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बौद्ध धर्म का ब्रह्म विहार: चेतना की शुद्धता और मैत्री भाव का संदेश

महावीर अग्रवाल
मन्दसौर २५ नवंबर ;अभी तक ;   राजीव गांधी शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, मन्दसौर के प्राचार्य डॉ. दिनेश चन्द्र गुप्ता ने बताया कि विवेकानन्द मार्गदर्शन प्रकोष्ठ के अंतर्गत इतिहास विभाग द्वारा सांस्कृतिक विरासत पर आधारित वेबीनार आयोजन किया गया।
                                 जनभागीदारी अध्यक्ष श्री नरेशजी चंदवानी ने कहा की सांस्कृतिक विरासत पर आधारित ऐसे कार्यक्रम विद्यार्थियों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण साबित होगें। इतिहास विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. उषा अग्रवाल ने बताया की बौद्ध धर्म भारत की अत्यंत ही महत्वपूर्ण विरासत है जो आचरण की शुद्धता और समाज में शांति का संदेश देता है। इस कार्यक्रम का आयोजन इसी दिशा में एक प्रयास है।
                                       डॉ. सुषमा त्रिवेदी एक बौद्ध स्कॉलर है आपने कई देशो में बौद्ध धर्म पर विषय विशेषज्ञ के रूप में व्याख्यान दिये है। डॉ. सुषमा त्रिवेदी प्राध्यापक लखनऊ युनिवर्सिटी ने बौद्ध धर्म के ’’ब्रह्म विहार’’ में मानवीय मूल्यों की समाज और जीवन में उपादेयता विषय पर वेबीनार के माध्यम से व्याख्यान दिया आपने अपने व्याख्यान में बताया की ब्रह्म विहार मानव की आंतरिक चेतना की शुद्धता और मैत्री भाव को विकसीत करने में मार्ग दर्शन का कार्य करता है। ब्रह्म विहार के सिद्धांतों का पालन करके एक खूबसूरत समाज की स्थापना की जा सकती है।
                                        कार्यक्रम का संचालन शिवकुमार पांडे ने किया और इतिहास विभाग की प्राध्यापक श्वेता चौहान ने डॉ. सुषमा त्रिवेदी का आभार व्यक्त किया।

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