प्रदेश
सरस्वती विहार शैक्षिक संस्थान में आयोजित हुआ वार्षिकोत्सव ‘उजास: पंच परिवर्तन’ का
महावीर अग्रवाल
मन्दसौर ९ जनवरी ;अभी तक ; सरस्वती विहार शैक्षिक संस्थान मंदसौर में ‘‘उजास: पंच परिवर्तन का’ विषय को लेकर वार्षिकोत्सव धूमधाम और उत्साह के साथ आयोजित किया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन और मां सरस्वती की वंदना से हुई। मुख्य अतिथि मासिक पत्रिका देवपुत्र के प्रबंध न्यासी श्री राकेश भावसार ने अपने संबोधन में भारतीय संस्कृति की महानता और इसे संजोने के महत्व पर जोर दिया। साथ ही पंच परिवर्तन से संबंधित पर्यावरण, समरसता, पारिवारिक भाव, संस्कार, जीवनशैली, कुटुम्ब और समाज में सकारात्मक परिवर्तन की बात उन्होंने अपने संबोधन में रखी। कार्यक्रम की विशेष अतिथि श्रीमती रमादेवी गुर्जर ने भैया बहिनों एवं आचार्य द्वारा तैयार कई गए कार्यक्रम की सराहना की। कार्यक्रम की अध्यक्षता सरस्वती विद्या प्रतिष्ठान मालवा प्रांत प्रमुख श्री पंकज पंवार ने की ।
विद्यालय के प्रधानाचार्य श्री प्रवीण मिश्रा ने मंचासीन अतिथियों का परिचय करवाया तत्पश्चात भारतीय आदर्श शिक्षण समिति के महासचिव एवं संस्थान के प्रबंधक श्री सुनील शर्मा ने विद्यालय का वार्षिक प्रतिवेदन वीडियो क्लिप के सहायता से प्रस्तुत किया।
कक्षा नर्सरी से 5 वीं तक के भैया बहनों ने विविध सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के माध्यम से भारतीय परंपराओं को जीवंत किया। नृत्य, नाटक, गायन और वाद्य यंत्रों की शानदार प्रस्तुतियों ने दर्शकों का मन मोह लिया। ‘उजास‘ के मंच पर प्रस्तुत किए गए नाट्य कार्यक्रमों ने भारतीय इतिहास और संस्कृति के गौरवशाली पलों को पुनर्जीवित किया।
इस अवसर पर विशेष ऊर्जावान अतिथि के रूप में समिति के सचिव श्री अशोक पारिख, कोषाध्यक्ष श्री राजदीप परवाल, सदस्य श्रीमती वर्तिका पारीक, श्री रविन्द्र पांडे, सीएम राईस स्कूल साबाखेडा प्राचार्य श्री दिलीप डाबी, श्री रविन्द्र सोहोनी, श्री रमेश कश्यप, श्री रमेश डांगी एवं सरस्वती विद्या मंदिर सीबीएसई एवं सैनिक स्कूल की प्राचार्या डॉ. सरोज प्रसाद,सरस्वती शिक्षा महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ. योगिता सोमानी, छात्रावास अधीक्षक श्री कमलकिशोर गोठी, एमपी बोर्ड विद्यालय के प्राचार्य श्री महेश वप्ता, उपप्राचार्या सुश्री लक्ष्मी राठौड़, विद्यालय के सभी आचार्य दीदी कार्यक्रम के साक्षी रहे। भैया बहिनों के साथ बड़ी संख्या में अभिभावकों की उपस्थिति ने कार्यक्रम को सफलता के आयाम प्रदान किये ।