लोक स्वास्थ यांत्रकीय विभाग पीएचई में बड़ा घोटाला, स्कूल, आंगनवाड़ीयों मे बिना जल सप्लाई के शासकीय राशि में किया भारी फर्जीवाड़ा
दीपक शर्मा
पन्ना २ दिसंबर ;अभी तक ; पन्ना जिल में लोक स्वास्थ यंत्रीकीय विभाग में पदस्थ कार्य पालन यंत्री महेन्द्र सिंह विगत पांच वर्ष से पन्ना में जमें हुए है तथा लगातार नल जल योजना, जल जीवन मिशन में भारी फर्जीवाड़ा लगातार कर रहें है, उसके बावजूद संबंधित के खिलाफ कोई कार्यवाहीं नही की जा रही है। आंगनवाड़ी तथा स्कूलो में पेयजल उपलब्ध कराने के लिए करोड़ो रूपये की राशि सरकार द्वारा विभाग को आवंटित की गई थी। लेकिन विभाग के अधिकारी, कर्मचारीयों नें मिलकर मनमाने ढंग से मोटर पंप तथा नल फिटिंग करवाई गई, एवं शिक्षा विभाग तथा महिला बाल विकास विभाग को हैन्ड ओवर करके फर्जीवाड़ा किया गया है।
कार्यक्रम अंतर्गत जिले के शासकीय प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालयों और आंगनबाड़ी केंद्रों में पढ़ने वाले नौनिहालों को विद्यालय में ही शुद्ध पेयजल की सुविधा हेतु लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के माध्यम से शासन द्वारा करोड़ों का बजट स्वीकृत किया गया था जिसे ठेकेदार द्वारा लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग एवं शिक्षा विभाग के अधिकारियों से मिलकर ठिकाने लगा दिया गया, नतीजा करोड़ों की शासकीय राशि खर्च होने के बावजूद किसी भी शासकीय विद्यालय या आंगनबाड़ी केन्द्र में पेयजल की सुविधा शुरू नहीं हो सकी, बोर, समर्शिबल, टंकी और नल फिटिंग के नाम की करोड़ों की राशि कागजी खानापूर्ति के माध्यम से ठिकाने लगा दी गई। जिसके चलते करोड़ों की राशि खर्च होने के बावजूद मासूम बच्चों को अपनी प्यास बुझाने के लिए स्कूल के बाहर जाना पड़ता है।
पेयजल व्यवस्था के नाम पर डबल घोटाला
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार विद्यालयों में पेयजल व्यवस्था हेतु जहां बोर करवाए गए हैं वहां 200 फीट बोर करवा कर 400 फीट का बिल बनवाया गया है। लेकिन अधिकांश स्कूलों में बोर करवाने के बजाय पूर्व में लगे हेंडपंपों के बोर को नया बोर दर्शा दिया गया है। शायद ही कहीं सबमर्सिबल डाला गया हो, पाइपलाइन की अधूरी फिटिंग की गई टंकी केवल शोपीस के लिए रखी गई, कुल मिलाकर केवल फोटोग्राफी के लिए औपचारिकता निभाई गई और फर्जी तरीके से भुगतान करवा लिया गया, इस प्रकार स्कूलों में पेयजल व्यवस्था के नाम पर दोहरा भ्रष्टाचार किया गया है।
विद्यालयों के शौचालय बने शोपीस इसी प्रकार के हाल शौचालयों के बताए जा रहे हैं शायद ही किसी स्कूल में शौचालय और प्रसाधन चालू हो, अधिकांश स्कूलों के शौचालय एवं प्रसाधन जर्जर होने के चलते उनमें ताले लटक रहे हैं। जिसके चलते बच्चों को स्कूल के आसपास की झाड़ियों में लघुशंका एवं शौच के लिए जाना पड़ता है। विदित हो कि ग्रामीण क्षेत्रों के अधिकांश विद्यालय गांव से बाहर खेतों एवं जंगलों से लगे हुए क्षेत्र में होते हैं जहां हिंसक वन्य प्राणियों, आवारा पशुओं और वाहनों से दुर्घटना का खतरा बना रहता है लेकिन स्कूलों में शौचालयों की जर्जर हालत एवं उनमें ताला लगे होने एवं पेयजल की व्यवस्था नहीं होने के कारण बच्चों को खतरों का खिलाड़ी बनना पड़ रहा है। पन्ना जिले के शिक्षा के मंदिरों में इस प्रकार के हालात एवं व्याप्त भ्रष्टाचार को जिले के वरिष्ठ अधिकारी एवं जनप्रतिनिधि अनदेखा एवं अनसुना कर रहे हैं जिससे सुधार के बजाय हालात और भी बिगड़ रहे हैं।
इनका कहना है-
हमारे विभाग की जिम्मेदारी बोर में मोटर डाल कर विद्यालयों में पानी की टंकी लगाना और नल फिटिंग करवा कर पानी की सुविधा करवाने की थी जो करवा कर विद्यालयों को सौंप दिया गया है। अब मेंटेंनेंस की जिम्मेदारी शिक्षा विभाग की है। अगर किसी विद्यालय में पेयजल सुविधा षुरु नहीं हुई तो उसके बारे में जानकारी मिलने पर निरीक्षण करवा कर आगे की कार्यवाही करवाई जाएगी।
महेन्द्र सिंह कार्यपालन यंत्री लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग
जल जीवन मिशन कार्यक्रम अंतर्गत ग्रामीण यांत्रिकी विभाग द्वारा शासकीय विद्यालयों में नल से जल पहुंचाने के लिए कार्य किया गया है यदि इसमें कोई गड़बड़ी हुई है तो डीसीपी को ग्रामीण यांत्रिकी विभाग के अधिकारियों से संपर्क कर सुधार कार्य करवाना चाहिए, अगर डीपीसी ध्यान नहीं दे रहे तो डीईओ या सीईओ को अवगत करवाना होगा आपके द्वारा यह मामला मेरे संज्ञान में लाया गया है मैं इस बारे में संबंधित विभागों के अधिकारियों से संपर्क करूंगा।
डॉ मनीष वर्मा संयुक्त संचालक लोक शिक्षण सागर संभाग