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मनुष्य जन्म अति दुर्लभ है – आचार्य श्री विजय कुलबोधि सूरीश्वरीजी म.सा. मोहन टाकिज में तीन दिवसीय प्रवचन शुरू, पहले दिन मिनिंगफुल लाईफ बताई
अरुण त्रिपाठी
रतलाम, 02 जनवरी ;अभी तक ; आचार्य श्री विजय कुलबोधि सूरीश्वरजी म.सा. की निश्रा में गुरूवार को मोहन टाकिज में तीन दिवसीय प्रवचन शुरू हुए। इसमें पहले दिन आचार्य श्री ने मिनिंगफुल लाईफ विषय पर प्रवचन दिए। प्रवचन से पूर्व प्रातः दीनदयाल नगर स्थित वेलकम पापड़ वाली गली से भव्य सामैया निकाला गया, जो नगर के प्रमुख से मार्गों से होते हुए मोहन टाकिज पहुंचकर धर्मसभा में परिवर्तित हो गया।
आचार्य श्री ने पहले दिन के प्रवचन में कहा कि मनुष्य जन्म बार-बार प्राप्त नहीं होता। अन्य योनियों में जन्म प्राप्त करना आसान है, लेकिन मनुष्य जन्म अति दुर्लभ है। भगवान महावीर ने भी कहा है कि मनुष्य योनि में जन्म मिलना कठिन है। अनन्त भव की यात्रा के बाद यह जन्म मिला है। अनन्त काल के बाद यह मनुष्य जन्म अनन्त पुण्य से प्राप्त होता है। बाजार में चाय भी बिना पैसे के नहीं मिलती तो, मनुष्य जन्म बिना पुण्य के कैसे प्राप्त हो सकता है। पुण्यवान जीवन के लिए हर मनुष्य को मिनिंगफुल लाईफ जीना चाहिए।
आचार्य श्री ने कहा कि हर व्यक्ति को सोचना चाहिए कि उसकी लाईफ मिनिंगफुल है अथवा मिनिंगलेस है। मनुष्य जन्म को सफल करने के लिए हर जगह स्टैण्डर्ड होना आवश्यक है। हर व्यक्ति को स्टैण्डर्ड ऑफ लिविंग (रहने का स्तर), स्टैण्डर्ड ऑफ सेयिंग (कहने का स्तर) और स्टैण्डर्ड ऑफ थिंकिंग (सोचने का स्तर) पर ध्यान देना चाहिए। समाज में गांधीजी के तीन बंदर जिनमें एक को बुरा देखना, दूसरे को बुरा सुनना और तीसरे को बुरा बोलना मना है, का बहुत प्रचलन है लेकिन इसमें यदि एक चौथा बंदर बुरा सोचना नहीं कर आ जाए तो सारी समस्याओं का हल हो जाएगा।
आचार्य श्री के तीन दिवसीय प्रवचन 4 जनवरी तक प्रतिदिन प्रातः 09ः15 से 10ः15 बजे तक होंगे। 5 जनवरी को रविवारीय युवा शिविर का आयोजन होगा। इसमें 15 वर्ष से अधिक आयु के लोग शामिल हो सकेंगे। पॉवर ऑफ पीस विषय पर आयोजित इस शिविर के मुख्य लाभार्थी हिरालाल श्रैणिक कुमार शर्राफ रहेंगे। गुरूवार को आचार्य श्री का भव्य सामैया मोहन टाकिज पहुंचने पर श्री संघ की ओर से लाभार्थी परिवार का बहुमान विनोद मूणत, मोहनलाल कांसवा एवं लालचंद सुराणा द्वारा किया गया। इस अवसर पर नूतन पन्यास श्री ज्ञानबोधि वि.म. के भगवती सूत्र जोग की पूर्णाहुति निमित्त गुरू भक्तों में प्रभावना का वितरण भी किया गया। धर्मसभा का संचालन गणतंत्र मेहता ने किया।