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भारतीय स्टेट बैंक ने ग्राहक के खाते से अनुचित राशि काटी, जिला उपभोक्ता आयोग जबलपुर ने माना सेवा में कमी

आनंद ताम्रकार

बालाघाट २८ नवंबर ;अभी तक ;  स्टेट बैंक आफ इण्डिया पनागर जबलपुर के शाखा प्रबंधक द्वारा अनुचित राशि काटे जाने को लेकर जिला उपभोक्ता आयोग जबलपुर क्रमांक 1 में चुनौती दी गई थी।

आयोग ने सुनवाई के बाद उपभोक्ता के पक्ष में राहतकारी आदेश पारित किया है, आयोग ने भारतीय स्टेट बैंक को खाते से अनुचित तरीके से काटी गई राशि 2 माह के भीतर लौटाने के आदेश जारी किये है इसके अलावा मानसिक पीड़ा पहुंचाने के एवज में 2000 और मुकदमें का खर्च 2000 रुपये अलग से भुगतान करने के आदेश जारी किये है।

परिवादी ओल्ड कंचनपुर निवासी निशांत ताम्रकार की तरफ से दायर आवेदन में कहा गया था की उसने बजाज फाइनेंस के जरिये वाशिंग मशीन क्रय की थी, किश्त राशि की कटौती बैंक खाते से होनी थी खाते में बैंक द्वारा पर्याप्त राशि नही होना बताते हुये उसके खाते से अनुचित तरीके से 295 रूपये की कटौती की गई। पूछताछ करने पर बैंक द्वारा बताया गया की उक्त राशि फायनेंस कंपनी ने काटी है। फाइनेंस कंपनी से संपर्क करने पर बताया गया की उक्त राशि की कटौती बैंक ने अपने स्तर पर की है। बैंक तथा फाइनेंस कंपनी के द्वारा दी गई विरोधाभाषी जानकारी के कारण उक्त परिवाद दायर किया गया है।

आयोग की पीठ जिसमें श्री नवीन कुमार सक्सेना अध्यक्ष, सुषमा पटेल सदस्य, मनोज कुमार मिश्रा सदस्य ने सुनवाई के दौरान पाया की बैंक द्वारा अपने स्तर पर उक्त राशि की कटौती करते हुये ग्राहक को गलत जानकारी दी गई थी।

आयोग ने भारतीय स्टेट बैंक की पनागर शाखा को आदेश किया है की काटी गई राशि 295 रुपये तथा मानसिक पीड़ा और मुकदमा व्यय की राशि आदेश दिनांक से 2 माह के भीतर अदा करें। परिवादी को मानसिक शारीरिक एवं आर्थिक क्षति हेतु 2000 रुपये एवं मुकदमा खर्च 2000 रुपये भी 2 माह की समयावधि में अदा करें।

आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया है की आदेश का पालन ना करने पर उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 27 के प्रावधान अनुसार 3 वर्ष तक का कारावास या 10000 रुपये का अर्थदंड या दोनों से दण्डनीय दण्डादेश पारित किये जाने का प्रावधान है।
आवेदक की ओर से रोहित पैगवार अधिवक्ता ने पैरवी की।

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