषीय भविष्यवाणी की , पर अगर हम देश दुनिया के हालातों पर नजर डालें तो लगभग इसी तरह की स्थितियां बनती बिगड़ती दिखाई दे रही हैं | दुनिया में रूस यूक्रेन युद्ध के बाद कई देश आपसी संघर्ष में व्यस्त हैं | आतंकवाद फिर से अपने चरम पर पहुँच गया है | इस आतंकवाद को दुनिया के जिन देशों ने पाला पोषा है आज वे भी इसकी गिरफ्त में हैं | भारत सहित दुनिया में प्राकृतिक आपदाओं की घटनाएं बढ़ रही हैं | रिकार्ड तौर पर तापमान बढ़ रहा है , ग्लेशियर का पिघलना तेजी से जारी है | दुनिया में तख्तापलट का खेल भी कई देशों में देखने को मिलने लगा है |
जो अपने को खानदानी तौर पर देश का शासक मानते हैं वे देश की संसद चलने नहीं देते | जन मुद्दों से अलग ऐसे मुद्दों को हवा देते हैं जो देश को तोड़ने वाले हैं , वे ऐसे लोगों से सहयोग और साथ ले रहे हैं जो भारत को तोड़ने के लिए धन की बरसात कर रहें हैं | कुर्सी की चाहत में अंग्रेजों और मुगलों से भी दो कदम आगे चल कर विभाजन कारी राजनीति करने से नहीं चूक रहे हैं | आंदोलन के नाम पर उस रास्ते को रोका जा रहा है जो सीधे बॉर्डर को जोड़ता है | फर्जी मुद्दों के नाम पर देश के जन मानस को गुमराह किया जा रहा है | देश में सामजिक वैमनष्यता बढ़ाने के लिए एक से बढ़कर एक बयान दिए जा रहे हैं | कुर्सी के लिए देश को दांव पर लगाने वाले यह नहीं बता पाएंगे कि दुनिया का ऐसा कौन सा देश है जो अपने देश के जनबल की उपेक्षा कर आगे बड़ा हो | प्राकृतिक घटनाओं की एक निरंतर शृंखला चल रही है | मानव ही नहीं पशु भी हिंसक हो रहे हैं आये दिन ऐसी घटनाएं सामने आ रही हैं |