राष्ट्रीय किसान दिवस पर किया किसानों का सम्मान – ब्रह्माकुमारीज़
दीपक शर्मा
पन्ना २३ दिसंबर ;अभी तक ; राष्ट्रीय किसान दिवस के अवसर पर ब्रह्माकुमारीज़ विद्यालय, पवई में किसान सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में विशेष रूप से आमंत्रित किसान भाइयों का सम्मान किया गया। ब्रह्माकुमारी बहन जी ने सभी को राष्ट्रीय किसान दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि भारत एक कृषि प्रधान देश है, और हमारी अर्थव्यवस्था का आधार कृषि उत्पादकता है। उन्होंने किसानों की भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा कि राष्ट्र को सुखी और समृद्ध बनाने के लिए किसानों का सशक्तिकरण जरूरी है। किसान हमारे देश की शान हैं। बहन जी ने कहा कि आध्यात्मिकता के माध्यम से किसानों के अंतर्मन को शुद्ध करना आवश्यक है। मेडिटेशन और ध्यान के अभ्यास से व्यक्ति में सद्भावना, आत्मविश्वास, और हिम्मत जैसे सुषुप्त मूल्य जागृत होते हैं।
यौगिक खेती पर जोर
बहन जी ने यौगिक खेती और सात्विक जीवन शैली अपनाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा, जब हम अपने शुभ वाइब्रेशन प्रकृति को देंगे, तो प्रकृति भी जल्द ही सतोप्रधान बन जाएगी। जब हम फसल को परमात्मा की स्मृति में शुभ वाइब्रेशन देते हैं, तो प्रकृति उसे जल्दी ग्रहण करती है। इससे पौधों का विकास बेहतर होता है। किसानों को अपने विचारों को शुद्ध और पवित्र बनाना होगा, ताकि उनकी फसल और जीवन में सकारात्मक बदलाव आ सके। सम्मेलन में किसानों के महत्व पर चर्चा करते हुए कहा गया कि ष्किसान इस देश की शान है। भारत को सुपर पावर बनाने में किसान अहम भूमिका निभाते हैं। यह समय है किसानो के खोए हुए सम्मान को पुनः लौटने का। ष्किसानों का आत्म सम्मान जगाना इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है।ष् आत्मसम्मान एक ऐसा उपहार है जिसे प्राप्त करने से व्यक्ति और अच्छी तरह से मेहनत कर हर क्षेत्र में खुशी से तथा तेजी से सफलता के शिखर को प्राप्त करता है। अपने आगे कहा आत्मसम्मान अर्थात स्वयं को, अपने सच्चे स्वरूप में जानना, मानना और पहचाना। आत्मविश्वास से ही आत्मसम्मान जागृत होगा।आत्मविश्वास का उद्गम आत्म जागृति से होता है जिसके आधार पर आत्म सम्मान तथा अन्नदाता अपने सम्मान को जागृत कर सकता है। इस कार्यक्रम में विशेष रूप से श्रीमती देवी खटीक, पार्षद पवई, सभापति पटेल, जनपद सदस्य मुराछ, सरपंच प्रतिनिधि मुराछ, प्रहलाद बहरे, पुष्पेंद्र सिंह बुंदेला, रामलला बागरी, वीर सिंह सहित अनेक गांवों के किसानों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया और आयोजन की सराहना की एवं सभी ने सात्विक जीवन जीने की प्रतिज्ञा की।