प्रदेश
महामण्डलेश्वर भगतप्रकाश महाराज के आगमन पर उमड़ा सिन्धी समाज
महावीर अग्रवाल
मन्दसौर १७ नवंबर ;अभी तक ; भगवान श्री पशुपतिनाथ की पावन धार्मिक नगरी मंदसौर में स्थित श्री सिन्धी हिन्दू सनातन धर्म की प्रमुख धर्मपीठ की शाखा श्री प्रेमप्रकाश आश्रम मन्दसौर का 15वां वार्षिक उत्सव बड़े ही धूमधाम और हर्षाेल्लास के साथ म नाया जा रहा है।
रविवार 17 नवंबर को श्री प्रेम प्रकाश पंथ के पंचम पीठाधीश्वर गादीपति सतगुरू स्वामी भगतप्रकाशजी महाराज का संत मण्डल के संत श्री हरिओमलाल, संत लालुराम, संत ढालुरामजी, संत कमलकुमारजी, भगत हरदासजी, माणकलाल,दिपक कुमार ,पुनीत आदि के साथ नगर में मंगल प्रवेश हुआ। आप श्री की अगवानी संत श्री शंभूलालजी प्रेम प्रकाशी एवं आप संगत ने पुण्य अर्जित कर की।
इस आशय की जानकारी श्री प्रेम प्रकाश सेवा मण्डली के प्रमुख पुरुषोत्तम शिवानी ने देते हुए बताया कि पूज्य सतगुरु स्वामी भगतप्रकाशजी महाराज को शोभायात्रा के रूप में आश्रम पहुंचने पर श्रद्धालु संगत ने बैंड और ढोल की धुन पर नृत्य कर आपश्री को तिलक लगाकर पूजा अर्चना कर आरती की। महामण्डलेश्वर ने मालवा अंचल के विद्वान पंडित श्री उमेश जोशी के आचार्यत्व में आयोजित हवन यज्ञ में पूर्णाहुति देकर आरती कर यज्ञ का समापन किया।
इसके उपरांत स्वामी भगतप्रकाशजी महाराज ने श्री प्रेमप्रकाश ध्वजा की विधि विधान के साथ पूजा अर्चना कर प्रेमप्रकाश आश्रम पर ध्वजारोहण कर 15वें वार्षिक उत्सव का आगाज किया।
इस अविस्मरणीय अवसर पर आपश्री ने झण्डे का प्रिय भजन ‘‘सांई टेऊँराम तूहजो झण्डो झूले हम गीत सनातन नित ध्वजा धर्म झूलायेगे , सुंदर व मनमोहक भजनों पर श्रद्धालु संगत को भाव विभोर नृत्य किया। श्री प्रेमप्रकाश आश्रम के पीछे खुले प्रांगण में विशाल ‘‘खण्डूग्राम‘‘ के नाम से बने सत्संग शामियाने में सद्गुरु स्वामी भगतप्रकाशजी महाराज एवं संत मण्डल के श्रीमुख से मधुर और मनमोहक वाणी में उपस्थित संगत पर बर्खा करते हुए कहा कि
भजन मानुष जन्म अनमोल आहे, भोग विषय में छजन विनयाये। इन्सान का चोला अनमोल व किमती हैं इसे अनावश्यक भोगों में न गवाइए।
मनुष्य पूर्व जन्म की कमाई का भोग अभी करता है ,और इस जन्म की कमाई जो आपको सत्कर्मों से मिलेगी तो संचित धन के रूप में जमा होगी उस कमाई से आपका प्रारब्ध बनेगा।
भगवान श्री कृष्ण ने गीता में कहा है, जबसे श्रेष्ठि बनी है तबसे जीव आत्म रही हैं। सत्संग के बाद प्रसादी भण्डारा संगत ने ग्रहण किया। संत मण्डल एवं आप संगत का आभार प्रदर्शन दादी पुष्पा पमनानी,सपना -डॉक्टर सुरेश पमनानी ने प्रकट किया।
आज होगा समापन संत श्री शम्भू लालजी प्रेम प्रकाशी ने बतलाया कि सोमवार 18 नवंबर को इस पंच दिवसीय महोत्सव का समापन होगा व श्रीमद् भागवत गीता एवं श्री प्रेम प्रकाश ग्रंथ के पाठों का भोग व संध्या कालीन सत्संग सभा में श्री प्रेम प्रकाश पंथ के द्वितीय पिठाधवेशर सद्गुरु स्वामी सर्वानंद जी महाराज के 128 वे पावन जन्म उत्सव के अंतर्गत के केक प्रसाद द्विप प्रज्वलित कर 56 भोग का नैवेद्य अर्पित किया जाएगा तथा शाम को ही पल्लव पाकर गुरु महाराज इस पांच दिवसीय महोत्सव का समापन करेंगे आप श्री ने सिंधी समाज एवं धर्म प्रेमियों से धर्म लाभ प्राप्त करने का आग्रह किया है।
भजन मानुष जन्म अनमोल आहे, भोग विषय में छजन विनयाये। इन्सान का चोला अनमोल व किमती हैं इसे अनावश्यक भोगों में न गवाइए।
मनुष्य पूर्व जन्म की कमाई का भोग अभी करता है ,और इस जन्म की कमाई जो आपको सत्कर्मों से मिलेगी तो संचित धन के रूप में जमा होगी उस कमाई से आपका प्रारब्ध बनेगा।
भगवान श्री कृष्ण ने गीता में कहा है, जबसे श्रेष्ठि बनी है तबसे जीव आत्म रही हैं। सत्संग के बाद प्रसादी भण्डारा संगत ने ग्रहण किया। संत मण्डल एवं आप संगत का आभार प्रदर्शन दादी पुष्पा पमनानी,सपना -डॉक्टर सुरेश पमनानी ने प्रकट किया।
आज होगा समापन संत श्री शम्भू लालजी प्रेम प्रकाशी ने बतलाया कि सोमवार 18 नवंबर को इस पंच दिवसीय महोत्सव का समापन होगा व श्रीमद् भागवत गीता एवं श्री प्रेम प्रकाश ग्रंथ के पाठों का भोग व संध्या कालीन सत्संग सभा में श्री प्रेम प्रकाश पंथ के द्वितीय पिठाधवेशर सद्गुरु स्वामी सर्वानंद जी महाराज के 128 वे पावन जन्म उत्सव के अंतर्गत के केक प्रसाद द्विप प्रज्वलित कर 56 भोग का नैवेद्य अर्पित किया जाएगा तथा शाम को ही पल्लव पाकर गुरु महाराज इस पांच दिवसीय महोत्सव का समापन करेंगे आप श्री ने सिंधी समाज एवं धर्म प्रेमियों से धर्म लाभ प्राप्त करने का आग्रह किया है।