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वन मंडलाधिकारी के मनमाने आदेश को लेकर कर्मचारी कांग्रेस संगठन ने जताई नाराजगी

दीपक शर्मा

पन्ना ४ अक्टूबर ;अभी तक ;  प्रान्ताध्यक्ष कर्मचारी कांग्रेस संगठन मुनेन्द्र सिंह परिहार ने प्रेस विज्ञप्ती जारी करते हुए कहा है कि वनमण्डलाधिकारी उत्तर पन्ना द्वारा न व्यक्तिगत स्वार्थ एवं दोशी लिपिकों को संरक्षण प्रदान कर उन्हें अनैतिक कार्यों से बचाने के लिये अधिकार न होने के बावजूद न संगठन के विरूद्ध मनमाने ढंग से पत्राचार किया गया है।

पत्र क्रमांक/स्टेनो/2024/4364 पन्ना दिनांक 25.09.2024 जारी कर संगठन ने कहा कि यह दुष्टचार प्रचार किया गया था। जबकि संगठन एवं सेवा से संबंधित प्रकरण माननीय उच्च न्यायालय में क्रमषः डब्ल्यूपी 858/2023 एवं डब्ल्यूपी 14609/न 2018 तथा दिनांक 20.04.2023 से स्थगन आदेश निरन्तर जारी होने के बाद भी वनमण्डलाधिकारी उत्तर पन्ना ने रजिस्ट्रार फर्म्स एवं संस्थाएं एवं राज्य शासन के अधिकारों में अतिक्रमण करते हुये नियम विरूद्ध एवं अवैधानिक पत्र जारी कर पन्ना जिले के संबंधित वन विभाग के कार्यालयों को दुष प्रचार करते हुये प्रेषित किया गया है।

प्रान्ताध्यक्ष मुनेन्द्र सिंह परिहार ने आगे कहा है कि माननीय उच्च न्यायालय के पारित आदेश दिनांक 24.01.2023 20.09.2023 एवं याचिका क्र. डब्ल्यूपी 14609/2018 में पारित आदेष दिनांक 06.07.2018, दिनांक 20.04.2023 से माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा पारित आदेष के पालन में वनमण्डलाधिकारी उत्तर पन्ना का जारी पत्र क्र. 4364 दिनांक 25.09.2024 जो वनमण्डलाधिकारी के अधिकार क्षेत्र से बाहर होने व संगठन पर नियंत्रण किये जाने हेतु रजिस्ट्रार फर्म्स एवं संस्थाएं तथा राज्य षासन के जारी आदेश के अनुक्रम में है। वनमण्डलाधिकारी उत्तर पन्ना द्वारा जारी पत्र नियमानुकूल नहीं होने व विधि विरूद्ध जारी पत्र को तत्काल प्रभाव से अमान्य करते हुये निरस्त किया गया है। वनमण्डलाधिकारी उत्तर पन्ना के द्वारा जारी पत्र दिनांक 25.09.2024 को अमान्य करते हुये राज्य शासन के समस्त विभागों को संगठन द्वारा अवगत कराया जा चुका है। वनमण्डलाधिकारी उत्तर पन्ना के जारी पत्र को अवैध एवं शून्य घोषित करते हुये संगठन ने वनमण्डलाधिकारी उत्तर पन्ना के विरूद्ध राज्य षासन एवं रजिस्ट्रार फर्म्स एवं संस्थाएं भोपाल को अवगत करा दिया गया है। सभी संगठन पदाधिकारी पूर्व की भांति अपने-अपने जिले में कर्मचारी एवं अधिकारियों के हित में संगठन का संचालन करते रहेंगे।

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