सागर में सियासत का संग्राम
रवीन्द्र व्यास
बुंदेलखंड के सागर में एक बार फिर सियासत के समीकरण बिगड़ रहे हैं | पूर्व मंत्री और वर्तमान मंत्री के मध्य बनी अनबन सी एम् के मंच पर भी देखने को मिली | इसके पीछे बीजेपी में कांग्रेसी संस्कृति पनपने का आगाज माना जाने लगा है | सागर इन्वेस्टर सम्मिट के बाद पूर्व मंत्रियों की सी एम के सामने नाराजगी का यह दूसरा मौका था | वैसे भी बीजेपी के पूर्व मंत्री और वर्तमान मंत्री के मध्य अनबन कई मौकों पर देखने को मिली है | पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह ने अपने स्वागत से लेकर अपने भाषण में अपने तीखे तेवर मंच पर ही दिखा दिए |
सागर में गौरव दिवस कार्यक्रम के दौरान फोटो ना लगाने से शुरू हुई ।अब अगर सागर जिले में बीजेपी को इस ऊंचाई तक ले जाने वाले पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह और गोपाल भार्गव का फोटो ना लगे तो दोनों का नाराज होना स्वाभाविक है | इतना ही नहीं आमंत्रण कार्ड में भी दोनों के नाम नहीं छपवाए गए | हालाँकि रातों रात शहर में नए पोस्टर लगाए गए, जिसमें दोनों की फोटो लगाई गई | जिसका असर गौरव दिवस कार्यक्रम में सी एम् मोहन यादव , पुष्कर धामी ,और विधान सभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर की उपस्थिति में दिखा |
पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह ने अपनी नाराजगी मंच से ही जाता दी | जब मंच पर अतिथियों का स्वागत किया जा रहा था तब भूपेंद्र के स्वागत के लिए जो गुलदस्ता भेंट किया गया उन्होंने उसको लेने से एक तरह से इंकार कर दिया | पहली बार तो उन्होंने इसे बगल में बैठे देवरी विधायक गुड्डा पटेरिया (ब्रज बिहारी पटेरिया ) को दिला दिया, दूसरी बार भी लेने से इंकार कर दिया तीसरी बार में जब उन्होंने गुलदस्ता लिया तो सी एम् मोहन यादव को भेंट कर दिया |
भूपेंद्र सिंह की तल्खी उनके भाषण के दौरान भी दिखी | भाषण के दौरान भूपेंद्र सिंह ने सभी अतिथियों के नाम लिए , लेकिन गोविंद सिंह का नाम नहीं लिया। यहाँ तक कि उन्होंने गोविंद सिंह की बजाय विधायक शैलेंद्र जैन को कार्यक्रम का आयोजक बता दिया । उन्होंने कहा कि ये मत देखो कि मेरी फोटो लगी है या नहीं, फोटो लगे या ना लगे, लेकिन उनका पूरा जीवन सागर और बुंदेलखंड के विकास के लिए समर्पित रहा है और रहेगा | उन्होंने कांग्रेस पर भी निशाना साधा और पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के कार्यों की प्रशंसा भी की जिनके कार्यकाल में सागर का चौमुखी विकास हुआ |
९ बार के विधायक पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव मंच पर इस मामले में संतुलित नजर आये उन्होंने सभी के नाम लिए और सागर सहित देश प्रदेश में विकास के लिए बीजेपी सरकार के योगदान को बताने से नहीं चूके | हालंकि वे फोटो के मसले पर पहले पर पहले ही मीडिया से बात कर चुके थे | मीडिया से चर्चा में उन्होंने कहा ‘फोटो से अगर कोई नेता बना होता तो जयप्रकाश नारायण की कभी फोटो नहीं लगी, लेकिन फिर भी वह लोकनायक कहलाते हैं, केवल फोटो लगाने से कुछ नहीं होता है. अगर आदमी दुनिया में याद किया जाए तो अपने कामों से याद किया जाए, क्योंकि फोटो से कोई याद नहीं किया जाता है. अपनी मजबूत राजनैतिक छवि के लिए जाने जाने वाले गोपाल भार्गव का यह बयान एक बड़ा राजनैतिक सन्देश माना जा रहा है.
सागर जिला मोहन सरकार के कार्यकाल में राजनैतिक गुटबाजी का केंद्र क्यों बना है. इसको लेकर लोगों के अलग अलग मत हैं. ऐसा भी नहीं है कि राजनैतिक महत्वाकांक्षा के कारण पहले यहां मनमुटाव बीजेपी नेताओं और मंत्रियों में देखने को नहीं मिला | पहले भी यह सब होता था पर वह अपनी शालीनता की हद में कोई किसी को सार्वजनिक तौर पर किसी को नीचा दिखाने का प्रयास नहीं करता था | किसी ने क्या खूब बात कही है कि जब दल का सांस्कृतिक आदान प्रदान होता है तो संस्कृति और उस कार्य पद्धति का असर तो देखने को मिलता ही है |
सवाल यही खड़ा होता है कि किसके इसारे पर सागर में यह गुटबाजी हो रही है और कौन इसको हवा दे रहा है ? ऐसा भी नहीं कि इसकी जानकारी सी एम् मोहन यादव और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वी. डी . शर्मा को ना हो | जानकारी दोनों को है पर दोनों ही इस मामले को लेकर अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठा पाए |
सागर में चल रही पार्टी की गुटबाजी को लेकर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वी. डी. शर्मा का कहना है कि हमारा संगठन है दुनिया का सबसे बड़ा राजनीतिक दल है पंच सरपंच से लेकर कहां तक भाजपा नेतृत्व कर रही है और मनुष्य है कोई कभी कोई बात हो जाती है लेकिन बीजेपी में मैं आपके को विश्वास के साथ कहना चाहता हूं अपनी हमारी पद्धति है इस पद्धति में हमारी सारी समस्याओं का समाधान हम निकाल लेते हैं जहां तक और हम लोग अपने सिस्टम में सक्षम है और इन सारी चीजों का हम समाधान कर लेंगे |
यह कोई पहला मामला नहीं जब राजनैतिक विरोधाभास सार्वजनिक तौर पर बुंदेलखंड के लोगों को देखने को मिला हो | इसके पहले भी , सागर इन्वेस्टर सम्मिट में , जिला योजना समिति की बैठक में , गोविन्द सिंह द्वारा आयोजित कार्यक्रम में , दिवाली आयोजन में जैसे अनेक कार्यक्रमों में देखने को मिला | इसका सीधा असर किस पर पड़ेगा यह सब जानते हैं | दूसरी तरफ कांग्रेस है जो यह सब तमाशा देख कर प्रसन्न है कि जिनके कारण पहले कांग्रेस में गुटबाजी के कारण कांग्रेस कमजोर हुई थी अब वह बीजेपी की शोभा बड़ा रहे हैं |